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हर भारतीय के लिए अवसर का समयः जब उद्योगों को नया आकार दे रहा है ब्लॉकचेन - बृजमोहन सिंह की सोच से

भारत के प्रमुख ब्लॉकचेन विशेषज्ञ बृजमोहन सिंह ने कहा कि अगर इसे समय रहते समझा और अपनाया गया, तो यह केवल व्यक्तिगत आर्थिक भविष्य को नहीं बल्कि पूरे समाज को सशक्त बना सकता है.

नई दिल्ली, जून 11: आज के डिजिटल युग में, ब्लॉकचेन तकनीक वैश्विक उद्योगों को एक नई दिशा दे रही है. यह बदलाव केवल वित्तीय दुनिया तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन सभी क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है जहाँ डेटा, लेनदेन और पारदर्शिता महत्वपूर्ण हैं. आपूर्ति श्रृंखला, स्वास्थ्य सेवा, रियल एस्टेट, कानूनी ढांचा और सरकारी प्रणालियाँ – सभी में ब्लॉकचेन नई संभावनाएँ खोल रहा है.

ब्लॉकचेन एक विकेंद्रीकृत तकनीक है जिसमें किसी एक संस्था का नियंत्रण नहीं होता. इसमें दर्ज की गई जानकारी को किसी भी रूप में बदला नहीं जा सकता, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों बनी रहती है. यही विशेषता इसे पारंपरिक प्रणालियों की तुलना में अधिक विश्वसनीय और प्रभावी बनाती है.

वर्ष 2021 में वैश्विक ब्लॉकचेन बाजार का मूल्य $4.9 बिलियन था. McKinsey और MarketsandMarkets की रिपोर्ट के अनुसार यह 2025 तक $67.4 बिलियन को पार कर जाएगा और 2029 तक यह $248.9 बिलियन के आँकड़े को छू सकता है. यह विकास दर इस क्षेत्र को दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते उद्योगों में से एक बनाती है.

COVID-19 महामारी के दौरान जब पारंपरिक उद्योगों को नुकसान हुआ, तब ब्लॉकचेन आधारित समाधान अपनाने में तेज़ी आई. मेडिकल सप्लाई चेन में पारदर्शिता, डिजिटल कॉन्ट्रैक्ट्स का निष्पादन और क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिए सीमाओं के पार लेन-देन इन सबने साबित किया कि यह तकनीक केवल भविष्य नहीं, वर्तमान भी है.

2024 तक दुनिया भर में 90 करोड़ से अधिक लोग डिजिटल एसेट्स का उपयोग कर रहे थे और 2025 तक यह संख्या 1 अरब पार करने की उम्मीद है. जैसे-जैसे उद्योग DeFi (Decentralized Finance), टोकनाइज़ेशन और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स को अपनाते हैं, ब्लॉकचेन क्षेत्र में नौकरियों की मांग भी तेज़ी से बढ़ रही है. LinkedIn और Naukri.com जैसे प्लेटफॉर्म पर ब्लॉकचेन से जुड़ी नौकरियों में 400% तक की बढ़ोत्तरी देखी गई है.

आज उद्योग जगत मानता है कि ब्लॉकचेन केवल एक तकनीक नहीं, बल्कि एक बुनियादी ढांचा है जिस पर भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था टिकेगी. जैसा कि भारत के प्रमुख ब्लॉकचेन विशेषज्ञ बृजमोहन सिंह कहते हैं, "अगर इसे समय रहते समझा और अपनाया गया, तो यह केवल व्यक्तिगत आर्थिक भविष्य को नहीं बल्कि पूरे समाज को सशक्त बना सकता है."

भारत के लिए यह एक सुनहरा अवसर है. हमारे पास तकनीकी प्रतिभा है, युवाशक्ति है और एक मज़बूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर है. लेकिन ज़रूरत है कि सरकार, शिक्षा संस्थान और उद्योग एकजुट होकर इसे प्राथमिकता दें. स्कूल और विश्वविद्यालय स्तर पर ब्लॉकचेन और Web3 की शिक्षा को शामिल करना, शोध को बढ़ावा देना और स्टार्टअप्स को प्रयोग की स्वतंत्रता देना – यह सब देश को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जा सकता है.

विशेषकर छोटे व्यवसाय, MSMEs और स्टार्टअप्स के लिए ब्लॉकचेन एक गेम चेंजर बन सकता है. पारदर्शी अकाउंटिंग, सुरक्षित लेनदेन और स्मार्ट लॉजिस्टिक्स ये सब बिना बड़ी लागत के संभव हो सकते हैं. कृषि, टेक्सटाइल, फार्मा और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में इसका प्रभाव पहले ही दिखने लगा है.

सरकार की पहलें जैसे कि डिजिटल रुपया (CBDC) का लॉन्च और ब्लॉकचेन आधारित भूमि रजिस्ट्रेशन यह सब एक मजबूत डिजिटल अर्थव्यवस्था की नींव रख रहे हैं. बृजमोहन सिंह मानते हैं कि अब समय है कि भारत केवल क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन से आगे बढ़े और ब्लॉकचेन को एक उद्योगिक बुनियादी ढांचे के रूप में अपनाए.

ब्लॉकचेन कोई आम तकनीक नहीं बल्कि एक विचारधारा है जो विकेंद्रीकरण, पारदर्शिता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है. यह उद्योगों को अपनी कार्यप्रणाली को दोबारा गढ़ने का अवसर देती है, और व्यक्तियों को नए करियर, निवेश और नवाचार के रास्ते प्रदान करती है. भविष्य विकेंद्रीकृत है और अब केवल देखने का नहीं, बल्कि उसका हिस्सा बनने का समय है.

(Disclaimer: एबीपी नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड और/या एबीपी लाइव किसी भी तरह से इस लेख की सामग्री और/या इसमें व्यक्त विचारों का समर्थन नहीं करता है. पाठक को विवेक की सलाह दी जाती है.)

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