एक्सप्लोरर

बलूच विद्रोहियों के तेवर से पस्त पाकिस्तानी हुक्मरान, संभले नहीं तो विघटन तय

मोहम्मद अली जिन्ना का मुल्क "पाकिस्तान" बलूच विद्रोहियों की गतिविधियों के कारण लहूलुहान है. जाफर एक्स्प्रेस ट्रेन हाईजैक करने के बाद बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने छह दिनों के अंदर ही पाकिस्तानी सेना पर फिदायीन हमला किया. बीएलए का दावा है कि इस आत्मघाती हमले में 90 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं, जबकि पाकिस्तान की हुकूमत ने सिर्फ 11 सुरक्षाकर्मियों की मौत की बात स्वीकार की है. अशांत बलूचिस्तान तेल और खनिज संपदा से समृद्ध है. भौगोलिक दृष्टि से यह पाकिस्तान का सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम आबादी वाला प्रांत है. चीन इसे ललचाई नजरों से देख रहा है.

बलूचिस्तान हमेशा से आजाद-मिजाज

बलूचिस्तान के निवासी जिन्ना की मुस्लिम सियासत और द्वि-राष्ट्रवादी सिद्धांत से कभी सहमत नहीं हुए. अपनी स्वतंत्र पहचान स्थापित करने के लिए बलूचिस्तान के लोग बेचैन हैं. पाकिस्तानी फौज बगावत को कुचलने की कोशिश करती है. लेकिन फौज के द्वारा उठाए गए क्रूर कदमों ने बलूचों को और अधिक उग्र रूप धारण करने के लिए विवश कर दिया है. लोग अपनी जान की परवाह नहीं कर रहे हैं. उन्हें पंजाबियों के वर्चस्व वाले पाकिस्तान से मुक्ति चाहिए. आत्मघाती हमलों का दौर भयावह है. ताजा हमला इस बात को प्रमाणित करता है कि बीएलए के लड़ाके बेखौफ हैं. बलूचिस्तान के नोश्की इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन से अर्द्धसैनिक फ्रंटियर काॅर्प (एफसी) के काफिले को टक्कर मार दी. बीएलए ने बयान जारी कर दावा किया कि इस काफिले में सेना की आठ बसें थी. इनमें से एक बस विस्फोट में पूरी तरह से ध्वस्त हो गई. फिर दूसरी बस को घेर लिया गया और उसमें सवार पाकिस्तानी सेना के सभी सैनिकों को मार गिराया गया. इस प्रकार मरने वालों की कुल संख्या बढ़ कर 90 पहुंच गई. नोश्की पुलिस के प्रमुख जफरुल्लाह सुमालानी ने हमले की पुष्टि की है. इस आत्मघाती हमले के पश्चात् सुरक्षा बलों ने विस्फोट स्थल की घेराबंदी कर दी है. सरकार इसे कानून-व्यवस्था का मसला मानती है. इसलिए पुलिस अधिकारी हमले के कारणों और इसके लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए जांच जारी रखने की बातें कर रहे हैं.

पाकिस्तानी सरकार ने किया है शोषण

बलूचिस्तान के स्थानीय निवासी संघीय सरकार पर लंबे समय से भेदभाव का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान के सैन्य हुक्मरान ही नहीं बल्कि लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित सरकार के प्रमुख भी इन आरोपों को खारिज करते हैं. बलूच विद्रोहियों का आक्रामक होना वाजिब है, क्योंकि जब पाकिस्तान बना था तब बलूचिस्तान एक स्वतंत्र रियासत थी. लेकिन 1948 में जिन्ना ने छल से इसे पाकिस्तान में शामिल कर लिया. कलात के खान शासक जिन्ना के रवैये से क्षुब्ध थे. बैरिस्टर जिन्ना रोशनख्याल नहीं थे. 1947 में भारत के विभाजन के पश्चात पंडित जवाहर लाल नेहरु जहां अपने मुल्क में लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार में व्यस्त थे तो वहीं जिन्ना मुस्लिम सियासत को विस्तार देने का काम कर रहे थे. वे सिंध, पश्चिमी पंजाब, उत्तर पश्चिम सीमा प्रांत (खैबर पख़्तूनख़्वा) और पूर्वी बंगाल लेकर भी संतुष्ट नहीं थे. इसलिए उन्होंने बलूचिस्तान को हड़प कर पाकिस्तान के भूगोल को बड़ा आकार दिया.

बलूच हैं आजादी के मतवाले

बलूचिस्तान के लोगों ने अपनी आजादी के अपहरण को कभी कुबूल नहीं किया. वे अपनी राजनीतिक व सांस्कृतिक पहचान को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. पूर्वी बंगाल के लोग अपनी विशिष्ट संस्कृति के कारण पाकिस्तान में असहज महसूस करते थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें सैन्य बलों का अत्याचार झेलना पड़ा. अंततः दक्षिण एशिया के नक्शे में बदलाव हुआ और शेख मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व में एक नए मुल्क के रूप में "बांग्लादेश" की स्थापना हुई. हालांकि बलूचिस्तान के पास शेख मुजीबुर्रहमान के जैसा कोई करिश्माई नेता नहीं है. लेकिन इससे उनका आंदोलन कमजोर नहीं पड़ रहा है क्योंकि आजादी हासिल करने के लिए सिर्फ सशस्त्र विद्रोह ही नहीं हो रहा है बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से भी विरोध-प्रदर्शन करने वाले लोग सक्रिय हैं.

यहां डॉ महरंग बलूच भी हैं जिनके नेतृत्व में बलूच औरतें आंदोलनरत हैं. उन्हें उम्मीद है कि जो बलूच पुरुष पाकिस्तानी सेना के कब्जे में हैं, उनकी एक न एक दिन सुरक्षित रिहाई जरूर होगी. बीएलए को पाकिस्तान सरकार ने एक आतंकी संगठन घोषित किया है. इसके अलावा अमेरिका व ब्रिटेन सहित कई अन्य देशों ने भी इसे आतंकवादी संगठन माना है. 2000 के दशक की शुरूआत में स्थापित यह संगठन पाकिस्तान सरकार एवं सेना के विरुद्ध सशस्त्र संघर्ष कर रहा है. बीएलए बलूच राष्ट्रवाद का पोषण करता है और पाकिस्तान से बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग करता है. 1950, 1960 और 1970 के दशक में भी बलूचिस्तान में कई बार बगावतें हुईं, लेकिन इन्हें कुचल दिया गया. 2006 में बलूच राष्ट्रवादी नेता नवाब अकबर बुगती की जब पाकिस्तानी सेना ने हत्या कर दी तब आम नौजवानों में आजादी की चाहत बहुत अधिक हो गयी और आंदोलन में उनकी भागीदारी बढ़ने लगी. अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान शासन की पुनर्स्थापना से बलूच लड़ाकों को नई ताकत मिली है. तालिबानी सैनिक पाकिस्तान फौज को करारी शिकस्त दे रहे हैं. डूरंड लाइन पर होने वाली झड़पों ने पाकिस्तानी सेना की कमजोरियों को उजागर कर दिया है.

बलूच राष्ट्रवादी आंदोलन के शुभचिंतक ईरान और अफ़गानिस्तान में भी हैं. भारत ने जिस तरह से बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का समर्थन किया था, वैसा उत्साह बलूचिस्तान के मामले में नहीं दिखाई देता है. लेकिन बलूच राष्ट्रवादी भारत को अपना दोस्त जरूर मानते हैं क्योंकि दोनों का दुश्मन तो पाकिस्तान ही है. पाकिस्तान से बलूच ही नहीं बल्कि सिंध और खैबर पख़्तूनख़्वा के लोग भी स्वतंत्र होना चाहते हैं. पंजाबियों की बादशाहत से उर्दू भाषी मुसलमान भी परेशान हैं. जाहिर है कि विघटन ही पाकिस्तान की नियति है.

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही ज़िम्मेदार है.] 

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

दिल्ली से देहरादून जाने वालों के लिए खुशखबरी! सिर्फ ढाई घंटे में पूरा होगा 6 घंटों का सफर
दिल्ली से देहरादून जाने वालों के लिए खुशखबरी! सिर्फ ढाई घंटे में पूरा होगा 6 घंटों का सफर
क्या दुनिया में होने वाली महाविनाशकारी जंग? एलन मस्क की इस भविष्यवाणी ने उड़ाई सभी की नींद
क्या दुनिया में होने वाली महाविनाशकारी जंग? एलन मस्क की इस भविष्यवाणी ने उड़ाई सभी की नींद
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाती हैं करीना कपूर? बीवी की ही डाइट फॉलो करके सैफ अली खान भी रहते हैं फिट
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाते हैं करीना कपूर और सैफ अली खान, जानें फिटनेस सीक्रेट
IPL 2026 की नीलामी में नहीं दिखेंगे इंटरनेशनल क्रिकेट के 5 सुपर स्टार, लिस्ट देख मायूस होंगे आप
IPL 2026 की नीलामी में नहीं दिखेंगे इंटरनेशनल क्रिकेट के 5 सुपर स्टार, लिस्ट देख मायूस होंगे आप
ABP Premium

वीडियोज

श्रीलंका में दितवाह तूफान का कहर, अब तक 390 लोगों की हुई मौत
Bandhan Gold & Silver ETF Full Review | NFO Details, Returns Logic, Rally Explained | Money Live
Khabar Filmy Hain: मृणाल ठाकुर डेटिंग लाइफ को लेकर एक बार फिर गॉशिप गलियारों लगी आग
Salman Khan, The Intensity, Songs, and Success Behind Tere Naam, Sameer Anjaan Interview
Delhi News: चोरी का सनसनीखेज मामला! अस्पताल में महिला के शव से गहने गायब | Crime News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
दिल्ली से देहरादून जाने वालों के लिए खुशखबरी! सिर्फ ढाई घंटे में पूरा होगा 6 घंटों का सफर
दिल्ली से देहरादून जाने वालों के लिए खुशखबरी! सिर्फ ढाई घंटे में पूरा होगा 6 घंटों का सफर
क्या दुनिया में होने वाली महाविनाशकारी जंग? एलन मस्क की इस भविष्यवाणी ने उड़ाई सभी की नींद
क्या दुनिया में होने वाली महाविनाशकारी जंग? एलन मस्क की इस भविष्यवाणी ने उड़ाई सभी की नींद
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाती हैं करीना कपूर? बीवी की ही डाइट फॉलो करके सैफ अली खान भी रहते हैं फिट
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाते हैं करीना कपूर और सैफ अली खान, जानें फिटनेस सीक्रेट
IPL 2026 की नीलामी में नहीं दिखेंगे इंटरनेशनल क्रिकेट के 5 सुपर स्टार, लिस्ट देख मायूस होंगे आप
IPL 2026 की नीलामी में नहीं दिखेंगे इंटरनेशनल क्रिकेट के 5 सुपर स्टार, लिस्ट देख मायूस होंगे आप
पाकिस्तान को खून के आंसू रुला रहा BLF,  हमले में पहली बार महिला फिदायीन का किया इस्तेमाल, चीनी प्रोजेक्ट बना निशाना
पाकिस्तान को खून के आंसू रुला रहा BLF, हमले में पहली बार महिला फिदायीन का किया इस्तेमाल, चीनी प्रोजेक्ट बना निशाना
Explained: सूरज-सितारों को रहबर बनाकर, हजारों किलोमीटर का सफर कैसे तय करते प्रवासी पक्षी, आखिर भारत ही ठिकाना क्यों?
Explained: सूरज-सितारों को रहबर बनाकर, हजारों किलोमीटर का सफर कैसे तय करते प्रवासी पक्षी, आखिर भारत ही ठिकाना क्यों?
Video: सीमा सचिन के घर आया 50 हजार रुपये लाइट का बिल! देखते ही दोनों के हुए होश फाख्ता- वीडियो वायरल
सीमा सचिन के घर आया 50 हजार रुपये लाइट का बिल! देखते ही दोनों के हुए होश फाख्ता- वीडियो वायरल
World Best Whisky 2025: आयरिश व्हिस्की 'द डॉन' एशिया स्पिरिट्स रेटिंग्स में दुनिया की बेस्ट व्हिस्की, जानें क्या है इसमें खास?
आयरिश व्हिस्की 'द डॉन' एशिया स्पिरिट्स रेटिंग्स में दुनिया की बेस्ट व्हिस्की, जानें क्या है इसमें खास?
Embed widget