APY Update: जयराम रमेश ने अटल पेंशन योजना को बताया कागजी शेर, तो निर्मला सीतारमण ने किया पलटवार
Atal Pension Yojana: ICSSR ने अपने सर्वे में पाया कि तीन में एक सब्सक्राइबर ने अटल पेंशन योजना छोड़ दी क्योंकि उनसे इजाजत नहीं ली गई थी.
Atal Pension Yojana: 2024 का लोकसभा चुनाव सिर पर है. तो पक्ष और विपक्ष के बीच घमासान होना लाजिमी है. अब मुद्दा बना है मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी पेंशन स्कीम, अटल पेंशन योजना जिसे लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और कम्यूनिकेशन प्रमुख जयराम रमेश के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वार पलटवार शुरू हो गया है.
सबसे पहले इसकी शुरुआत हुई जयराम रमेश की तरफ से जब उन्होंने अटल पेंशन योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने 24 मार्च को बेंगलुरु में अटल पेंशन योजना के फायदे गिना रही थीं. उसके एक ही दिन बाद ये तथ्य सामने आए हैं कि एक तिहाई के करीब सब्सक्राइबर्स जो स्कीम से जुड़े हैं उनसे स्कीम में जोड़ने की इजाजत नहीं ली गई. ऑफिसर्स अपने टारगेट पूरा करने के लिए बिना इजाजत जोड़ दिए.
The Finance Minister was in Bengaluru on the 24th of March, where she was proclaiming the benefits of the Atal Pension Yojana initiated by the Modi Government as its “flagship social security program.” Just a day later, here’s what emerged:
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 26, 2024
• Up to a third of the subscribers to… pic.twitter.com/wRewnCA1Nh
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया फ्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 83 फीसदी अटल पेंशन योजना के सब्सक्राइबर्स 1000 रुपये के पेंशन के न्यूनत्तम स्लैब में है जिसके लिए मंथली कंट्रीब्यूशन बहुत कम देना होता है जिसपर लाभार्थियों का ध्यान नहीं जाता है. उन्होंने कहा कि रिटर्न आकर्षक नहीं है क्योंकि ये फिक्स्ड इनकम पेंशन है जिसमें महंगाई बढ़ने पर वैल्यू घटती जाती है. जयराम रमेश ने अटल पेंशन योजना को कागजी शेयर बताते हुए कहा कि इसे बेहद खराब तरीके से डिजाइन किया गया है.
जयराम रमेश के इस पोस्ट पर वित्त मंत्री ने पलटवार किया. निर्मला सीतारमण ने जयराम रमेश पर हमला बोलते हुए लिखा कि वे एक अच्छी पेंशन योजना को डिजाइन करने के बुनियादी सिद्धांतों से अनभिज्ञ हैं. वित्त मंत्री ने कहा, अटल पेंशन योजना को बेस्ट प्रैक्टिस के आधार पर डिजाइन किया गया है जिससे सब्सक्राइबर की ओर से विकल्प नहीं चुनने तक स्वचालित रूप से प्रीमियम भुगतान जारी रहे जो कि सब्सक्राइबर्स के हित में है. इसमें लोगों को हर साल जारी रखने के निर्णय लेने की आवश्यकता के बजाय, इसे बंद करने का निर्णय लेना होता है. इससे लोग अपने रिटॉयरमेंट तक के लिए बचत करते हैं.
On Atal Pension Yojana, @Jairam_Ramesh known for using verbal sophistry to hide facts, is being malicious or is ignorant of the basic tenets of designing a good pension scheme.
— Nirmala Sitharaman (Modi Ka Parivar) (@nsitharaman) March 26, 2024
Atal Pension Yojana is designed based on best practice choice architecture to automatically continue… https://t.co/5y6Gn3MBYx
वित्त मंत्री ने अपने पोस्ट में लिखा, जयराम रमेश इसे फिक्स्ड इनकम पेंशन बता रहे हैं. पर उन्होंने फैक्टचेक नहीं किया है. अटल पेंशन योजना पर 8 फीसदी की न्यूनतम गारंटी सरकार देती है भले ही ब्याज दरें या रिटर्न कुछ भी हो. वित्त मंत्री ने कहा कि ये आकर्षक गारंटी वाली न्यूनतम रिटर्न है. वास्तविक रिटर्न में कमी की भरपाई के लिए भारत सरकार पीएफआरडीए को सब्सिडी का भुगतान करती है. वित्त मंत्री के मुताबिक अटल पेंशन योजना के कस्टमर्स के निवेश पर अगर ज्यादा रिटर्न मिलता है तो सब्सक्राइबर्स को ज्यादा रिटर्न मिलेगा. उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में वास्तविक रिटर्न 8% से ज्यादा है.
दरअसल इंडियन काउंसिल ऑफ शोसल साइंस रिसर्च (ICSSR) ने अपने सैंपल सर्वे में पाया कि तीन में एक सब्सक्राइबर ने अटल पेंशन योजना छोड़ दी क्योंकि उनसे इजाजत नहीं ली गई थी. बैंक कर्मचारियों ने टारगेट पूरा करने के लिए उन्हें बगैर सूचित किए योजना में एनरोल कर लिया.
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