ट्रंप के टैरिफ का भारतीय इकॉनोमी पर होगा कितना असर? अधिकारियों ने GDP पर की बड़ी भविष्यवाणी
सरकारी अधिकारियों की तरफ से जीडीपी को लेकर ये अनुमान ऐसे वक्त पर लगाया गया है, जब कई आर्थिक जानकारों ने देश की जीडीपी की रफ्तार में कमी की आशंका जताई है.

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से लगाए गए टैरिफ और उसके बाद ग्लोबल मार्केट में हलचल ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने नई चुनौतियां पैदा कर दी हैं. लेकिन सवाल उठ रहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर ट्रंप के टैरिफ का कितना बुरा असर पड़ सकता है? सरकारी अधिकारियों का कहना है कि वैश्विक आर्थिक संकट का भारत पर काफी कम असर पड़ सकता है.
समाचार एजेंसी रायटर्स ने सरकारी अधिकारियों का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा- "अमेरिका की तरफ से लगाए गए टैरिफ के बावजूद वित्त वर्ष 2025-26 में भारत का अनुमानित विकास दर 6.3% से 6.8% के बीच रह सकता है. साथ ही, तेल की कीम 70 डॉलर प्रति बैरल रह सकती है."
सरकारी अधिकारियों की तरफ से जीडीपी को लेकर ये अनुमान ऐसे वक्त पर लगाया गया है, जब कई आर्थिक जानकारों ने देश की जीडीपी की रफ्तार में कमी की आशंका जताई है.
गोल्डमेन सैक्स समेत कई आर्थशास्त्रियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से लगाए गए ग्लोबल टैरिफ के असर का हवाला देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत जीडीपी दर में 20 से 40 बेसिस प्वाइंट्स कमी रहने का अनुमान लगाया. उनका कहना है कि भारत की जीडीपी दर 6.1% तक रह सकती है.
भारत के सामानों पर 26 फीसदी टैरिस के साथ ही चीन समेत अन्य देशों पर भारी भरकम टैरिफ के चलते एशियाई शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली. भारतीय शेयर बाजार में भी करीब 4% फिसलकर नीचे आ गया.
भारतीय डायमंड सेक्टर, जो अपनी उत्पादन का करीब एक तिहाई अमेरिका को निर्यात करता है, उस पर सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा है. इस सेक्टर में लगे कई लोगों की नौकरियां जा सकती है. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इसके नतीजों के बारे में आकलन करने के लिए एक्सपोर्ट एसोसिएशंस और संबंधित मंत्रालय के बीच विचार विमर्श चल रहा है. वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से निर्यात उद्योग की मदद के लिए वित्त मंत्रालय चार-पांच सूत्रीय प्रस्ताव दिया है. इस बात की दूसरे सरकारी अधिकारी ने पुष्टि की है.
मदद करने के प्रस्ताव में ब्याज सब्सिडी प्रोग्राम्स, डायवर्सिफिकेशन के लिए सहायता और बैंक क्रेडिट को बढ़ाना शामिल है. अधिकारी ने बताया कि सरकार लगातार इस बात का मूल्यांकन करेगी कि किस तरह से बढ़े हुए टैरिफ का निर्यात के अलग-अलग सेक्टर पर असर पड़ता है.
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Source: IOCL






















