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स्मॉल सेविंग स्कीम्सः जानें नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट के बारे में ये काम की बातें, मिलता है FD से ज्यादा ब्याज

आपको जानकर खुशी होगी कि पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाएं बैंकों की एफडी की तुलना में ज्यादा ब्याज दर देने में सक्षम हैं.

नई दिल्लीः स्मॉल सेविंग स्कीम्स वो निवेश योजनाएं हैं जिनके जरिए आप बैंकों के डिपॉजिट की तुलना में कहीं अधिक ब्याज या रिटर्न हासिल कर सकते हैं. खासकर जब से आरबीआई ने रेपो रेट में कमी की है बैंक भी लगातार अपने एफडी के ब्याज में कमी करते जा रहे हैं. इस स्थिति में हाल ही में कई बैंकों जैसे एसबीआई, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और पंजाब नेशनल बैंक ने अपने एफडी के ब्याज दरों को कम कर दिया है. लिहाजा पारंपरिक निवेशकों को जल्द ही ऐसे निवेश विकल्प देखने होंगे जिनमें उन्हें बैंकों की एफडी से ज्यादा रिटर्न मिल सके.

ऐसे निवेशकों के लिए पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग स्कीम्स बैंक एफडी की तुलना में ज्यादा ब्याज भी दे रही हैं और तुलनात्मक रूप से ज्यादा सुरक्षित निवेश विकल्प के तौर पर भी देखी जा रही हैं.

पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग स्कीम्स यानी स्मॉल सेविंग में बिग इंटरेस्ट आपको जानकर खुशी होगी कि पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाएं बैंकों की एफडी की तुलना में ज्यादा ब्याज दर देने में सक्षम हैं. हालांकि इसमें एक कारक है कि छोटी ब्याज दरों के लिए केंद्र सरकार द्वारा दरों में बदलाव भी किया जा सकता है, जो अक्टूबर से दिसंबर तक लागू हो सकती हैं.

कैसे किया जाता है छोटी बचत योजनाओं में ब्याज दरों में बदलाव बॉन्ड यील्ड के आधार पर केंद्र द्वारा हर तिमाही में छोटी बचत दरों में बदलाव कर दिया जाता है. अब आप पूछेंगे कि बॉन्ड यील्ड क्या है तो आपको बता दें कि ये आपके बॉन्ड निवेश से होने वाले फायदे का एक पैमाना है जिसके आधार पर विभिन्न ब्याज दरों को निर्धारित किया जाता है या उनका आधार बनाया जाता है.

5 साल की अवधि के बैंकों के डिपॉजिट को देखें तो ज्यादातर बैंक 6.5 फीसदी का ब्याज दे रहे हैं तो वहीं पोस्ट ऑफिस स्कीमों में ग्राहकों को कुल मिलाकर 7.5 फीसदी का ब्याज मिल ही जाता है. वहीं गिरती ब्याज दरों के दौर में निवेशकों को बैंकों की एफडी की बजाए पोस्ट ऑफिस स्कीमों में निवेश के बारे में सोचना चाहिए. वो पारंपरिक निवेशक जो कम से कम पांच साल के निवेश करना चाहते हैं वो इन तीन पोस्ट ऑफिस स्कीमों में निवेश कर सकते हैं. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी), किसान विकास पत्र (केवीपी) और पोस्ट ऑफस टाइम डिपॉजिट अकाउंट (पीओटीडी). इनमें से एनएससी औरल केवीपी में जहां क्यूमलेटिव इंटरेस्ट मिलता है यानी ब्याज इकट्ठा होता जाता है और मैच्योरिटी के मौके पर एकमुश्त मिलता है. वहीं पीओटीडी में सालाना आधार पर ब्याज मिलता है.

यहां पर जानें इन तीन स्मॉल सेविंग स्कीमों में से नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट के बारे में

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट एनएससी में 5 साल के लिए निवेश किया जा सकता है और इसमें ब्याज इकट्ठा होता जाता है और मैच्योरिटी के समय पर मिलता है. इसमें कम से कम 100 रुपये का निवेश करना होता है और फिर 100 के गुणक में आप निवेश कर सकते हैं. इसमें निवेश की कोई अपर लिमिट नहीं है. जुलाई-सितंबर 2019 के दौरान खरीदे गए एनएससी के लिए 7.9 फीसदी ब्याज सालाना आधार पर मैच्योरिटी के वक्त मिल रहा है. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो 100 रुपये निवेश करने पर मैच्योरिटी के वक्त यानी 5 साल बाद 146.25 रुपये हो जाएंगे. एनएससी एक अकेले नाम में खरीदा जा सकता है और इसमें जॉइंट होल्डिंग की इजाजत नहीं है. इसमें इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट भी मिलता है. ये ट्रांसफरेबल होते हैं और इसमें जो ब्याज होता है वो आप री इंवेस्ट कर सकते हैं और उस पर भी सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है.

ये भी हैं काम की खबरें

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