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घोटाले के एक साल बाद भी पैसे के लिए दर-दर भटक रहे हैं PMC को-ऑपरेटिव बैंक के डिपॉजिटर
शुरू में आरबीआई ने एक हजार रुपये निकालने का निर्देश दिया था बाद में यह सीमा एक लाख रुपये तक बढ़ाई गई थी. लेकिन अभी भी पूरा पैसा निकालने की अनुमति नहीं मिली है.
![घोटाले के एक साल बाद भी पैसे के लिए दर-दर भटक रहे हैं PMC को-ऑपरेटिव बैंक के डिपॉजिटर After One Year PMC Bank depositors still struggling to get their money back घोटाले के एक साल बाद भी पैसे के लिए दर-दर भटक रहे हैं PMC को-ऑपरेटिव बैंक के डिपॉजिटर](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/11/05231232/PMC-BANK-LATEST.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
पंजाब एंड महाराष्ट्रा को-ऑपरेटिव बैंक यानी PMC बैंक के घोटाले के शिकार होने के एक साल बाद भी इसके डिपॉजिटर अपने पैसे के लिए दर-दर भटक रहे हैं. एक साल पहले लोन से जुड़े बड़े घोटाले के सामने आने के बाद आरबीआई ने बैंक से पैसे निकालने पर पाबंदी लगा दी थी.
एक साल पहले यानी 23 सितंबर 2019 को आरबीआई ने इस बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था इसमें अपने प्रतिनिधि बिठा दिए थे. इसके बाद शुरू में आरबीआई ने एक हजार रुपये निकालने का निर्देश दिया था बाद में यह सीमा एक लाख रुपये तक बढ़ाई गई थी. लेकिन अभी भी पूरा पैसा निकालने की अनुमति नहीं मिली है. इस साल जून में पैसे निकालने पर पाबंदी की अवधि बढ़ा कर 22 दिसंबर 2020 तक कर दी.
धरना, विरोध प्रदर्शन, अफसरों-नेताओं से गुहार का भी असर नहीं
PMC के डिपॉजिटर अपना पैसा वापस पाने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. नेताओं से मिल रहे हैं और आरबीआई के अधिकारियों तक से गुहार कर रहे हैं. कई बुजुर्ग डिपॉजिटरों की जिंदगी भर की कमाई इस बैंक में फंसी है. बैंक के एक डिपॉजिटर ने कहा कि बड़ी संख्या में डिपॉजिटरों का पैसा इस बैंक में फंसा है.
डिपॉजिटर पिछले एक साल के दौरान आरबीआई के अफसरों, राजनीतिक नेताओं से मिल चुके हैं. विरोध प्रदर्शन और धरना आयोजित कर चुके हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है.पीएमसी बैंक डिपोजिटर्स एसोसिएशन से जुड़ी एक सदस्य ने बताया कि पिछले एक साल में पीएमसी बैंक ने एक लाख रुपये निकालने की इजाजत दी जो किसी भी डिपॉजिटर के लिए बहुत कम राशि है.
हालात सुधरने के इंतजार में बीत गया एक साल
डिपॉजिटरों का कहना था कि जब पिछले साल पीएमसी पर प्रतिबंध लगाए गए थे तो उन्होंने सोचा कि हालात जल्दी सुधर जाएंगे लेकिन एक साल बाद भी उनकी दिक्कतें कम नहीं हुई हैं. पिछले एक साल के दौरान पीएमसी बैंक के 70 डिपॉजिटरों की मौत हो चुकी है. डिपॉजिटर बुधवार को फोर्ट एरिया में आरबीआई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले थे लेकिन उन्हें इजाजत नहीं मिली. हालांकि पिछले दिनों बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट में किए गए सुधारों से उम्मीद बंधी है. इसके जरिये को-ऑपरेटिव बैंकों की निगरानी अब आरबीआई के अधीन होगी.
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