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कानपुर: 80,00,00,000 रुपये के पुराने नोट जब्त, 7 हिरासत में लिए गए
सरकार ने नोटबंदी के ऐलान के दौरान वादा किया था कि इस कदम से कालाधन, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, नक्सलवाद और कश्मीर में होने वाली पत्थरबाज़ी जैसी घटनाओं की कमर टूट जाएगी.
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और उत्तर प्रदेश पुलिस की ज्वाइंट रेड में कानपुर में 80 करोड़ रुपये मूल्य के पुराने नोटों का पता चला जिसे छापे के बाद जब्त कर लिया गया. इस मामले में पुलिस ने 7 को हिरासत में लिया है, जबकि कुछ लोग गिरफ्तार भी किए गए हैं.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘कानपुर पुलिस को एक बंद घर में बड़ी मात्रा में पुराने नोटों के होने के बारे में पता चला. इन नोटों को बदलवाने की बात करने वालों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है."
आगे कहा गया, "अनुमान के मुताबिक जब्त की गयी रकम करीब 80 करोड़ रुपये तक की हो सकती है.’’ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों और आयकर विभाग (इनकम डैक्स डिपार्टमेंट) की टीम जल्द ही जब्त की गयी राशि की सटीक जानकारी देगी.
पुलिस ने गिरफ्तार किये गये व्यक्तियों के नाम बताने से इंकार कर दिया. पुलिस सूत्रों ने बताया, ‘‘हम इस मामले में सरकारी अधिकारयों के शामिल होने की दिशा में भी जांच कर रहे हैं.’’
एक और पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह छापेमारी कानपुर के सीसामऊ इलाके में की गयी और स्वरूप नगर पॉकेट के एक होटल से कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया. पुलिस महानिरीक्षक (कानपुर क्षेत्र) आलोक सिंह इस मामले की निगरानी कर रहे हैं.
2016 में आठ नवंबर को लिया गया था नोटबंदी का ऐतिहासिक फैसला
आपको याद होगा कि साल 2016 के नवंबर महीने में आठ तारीख को पीएम मोदी ने एतिहासिक नोटबंदी का ऐलान किया था. इस ऐलान के बाद आठ नवंबर के पहले चलन में रहे 1000 और 500 के नोटों को बंद कर दिए गया था. इनके बदले 2000 और 500 के नए नोट लाए गए.
सरकार ने वादा किया था कि इस कदम से कालाधन, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, नक्सलवाद और कश्मीर में होने वाली पत्थरबाज़ी जैसी घटनाओं की कमर टूट जाएगी. हालांकि बाद में सरकार ने इसे कैशलेस इकॉनमी से जोड़ दिया और बताया कि कैश का प्रयोग कम होने से डिजिटल इंडिया को तो फायदा मिलेगा ही, साथ ही काले धन पर भी लगाम लगेगी.
आपको बता दें कि नोटबंदी के लगभग सवा साल पूरे होने के बाद भी छापे में 80 करोड़ रुपए जैसी रकम मिलना किसी अचरज से कम नहीं है. इससे एक बात तो साफ है कि बहुत से लोगों ने पुराने नोटों को बदलकर नए नोट पाने की उम्मीद अबतक नहीं छोड़ी है.
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