EPF: नॉमिनी का नाम नहीं होने पर भी आसानी से निकल जाएगा EPF का पैसा, अपनाये ये तरीका
Employee Provident Fund: अगर नॉमिनी नहीं है तो ऐसी स्थिति में यह पैसा परिवार के किसी सदस्य या कानूनी तौर पर जो भी उत्तराधिकारी होंगें वो निकाल सकते हैं. इसके लिए फॉर्म 20 भरना पड़ता है.

EPF Withdraw: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत ईपीएफ (EPF) एक लोकप्रिय सेविंग स्कीम है. यह भारत सरकार के देखरेख में काम करती है. इसके तहत कर्मचारी और मालिक दोनों कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12% ईपीएफ में देते हैं. अभी ईपीएफ डिपॉजिट पर सालाना ब्याज 8.1% है. किसी वजह से आकस्मिक मौत हो जाने पर यह ईपीएफ सदस्यों के परिवारों के काम आता है. ऐसी स्थिति में यह नॉमिनी के द्वारा जमा राशि निकाली जाती है, लेकिन अगर नॉमिनी नहीं है तो क्या करें. ऐसी स्थिति में यह पैसा परिवार के किसी सदस्य या कानूनी तौर पर जो भी उत्तराधिकारी होंगें वो निकाल सकते हैं.
EPF सदस्य की मृत्यु के बाद ऐसे निकालें पैसा
- ईपीएफ मेंबर और इसके दावेदार के सभी जरूरी डिटेल के साथ फॉर्म नंबर 20 भरें.
- फॉर्म जमा करने के बाद की जानकारी एसएमएस अलर्ट के जरीय मिलती रहती है. ईपीएफओ वेबसाइट के जरीय पर इसका स्टेटस भी चेक कर सकते हैं.
- सारा प्रोसेस पूरा होने के बाद ही पैसा सीधे कानूनी तौर पर उत्तराधिकारी के बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है. (नोट- यह एप्लीकेशन उस दावेदार के माध्यम से देना होगा, जहां वह अंतिम बार काम किया था. अगर ईपीएफइंडिया वेबसाइट से डाउनलोड किए गए फॉर्म के जरीये क्लेम किया गया हो तो सभी पेज पर दावेदार के साथ-साथ एम्प्लॉयर के हस्ताक्षर जरूरी हैं).
फॉर्म 20 भरने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
- डेथ सर्टिफेट
- गार्जियशिप सर्टिफिकेट
- ब्लैंक या कैंसल चेक
- फार्म 5(IF) भरकर कर्मचारी डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम के तहत क्लेम कर सकते हैं. यह तभी होगा जब सदस्य की मृत्यु सर्विस के दौरान हुई हो. इसके अलावा वह सदस्य जहां काम कर रहा था वह संस्थान ईडीएलआई योजना के अंतर्गत आता हो.
- यदि मेंबर की मृत्यु 58 वर्ष वर्ष के बाद हुई हो और तब तक वह 10 वर्ष की सेवा पर पूरी नहीं की हो तो इस स्थिति में विड्रॉल के लिए फॉर्म 10C भरा जाएगा.
ये भी पढ़ें: सचिन तेंदुलकर ने खरीदी इस इंजीनियरिंग कंपनी में हिस्सेदारी, हासिल किया कंपनी में स्टेक
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL





















