एक्सप्लोरर

Explained : अब तक क्यों नहीं बन पाई कोरोना की वैक्सीन?

क्या दुनिया के डॉक्टर मिलकर भी कोरोना की वैक्सीन खोज पाएंगे. क्या इस वायरस के आने के चार महीने बीतने के बाद भी डॉक्टर वैक्सीन की दिशा में एक कदम भी आगे बढ़ पाए हैं और क्या इस साल के अंत तक इस बीमारी का इलाज खोज लिया जाएगा?

कोरोना महामारी की वजह से पूरी दुनिया में एक लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. करीब 20 लाख लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं. इसके बावजूद दुनिया भर के डॉक्टर इस बीमारी से बचाव का न तो कोई टीका खोज पाए हैं और न ही अब तक इसका इलाज बता पाए हैं. हालांकि कोशिशें जारी हैं, लेकिन अभी तक किसी भी देश के किसी भी डॉक्टर को सफलता नहीं मिल पाई है. कोरोना की वैक्सीन की खोज में जुटी डॉक्टरों की टीम Coalition for Epidemic Preparedness Innovations का नेतृत्व कर रहीं ऑस्ट्रलियाई डॉक्टर जेन हाल्टन ने तो यहां तक कह दिया है कि डॉक्टर शायद कभी भी इस कोरोना की वैक्सीन नहीं खोज पाएंगे. जेन ने कहा है कि साइंस में कुछ भी निश्चित नहीं है. और इसी वजह से डॉक्टर अब भी कोशिश में लगे हैं.

डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन बनाने में कम से कम एक साल का वक्त लगेगा. इसके बाद कम से कम छह महीने का वक्त और लगेगा, जिसमें टेस्ट करने के बाद ये बताया जा सकेगा कि वैक्सीन सेफ है. इस वायरस को पैदा हुए चार महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. चीन हो या अमेरिका, इटली हो या स्पेन, जापान हो या भारत, हर जगह इस बीमारी की वैक्सीन तलाश की जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक फिलहाल तीन ऐसी वैक्सीन हैं, जिनका क्लीनिकल ट्रायल किया जा रहा है, जबकि 67 ऐसी वैक्सीन हैं जो प्रीक्लिनिकल फेज में पहुंच गई हैं.

किसी भी वैक्सीन को अंतिम रूप से इंसानों के योग्य साबित करने से पहले जानवरों पर टेस्ट करना पड़ता है. लेकिन जो तीन वैक्सीन क्लिनिकल स्टेज में हैं, उनमें से एक वैक्सीन का ट्रायल जानवरों पर न करके सीधे इंसानों पर किया जा रहा है, जबकि दो और वैक्सीन को इंसानों और जानवरों पर एक साथ टेस्ट किया जा रहा है. लेकिन इंसानों पर जो वैक्सीन टेस्ट की जाती हैं, उसके तीन चरण होते हैं. पहले चरण में छोटे स्तर पर वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाता है. करीब 100 मरीजों को ट्रायल के लिए लिया जाता है और फिर इस वैक्सीन के प्रभाव को देखा जाता है. दूसरे चरण में करीब एक हजार मरीजों पर इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाता है और इसके प्रभाव का अध्ययन किया जाता है. इस अध्ययन में कुछ महीने से लेकर कुछ साल तक का वक्त लग सकता है. जो वैक्सीन दोनों फेज पास कर जाती हैं, उसे तीसरे और अंतिम चरण में डाल दिया जाता है. इस फेज में हजारों लोगों पर वैक्सीन की टेस्टिंग होती है. इसमें भी कई साल लग जाते हैं.

कोरोना की भी वैक्सीन तलाश की जा रही है, तो उसमें भी इन्हीं प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा. इसलिए स्वाभाविक है कि वक्त तो लगेगा ही. विश्व स्वास्थ्य संगठन के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर माइक रायन ने भी माना था कि कोरोना की वैक्सीन तैयार करने में कम से कम एक साल का वक्त लगेगा. हालांकि कोरोना की वैक्सीन की तलाश में लगी ब्रिटिश डॉक्टरों की टीम की अगुवाई कर रही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सारा गिलबर्ट ने दावा किया है कि उन्हें 80 फीसदी यकीन है कि उनकी टीम सितंबर तक कोरोना की वैक्सीन बना लेगी और वो आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगी. अलज़जीरा अखबार से बात करते हुए गिलबर्ट ने दावा किया है कि अप्रैल के अंत तक वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा.

ऑस्ट्रेलिया की नेशनल साइंस एजेंसी ने अप्रैल की शुरुआत में ही बताया था कि उसने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन की जानवरों पर टेस्टिंग शुरू कर दी थी. वहीं अमेरिका ने तो इंसानों पर वैक्सीन का टेस्ट बहुत पहले ही शुरू कर दिया था. वॉशिंगटन में 16 मार्च को जेनिफर हेलर को निडल के जरिए कोरोना का टीका लगाया गया था. जेनिफर पहली ऐसी इंसान हैं, जिनपर कोरोना की वैक्सीन की टेस्टिंग हुई है. इस वैक्सीन का नाम है mRNA-1273, जिसे अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ और मैसाचुसैट्स की बायोटेक्नॉलजी कंपनी मॉडर्न इंक ने मिलकर बनाया है.

अप्रैल की शुरुआत में ही अमेरिका की एक और कंपनी ने इंसानों पर INO-4800 नाम की वैक्सीन की टेस्टिंग शुरू की है. इसके अलावा पेंसिलवानिया की एक कंपनी ने चीन के रिसर्चर्स के साथ मिलकर वैक्सीन पर रिसर्च शुरू कर दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक चीन की कंपनी कैनसिनो बायोलॉजिकल इंक और बीजिंग इंस्टिट्यूट ऑफ बायोटेक्नॉलजी की बनाई वैक्सीन का भी क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है.

अमेरिका हो, ऑस्ट्रेलिया हो या फिर चीन, तीनों ही देशों की बनाई वैक्सीन अब भी क्लिनिकल स्टेज में ही हैं. अभी कोई भी देश इस बात का दावा नहीं कर पा रहा है कि उसने कोरोना की वैक्सीन बना ली है. दूसरी ओर कोरोना की वजह से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. अमेरिका में 20 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इटली और स्पेन में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. ब्रिटेन जैसा देश भी कोरोना से हो रही मौतों को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है. लेकिन इस बीमारी का कोई कारगर इलाज मिलना अब भी बहुत दूर की कौड़ी साबित हो रहा है.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

आज से अमेरिका लेगा भारतीयों के खिलाफ एक्शन? H-1B और H-4 वीजा के लिए छोड़नी पड़ेगी प्राइवेसी
आज से अमेरिका लेगा भारतीयों के खिलाफ एक्शन? H-1B और H-4 वीजा के लिए छोड़नी पड़ेगी प्राइवेसी
'BJP मनमाफिक जुगाड़ नहीं पाई..', SIR को लेकर सीएम योगी के बयान पर अखिलेश यादव ने कसा तंज
'BJP मनमाफिक जुगाड़ नहीं पाई..', SIR को लेकर सीएम योगी के बयान पर अखिलेश यादव ने कसा तंज
कौन हैं अहमद अल अहमद? सिडनी में शूटर से भिड़कर बंदूक छीनने वाले ‘हीरो’ की कहानी
कौन हैं अहमद अल अहमद? सिडनी में शूटर से भिड़कर बंदूक छीनने वाले ‘हीरो’ की कहानी
IND VS SA: 'रन नहीं बना पा रहा हूं लेकिन...' मैच के बाद ये क्या बोल गए सूर्यकुमार यादव
'रन नहीं बना पा रहा हूं लेकिन...' मैच के बाद ये क्या बोल गए सूर्यकुमार यादव

वीडियोज

Bihar News: बिहार के नवादा में पुलिस को चकमा देकर कैदी फरार | ABP News
सिडनी में 'पहलगाम'? आतंकियों ने चुन-चुन कर मारा!
Janhit: PM मोदी ने फिर चौंकाया! | National Executive President | Nitin Nabin | BJP | PM Modi
UP Politics: यूपी BJP को मिला नया प्रदेश अध्यक्ष...27 का शुरू अभियान | CM Yogi
Sandeep Chaudhary: BJP के कार्यकारी अध्यक्ष बने नितिन नबीन, विपक्ष में हलचल | Nitin Nabin |PM Modi

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
आज से अमेरिका लेगा भारतीयों के खिलाफ एक्शन? H-1B और H-4 वीजा के लिए छोड़नी पड़ेगी प्राइवेसी
आज से अमेरिका लेगा भारतीयों के खिलाफ एक्शन? H-1B और H-4 वीजा के लिए छोड़नी पड़ेगी प्राइवेसी
'BJP मनमाफिक जुगाड़ नहीं पाई..', SIR को लेकर सीएम योगी के बयान पर अखिलेश यादव ने कसा तंज
'BJP मनमाफिक जुगाड़ नहीं पाई..', SIR को लेकर सीएम योगी के बयान पर अखिलेश यादव ने कसा तंज
कौन हैं अहमद अल अहमद? सिडनी में शूटर से भिड़कर बंदूक छीनने वाले ‘हीरो’ की कहानी
कौन हैं अहमद अल अहमद? सिडनी में शूटर से भिड़कर बंदूक छीनने वाले ‘हीरो’ की कहानी
IND VS SA: 'रन नहीं बना पा रहा हूं लेकिन...' मैच के बाद ये क्या बोल गए सूर्यकुमार यादव
'रन नहीं बना पा रहा हूं लेकिन...' मैच के बाद ये क्या बोल गए सूर्यकुमार यादव
मिस्ट्री गर्ल संग दिखे जय भानुशाली, उड़ने लगीं डेटिंग की अफवाह, आरती सिंह ने किया रिएक्ट
मिस्ट्री गर्ल संग दिखे जय भानुशाली, उड़ने लगीं डेटिंग की अफवाह, आरती सिंह ने किया रिएक्ट
Delhi: 'उपहास करना आपको शोभा नहीं देता', रेखा गुप्ता पर अरविंद केजरीवाल का पलटवार, पढ़ें पूरा मामला
'उपहास करना आपको शोभा नहीं देता', रेखा गुप्ता पर अरविंद केजरीवाल का पलटवार, पढ़ें पूरा मामला
परफेक्ट स्लीप रूटीन के लिए सोते समय पहनें सॉक्स, जानिए वैज्ञानिक कारण और फायदे
परफेक्ट स्लीप रूटीन के लिए सोते समय पहनें सॉक्स, जानिए वैज्ञानिक कारण और फायदे
Video: कश्मीर नहीं एनसीआर है! 10वीं मंजिल से प्रदूषण का खतरनाक नजारा देख खौफ में यूजर्स- वीडियो वायरल
कश्मीर नहीं एनसीआर है! 10वीं मंजिल से प्रदूषण का खतरनाक नजारा देख खौफ में यूजर्स- वीडियो वायरल
Embed widget