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भारत में कोरोना : हर 24 जांच में एक की रिपोर्ट पॉजिटिव, तीन जोन में बंट गया है देश!
कोरोना की जांच और जांच के बाद पॉजिटिव लोगों की संख्या के मामले में भारत की स्थिति अमेरिका, ब्रिटेन, इटली और जापान से बेहतर है.

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानि कि आईसीएमआर. यही संस्था है, जो हर रोज देश के लोगों को कोरोना से जुड़े मामले की अपडेट देती है. यही वो संस्था है, जिसके आंकड़े पर भरोसा किया जाता है और इसी संस्था के आंकड़े से पता चलता है कि देश में कोरोना किस स्थिति में है. इस संस्था की ओर से कोरोना को लेकर एक अच्छी खबर आई है. अच्छी खबर ये है कि कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए सरकार ने कोरोना की जांच का दायरा बढ़ा दिया है. और इसका नतीजा ये आया है कि अब कोरोना के एक पॉजिटिव केस के लिए 24 लोगों की टेस्टिंग की जा रही है. मतलब ये है कि हर 24 टेस्ट में सिर्फ एक टेस्ट ही कोरोना पॉजिटिव पाया जा रहा है. भारत का ये आंकड़ा अमेरिका, इटली, ब्रिटेन औऱ जापान से भी बेहतर है. इटली जैसे देश में हर 6.7 सैंपल में से एक सैंपल पॉजिटिव आ रहा है. जापान में हर 11.7 सैंपल में से एक सैंपल पॉजिटिव आ रहा है. अमेरिका में हर 5.3 सैंपल में से एक सैंपल पॉजिटिव है और ब्रिटेन में हर 3.4 सैंपल में से एक सैंपल पॉजिटिव है. इसे थोड़ा और विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं. भारत में जब कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा पांच हजार को पार कर गया था, तब भारत को 1,14,015 टेस्ट करने पड़े थे. इस दौरान अमेरिका ने 1,04,073 टेस्ट किए थे, ब्रिटेन ने 78,340 टेस्ट किए थे और इटली में मात्र 49,937 टेस्ट ही हुए थे. वहीं भारत में जब कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा 10,000 को पार कर गया, तब भारत ने कुल 2,17,554 टेस्ट किए थे. अमेरिका 1,39,878 टेस्ट में ही 10,000 का आंकड़ा पार कर गया था. ब्रिटेन को 1,13,777 टेस्ट करने पड़े थे और इटली में तो 73,154 टेस्ट में ही आंकड़ा 10 हजार के पार चला गया था.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महामारी विभाग के मुखिया डॉक्टर आरआर खांडेकर ने इन आंकड़ों के आधार पर कहा कि कोई भी भारत के बारे में ये नहीं कह सकता है कि उसने टेस्टिंग कम की हैं. वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल का दावा है कि भारत में टेस्ट वैज्ञानिक आधार पर किए जा रहे हैं और कोशिश ये है कि कोई भी कोरोना पॉजिटिव केस जांच से बच न पाए. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से देश के सभी जिलों को तीन जोन में बांटा गया है. 170 जिलों को विभाग की ओर से रेड जोन घोषित किया गया है, जहां पर कोरोना के हॉट स्पॉट हैं. वहीं 207 जिलों को वॉइट जोन में रखा गया है, जहां पर कोरोना संक्रमितों के बढ़ने का आंकड़ा तो कम है, लेकिन आशंका है कि भविष्य में वो हॉट स्पॉट बन सकते हैं. इसके अलावा बचे हुए सभी जिलों को ग्रीन जोन में रखा गया है, जहां पिछले 28 दिन में एक भी नया केस सामने नहीं आया है. लव अग्रवाल के मुताबिक भारत की स्थिति दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले इसलिए भी अच्छी है, क्योंकि यहां पर कोरोना से मृत्य की दर 3.3 फीसदी है, वहीं कोरोना संक्रमण के बाद ठीक होकर घर जाने वाले करीब 12 फीसदी हैं.#WATCH In Japan, to find one positive case, 11.7 persons are tested. In Italy that number is 6.7, in US it's 5.3, in UK it's 3.4. Here in India, we do 24 tests for one positive case: Dr. Raman R Gangakhedkar, Indian Council of Medical Research (ICMR). pic.twitter.com/bLHDYOIr7r
— ANI (@ANI) April 16, 2020
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