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Special Ops 2 Review: पलक झपकने का मौका नहीं देता ये शो, केके मेनन, करण टैकर, ताहिर का कमाल परफॉर्मेंस
Special Ops 2 Review: स्पेशल ऑप्स का दूसरा सीजन आज रिलीज हो गया है. अगर आप भी इसे देखने का प्लान बना रहे हैं तो पहले इसका रिव्यू पढ़ लें.
स्पेशल ऑप्स 2 रिव्यू
Source : Instagram
स्पेशल ऑप्स 2
18-07025 | हिंदी
एक्शन
Director
नीरज पांडे और शिवम नायर
Starring
केके मेनन. करण टैकर, ताहिर राज भसीन, प्रकाश राज, सैयामी खेर, गौतमी कपूर
Platform
ओटीटी
Special ops एक ऐसी सीरीज है जिसके अगले सीजन का फैंस को बेसब्री से इंतजार रहता है, इस शो ने लोगों के दिल में अपनी एक अलग जगह बनाई है. इस शो का सीजन 1 और 1.5 आ चुका है और अब सीजन 2 आ गया है. वैसे तो ये तीसरा सीजन है लेकिन इसे सीजन 2 कहा गया है. इस बार भी ये शो उम्मीदों पर खरा उतरता है, आपको स्क्रीन से चिपकाए रखता है, बांधे रखता है और अच्छे से एंटरटेन करता है.
कहानी
जमाना AI का है और इस बार कहानी में साइबर क्राइम की एंट्री हुई है. देश के सबसे बड़े साइंटिस्ट डॉ पीयूष भार्गव को किडनैप कर लिया जाता है, साथ ही एक इंटेलीजेंस ऑफिसर का मर्डर कर दिया जाता है. अब हिम्मत सिंह के ऑपरेशन है डॉ भार्गव को देश वापस लाना क्योंकि वो वापस नहीं आए तो पूरे देश की सिक्योरिटी पर खतरा है. देश में सबके बैंक अकाउंट्स खाली हो सकते हैं, साथ की कहानी में एक बैंक फ्रॉड है. एक ऐसा विलेन है जिसे लोगों को अपने पास कैद करके रखने का शौक है. ये सब कैसे जुड़ा हुआ है, इसके लिए आपको ये शो देखना होगा.
कैसी है सीरीज
ये सीरीज बढ़िया है, कहानी स्पीड से आगे बढ़ती है, एक के बाद एक ट्वीट आते हैं, नए किरदर आते हैं, लगातार कुछ नया होता है. कई देशों से कहानी गुजरती है तो आपको कमाल की लोकेशंस देखने को मिलती हैं. नए किरदारों की एंट्री सीरीज को दिलचस्प बनाए रखती है. एक्शन सीन शानदार हैं, शो की प्रोडक्शन वैल्यू काफी अच्छी है. आप एक बार सीरीज देखना शुरू करेंगे तो पूरी देखकर ही रहेंगे. इसके कुल 7 एपिसोड्स हैं, हर एपिसोड 50 मिनट से 1 घंटे का है और बिल्कुल खिंचा हुआ नहीं लगता. ये सीरीज अपनी जगह लोगों के दिल में इस कदर बना चुकी है कि इस सीजन को लोग देखेंगे ही देखेंगे चाहे जो हो जाए.
एक्टिंग
KK menon इस शो की जान है, वो एक्टिंग की मास्टर क्लास हैं, बिना चीखे चिल्लाए वो अपना काम करते है. अपने डायलॉग्स और अपनी आंखों से काम कर जाते हैं. अपनी पर्सनल लाइफ को भी बड़े सहज तरीके से मेंटेन करते हैं. सीरीज में अगर कोई कमी है तो केके उसे अपनी कमल एक्टिंग से छिपा जाते हैं. करण टैकर को देखकर लगता है कि ये बंदा इतने साल टीवी में टाइम क्यों वेस्ट कर रहा था. इनको बड़े मौके क्यों नहीं मिले. करण गजब डैशिंग लगते हैं और उन्होंने कमाल काम किया है. उनकी स्क्रीन प्रेजेंस किसी बड़े बॉलीवुड हीरो जैसी है. ताहिर राज भसीन एक अलग तरह के विलेन बने हैं. उसे लोगों को कैद करने का शौक है, वो भी बिना खून खराबा किए खौफ पैदा करते हैं और इसमें कामयाब होते हैं. प्रकाश राज का काम अच्छा है, एक ऐसा शख्स जो बैंक से अपना ही पैसा नहीं निकाल पा रहा. इस बेचारगी को वो कमाल तरीके से दिखाते हैं. गौतमी कपूर अच्छी लगी हैं. मुज्जमिल इब्राहिम काफी इंप्रेस करते हैं. परमीत सेठी बढ़िया लगे हैं, सैयमी खेर ठीक हैं, वो इससे बहुत अच्छे काम कर चुकी हैं. आरिफ जकारिया का काम बढ़िया है, शिखा तलसानिया अच्छी लगी हैं.
डायरेक्शन राइटिंग
नीरज पांडे और शिवम नायर ने ये सीरीज बनाई है. राइटिंग अच्छी है, और बेहतर हो सकती थी. डायरेक्शन शानदार है, सीरीज की पेस जबरदस्त है, सीरीज सांस लेने का मौका नहीं देती. और ये भी बताती है कि बिना चीख चिल्लाहट, ज्यादा खून खराबे के भी अच्छी सीरीज बन सकती हैं.
कुल मिलकर ये सीरीज देखी जा सकती है.
रेटिंग - 3.5 stars
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