आखिर किस काम में फंडिंग का इस्तेमाल करता है पाकिस्तान? पहलगाम हमले के बाद इनसे बातचीत करने की तैयारी में भारत
Pakistan Funding: सीमा पार से बार-बार हो रही आतंकी घटनाओं के मद्देनजर भारत पाकिस्तान को दुनियाभर के वित्तीय संस्थाओं से मिल रही फंडिंग को लेकर चिंता में है.

Pakistan Funding: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान को दी जाने फंडिंग का रिव्यू करने और उसे संभावित रूप से कम करने के लिए भारत सरकार दुनिया के कई बड़े वित्तीय संस्थाओं संग बात करने की तैयारी में है.
एक सीनियर सरकारी अधिकारी के हवाले से बिजनेस टुडे ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी कि भारत जल्द ही इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF), वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) से बातचीत कर पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद का दोबारा मूल्यांकन करने के लिए कहेगा.
आतंकवाद को लेकर चिंता में भारत
अधिकारी ने कहा, सीमा पार आतंकवाद रूकने का नाम नहीं ले रही है और ऐसे में पाकिस्तान को लगातार मिल रही फंडिंग को लेकर भारत चिंता में है. इससे यह पता चलता है कि हाल में पहलगाम में हुई घटना के बाद भारत अपने कूटनीतिक प्रयासों में बदलाव लाना चाह रहा है.
तंगहाल पाकिस्तान को IMF के बेलआउट प्रोग्राम के तहत 37 महीनों की किस्त में 7 बिलियन डॉलर का कर्ज मिलना है ताकि रेवेन्यू में सुधार लाकर और राजकोषीय घाटे को कम कर यहां की इकोनॉमी को पटरी पर लाने में कुछ मदद की जा सके.
सितंबर 2024 में, पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज के लिए मंजूरी मिली. 1958 से लेकर अब तक पाकिस्तान IMF के सामने 24 बार हाथ फैला चुका है.
कहीं इन कामों में तो नहीं हो रहा फंड का इस्तेमाल
हालांकि, पाकिस्तान की तरफ से बार-बार आंतकी वारदातों को अंजाम दिए जाने के बाद भारत इसकी विश्वसनीयता और निगरानी को लेकर सवाल उठा सकता है कि कहीं इस फंडिंग का इस्तेमाल पाकिस्तान आतंकवादी को पनाह देने, हथियार खरीदने और LOC पर घुसपैठ करने के लिए तो नहीं करता है.
रिपोर्टों के मुताबिक, एशियन डेवलपमेंट बैंक ने पाकिस्तान को 43.4 बिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता दी है. वर्ल्ड बैंक ने भी पाकिस्तान में चल रहे 365 प्रोजेक्ट्स के लिए 49.7 बिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है, जिसमें जनवरी 2025 में 20 बिलियन डॉलर का एक बड़ी डील भी शामिल है.
आईएमएफ भी पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था में सुधार लाने को लेकर कई कार्यक्रमों के तहत इससे जुड़ा हुआ है. इसमें चल रहे 7 बिलियन डॉलर का एग्रीमेंट भी शामिल है. यह मदद पाकिस्तान की 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है.
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Source: IOCL























