Covid-19: क्या बाजार में मिलने वाली सस्ती दवा से होगा संक्रमण का इलाज? शोधकर्ताओं ने कही ये बात
बाजार में आसानी से मिलने वाली दवा कोविड-19 के इलाज में काम आ सकती है?शोधकर्ताओं ने बताया कि एस्पिरिन का इस्तेमाल मौत को कम कर सकता है
कोविड-19 की चपेट में आकर अस्पताल में भर्ती मरीज रोजाना कम डोज एस्पिरिन का इस्तेमाल करते हैं, तो बीमारी की पेचीदगी और मौत का खतरा कम हो सकता है. इसके मुकाबले, एस्पिरिन नहीं लेने वालों को कोविड-19 की पेचीदगी से मौत का खतरा होता है. अमेरिका की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के मेडिसीन स्कूल की तरफ से किए गए शोध में हैरतअंगेज खुलासा हुआ है.
क्या कोविड-19 के इलाज में मामूली दवा आएगी काम?
शोधकर्ताओं का कहना है कि एस्पिरिन लेने वाले कोविड-19 के मरीजों को इंटेसिव केयर यूनिट तक पहुंचने या वेंटिलेटर सपोर्ट पर जाने का भी खतरा कम होता है. शोध को एनेस्थीसिया और एनाल्जेसिया नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है. शोधकर्ता प्रोफेसर जोनाथन चो कहते हैं, "ये महत्वपूर्ण खोज है जिसे रैन्डमाइज्ड क्लीनिकल ट्रायल से पुष्टि की जरूरत है."
उन्होंने कहा कि अगर उनके खोज की पुष्टि हो जाती है तो एस्पिरिन को कोविड-19 के मरीजों की मौत कम करने में इस्तेमाल किया जा सकेगा. शोध के लिए वैज्ञानिकों ने औसतन 55 साल की उम्र वाले 412 कोविड-19 मरीजों के रिकॉर्ड का परीक्षण किया. ये मरीज पिछले कुछ महीनों से संक्रमण की पेचीदगी के चलते अस्पताल में भर्ती थे. उनमें से 25 फीसद रोजाना 81 मिलीग्राम एस्पिरिन का इस्तेमाल अस्पताल में दाखिल होने से पहले या उसके बाद कर रहे थे. जिससे कि दिल की बीमारी को नियंत्रित को किया जा सके.
शोधकर्ताओं ने पाया कि एस्पिरिन के इस्तेमाल से वेंटिलेटर सपोर्ट का खतरा 44 फीसद, ICU में दाखिल होने की आशंका 43 फीसद और सबसे ज्यादा 47 फीसद मौत का खतरा कम हो गया. शोध से ये भी पता चला कि एस्पिरिन ग्रुप के मरीजों को स्पष्ट प्रतिकूल प्रभाव जैसे अस्पताल में रहते रक्त स्राव का सामना नहीं करना पड़ा. गौरतलब है कि कोविड-19 के नतीजे में दिल, फेफड़े, खून की धमनियों और अन्य अंगों में खून के थक्के जमने का खतरा बढ़ता है. खून का थक्का हार्ट अटैक, फालिज, और मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर समेत मौत का कारण हो सकता है.
एस्पिरिन पर वैज्ञानिक क्यों जता रहे हैं बड़ा भरोसा?
खून का गाढ़ा होने या थक्का बनने से फालिज या हार्ट अटैक के शिकार लोगों को एस्पिरिन का रोजाना कम मात्रा में सेवन की सलाह दी जाती है. जिससे आगे खून के थक्कों को रोका जा सके. फिर भी, रोजाना एस्पिरिन का सेवन रक्त स्राव या अल्सर के खतरे को बढ़ा सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि एस्पिरिन की खून पतला करने वाली विशेषता कोविड-19 मरीजों के सूक्ष्म थक्के को बनने से रोककर फायदा पहुंचाती है. उनका सुझाव है कि कोविड-19 की पहचान पर मरीज रोजाना एस्पिरिन का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन, उन्हें पहले डॉक्टर से जरूर मशविरा करना चाहिए. उन्होंने चेताया कि किडनी रोगियों या खास दवा का इस्तेमाल लेनेवालों को एस्पिरिन नुकसान पहुंचा सकती है.
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