उर्जित पटेल के बतौर RBI गवर्नर 2 साल पूरे, जानें इनके कार्यकाल की उपलब्धियां
ब्रिटेन के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री कीन्स का एक प्रसिद्ध कथन इस समय भारत में एक नया रूप ले चुका है और वह यह है कि यदि बैंकों का अरबों रुपये का बकाया फंसा हो तो यह केंद्रीय बैंक का सिरदर्द है.

नई दिल्ली: आप बैंक के 100 टका के बकाएदार हैं तो यह आपकी दिक्कत है, पर यही देनदारी 10 लाख की है तो यह समस्या बैंक की है. ब्रिटेन के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री कीन्स का एक प्रसिद्ध कथन इस समय भारत में एक नया रूप ले चुका है और वह यह है कि यदि बैंकों का अरबों रुपये का बकाया फंसा हो तो यह केंद्रीय बैंक का सिरदर्द है. दरअसल भारत में पिछले कुछ समय से देश के कई बड़े उद्योगपतियों द्वारा बैंकों को चूना लगाये जाने की विभिन्न घटनाओं से यह मुद्दा बड़ी बहस का विषय बना है.
उर्जित पटेल के कार्यकाल में हुई थी नोटबंदी
गवर्नर ऊर्जित पटेल के इस कार्यकाल के दो वर्ष इसी बहस के बीच बीते हैं. पटेल ने 4 सिंतबर 2016 को तत्कालीन गवर्नर रघुराम राजन से यह दायित्व संभाला था. राजन ने एनपीए के फैलते फोड़े का ‘गहरा आपरेशन’ एक ‘ बुद्धिमान उल्लू ’ की सलाह पर शुरू किया था. वह बुद्धिमान उल्लू कोई और नहीं उनके सहायक डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल ही थे. राजन द्वारा उठाए गए कदमों को आगे बढ़ाते हुए पटेल ने दो साल के कार्यकाल के दौरान ऋण अदा नहीं करने वालों पर नकेल को कसते रहने के साथ-साथ बैंकिंग प्रणाली को इससे होने वाले नुकसान से बचाने के उपाय भी करते रहे है. पटेल का यह कार्यकाल चुनौतियों भरा रहा. इस दौरान देश ने नोटबंदी की ऐतिहासिक कार्रवाई भी देखी.
गवर्नर के रूप में पटेल की दूसरी सालगिरह के अवसर पर विश्लेषकों के बीच यह बहस भी चल रही है कि वह रुपये के गिरते दबाव को नियंत्रण में रखने वाले तथा ऋण डिफॉल्ट के दैत्य पर नकेल लगाने वाले ‘बाज’ हैं या सरकार के इशारे पर नीतिगत ब्याज में कटौती करने वाले ‘कबूतर.’ बहरहाल, पटेल रिजर्व बैंक की स्वतंत्रता को बनाये रखने में इस दौरान सफल रहे. हाल ही में नोटबंदी से संबंधित आंकड़े जारी होने के बाद विपक्ष ने भी पटेल की सराहना की.
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जब लोग सो रहे होते हैं तब हमारी नजर उन पर होती है: उर्जित पटेल
हालांकि पटेल कम बोलने वाला कहा जाता है पर वह अपने कार्यकाल के दौरान आख्यानों, आलेखों, प्रेस कॉन्फ्रेन्स और संसदीय समिति से संवाद जैसे कार्यक्रमों में अपने विचार भी जाहिर करते रहे हैं. रिजर्व बैंक के अधिकारी भी कहते हैं कि पटेल का जोर हमेशा चीजों को लागू करने पर रहता है. पटेल ने नोटबंदी के बाद नए नोटों की छपाई और आपूर्ति के दौरान कहा था, ‘‘उल्लू पारंपरिक तौर पर बुद्धिमता का प्रतीक है. अत: हम बाज या कबूतर नहीं होकर उल्लू हैं और जब लोग सो रहे होते हैं तो उस समय हमारी नजरें निगरानी पर होती हैं.’’
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पटेल का कार्यकाल इस लिहाज से भी यादगार है कि इस दौरान रिजर्व बैंक ने साइबर सुरक्षा के मद्देनजर नये दिशानिर्देशों पर काम शुरू किया. इस दौरान रिजर्व बैंक ने कंपनियों की ऋण सूचना संबंधी निर्देश भी जारी किया.
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