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प्यार, जासूसी, सुरक्षा और घालमेल... पाकिस्तान से आई सीमा हैदर के मोहब्बत पर चलेगा कानूनी हथौड़ा? पूर्व डीजीपी से समझें आगे क्या होगा

सीमा हैदर पाकिस्तान के अपने पूर्व पति के चार बच्चों के साथ भागकर नेपाल होते हुए भारत आई. उसने और सचिन ने एक दूसरे के साथ शादी कर लेने का दावा भी किया. उसे गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने जमानत दे दी. लेकिन, इन सबके बीच इस वक्त लोगों के जेहन में कानूनी पेचिदगियों को लेकर सवाल उठना स्वभाविक है. लोगों में मन में ये जरूर सवाल उठ रहा होगा कि क्या सीमा को भारत में रहने की इजाजत दी जाएगी या फिर उसे वापस पाकिस्तान भेज दिया जाएगा? इससे पहले, ठीक इसी तरह बेगलुरू के रहने वाले मुलायम सिंह यादव के प्यार में इकरा पाकिस्तान से भागकर आ गई थी. लेकिन उसे वापस डिपोर्ट कर दिया गया था. तो क्या सीमा हैदर को भी इसी तरह से डिपोर्ट कर दिया जाएगा?

दरअसल, सीमा हैदर की कहानी में इस वक्त कई सारी गुत्थी उलझी हुई है. पहली नजर में ये ऐसा नजर आ रहा  है कि एक पाकिस्तानी औरत बिना वैध वीजा के भारत आयी और पकड़ी गई. उसको तुरत डिपोर्टेशन हो जाना चाहिए. डिपोर्टेशन की एक प्रक्रिया होता है. उन सारी प्रक्रियाओं को फॉलो करते हुए तुरंत डिपोर्ट कर दिया जाना चाहिए. उसका दूसरा पहलू कानून के सामने गौण होता है.   

सबसे पहले किया जाए डिपोर्ट

सीमा हैदर किस लिए भारत आयी, उसकी क्या मंशा थी? ये सब जांच का विषय है. लेकिन जो पहला काम है वो ये कि उसे डिपोर्ट किया जाए. उसके बाद आप इन्वेस्टिगेशन करते रहे. उसका बयान ले लें. लेकिन सबसे पहले डिपोर्ट हो, जब तक कि कोई बड़ी चीज न नजर आ रही हो. अगर लगता है कि इसमें कोई और साजिश है तो एफआईआर करके जांच शुरू करिए. 

इस केस में प्यार या फिर साजिश दोनों ही बातें हो सकती है. अगर कोई गहरी साजिश नजर आ रही हो तो फिर FIR कीजिए, उसे रखिए और पूरी तरह से छानबीन कीजिए. लेकिन अगर ऐसा कुछ नहीं लग रहा है तो सीमा हैदर को वापस पाकिस्तान भेज दिया जाना चाहिए. इंटेलिजेंस एजेंसी को ऐसा कुछ लगता है कि जांच से पहले FIR करनी होगी.

कानून नहीं देखता प्यार

अगर कोर्ट ने सीमा हैदर और सचिन को जमानत दे भी दी है तो सिक्योरिटी एजेंसी पूरे मामले को देखेगी कि आगे क्या करना है. अदालत की तरफ से जमानत दी गई तो इसका मतलब है कि पुलिस की तरफ से जो पेपर पेश किया गया होगा, उसमें अच्छे लेवल का एविडेंस नहीं होगी. तभी तो उनको जमानत दी गई है. एविडेंस ऐसा कुछ होता कि बहुत बड़ी साजिश है, तो शायद कोर्ट से इतनी जल्दी जमानत नहीं मिल पाती. 

दरअसल, सीमा एक पाकिस्तानी नागरिक है. सबसे पहले तो भारत में एंट्री ही उसकी बिना वीजा के हुई है.  बिना वीजा के एंट्री होना ही डिपोर्टेशन की मिनिमम क्वालिफिकेशन है. 

सचिन ने अगर पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर से शादी कर ली तो केवल इश आधार पर ही उसे भारत में रहने की इजाजत नहीं मिल जाएगी. सबसे पहले तो भारत में एंट्री ही उसकी अवैध है. जिसके लिए डिपोर्टेशन हो जाना चाहिए था. अब शादी कर लेने के बाद नागरिकता के बारे में अगर सरकार या फिर सिक्योरिटी एजेंसी समझती है कि ऐसा किया जा सकता है तो इसके लिए उसे अप्लाई करना होगा.

लेकिन, नागरिकता सीमा हैदर को भारत की कैसे मिलेगी ये पूरी परिस्थिति पर निर्भर करता है. अगर इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी को ऐसा लगने लगे कि बहुत गहरी बात हो रही है तो फर्स्ट एंड फर्स्ट उसे डिपोर्ट किया जाना चाहिए. 

सीमा को पाकिस्तान से धमकी

सीमा को पाकिस्तान में डाकू से भी धमकी दी जा रही है. लेकिन ये बिल्कुल व्यक्तिगत मामला हो गया, जबकि दूसरा देश हित का मामला है. एप्लिकेशन को लगाना होगा. अगर मैं पुलिस में हूं और मुझे ये पता चल जाए कि ये बिना वीजा के रह रहा है तो मेरी ये पहली ड्यूटी उसके डिपोर्ट की होगी. उसके बाद जिसको जहां जाकर कोर्ट से सरकार के पास आवेदन देना है, वो दे.

अब सवाल उठता है कि क्या कानून प्यार नहीं देखता है? दरअसल, जो लोग कानून बनाते हैं उनका काम ये देखना है. पुलिस वालों का काम को कानून को लागू करना है. संसद में जब कानून बनता है तब उन्हें ये बात देखनी चाहिए.  

मैं अपना एक अनुभव यहां पर एक डीजीपी के तौर पर साझा करता हूं. कुछ विदेशी टूरिस्ट वीजा पर बिहार आए थे. हमने देखा कि वो नक्सलियों के साथ मिलकर जंगल में उनके प्रोग्राम में शामिल हो रहे थे. उनको हमलोगों ने गिरफ्तार किया. वे टूरिस्ट वीजा पर थे, वे उस मकसद से उस वीजा पर नहीं आए थे, जिस टूरिस्ट वीजा पर वे भारत आए थे. 

हमने उतने पर ही अपने राज्य से डिपोर्ट कराया. भारत से बाहर भेज दिया. यहां तो वीजा ही नहीं है. हमारा काम है कानून को लागू करना. कानून किस मकसद से बना है, ये काम जज और सांसदों को देखना है. सीमा से पूछताछ में उसका मकसद निकाल सकते हैं. अगर शक होने लगे तो आप एफआईआर कर उसकी जांच कर सकते हैं.

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]

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