एक्सप्लोरर

Omicron Variant: महामारी का ये तीसरा नाम, क्या समझा पायेगा हमें जिंदगी की अहमियत?

Omicron Variant: बरसों पहले किसी शायर ने लिखा था, "अगर तूने अपनी आंखों से उसे खाक में बदलते नहीं देखा तो फिर क्या ख़ाक तूने जिंदगी की अहमियत को समझा." कोई भी शायर या कवि अपने शब्दों व लहज़े में उस देश के आने वाले भविष्य की तरफ ही इशारा करता है लेकिन ये अलग बात है कि लोग इस पर ज्यादा गौर नहीं करते. अगर हमने अपने देश में आई कोरोना की पहली और दूसरी लहर में हुई मौतों को देखकर भी कुछ सबक नहीं सीखा  तो फिर ओमिक्रोन वेरिएंट से बचाव को लेकर बरती जा रही लापरवाही से देश में जो तबाही मच सकती है उसके लिए हम किसी भी सरकार को कसूरवार नहीं ठहरा सकते. वह इसलिये कि भारत में जिस रफ्तार से इसका संक्रमण बढ़ रहा है  उसे लेकर लोग आज भी बेफ़िक्र बने हुए हैं और वे सरकार की पाबंदी लगाने का इंतज़ार कर रहे हैं.

लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि कोरोना के खिलाफ दुनिया की सबसे ज्यादा असरदार मानी जाने वाली ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन को बनाने वाली टीम की एक वैज्ञानिक ने कहा है कि आने वाली महामारी और भी जानलेवा होगी. इस वैक्सीन का महत्व इसी से समझ सकते हैं कि आज दुनिया के तकरीबन 170 देश इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.  उसी वैक्सीन को ईजाद करने वाले इस वैज्ञानिक का नाम है प्रोफ़ेसर डेम सारा गिल्बर्ट. कोरोना के इस नए वेरिएंट के आते ही उन्होंने बीती 6 दिसम्बर को डॉक्टरों-विशेषज्ञों को दिए अपने एक लेक्चर में कहा था कि इस महामारी की तैयारियों के लिए और अधिक फ़ंड की ज़रूरत है ताकि इसके प्रकोप को रोका जा सके. तभी उन्होंने ये भी चेताया था कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन पर हर तरह की वैक्सीन निष्प्रभावी हो सकती है. यानी, अगर आप वैक्सीन की दोनों डोज़ ले चुके हैं तब भी खतरे से बाहर नहीं हैं और ये दावा नहीं कर सकते कि अब ओमिक्रॉन आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता.

लिहाज़ा भारत के 15 राज्यों में जिस रफ्तार से ओमिक्रॉन की रफ़्तार बढ़ रही है वो सिर्फ इसकी शुरुआत है और इसकी मंजिल अभी थोड़ी दूर है. देश के तमाम वैज्ञानिक चेता चुके हैं कि फरवरी महीने में ये नया वेरिएंट अपने पीक पर होगा और देश में हर रोज तकरीबन दो लाख नये मामले सामने आ सकते हैं. लेकिन हम इंसानों की फ़ितरत ही कुछ ऐसी बन चुकी है कि जब तक सरकार की सख्ती का डंडा नहीं चलता तब तक हम ऐसी खतरनाक महामारी को भी इतने हल्के में लेते हैं जिसका माकूल ईलाज दुनिया के बड़े वैज्ञानिक भी अभी तक खोज नहीं पाए हैं.

वैसे तो एक सच ये भी है कि दुनिया के किसी भी देश की सरकार अपने नागरिकों को बेवजह डराना नहीं चाहती लेकिन WHO ने इस वेरिएंट की रफ्तार के कई गुणा बढ़ने को लेकर जो चेतावनी जारी की है उससे भारत भी कोई अछूता देश नहीं है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपनी अहम बैठक में वे सभी रास्ते तलाशने की कोशिश करेंगे कि देश में कोराना की स्थिति और इस नए वेरिएंट से लोगों का बचाव करने की कितनी और क्या-क्या मुमकिन कोशिश हो सकती है ताकि देश को दोबारा लॉकडाउन की नौबत न झेलनी पड़े.

हालांकि वैक्सीन ईजाद करने वाली वैज्ञानिक गिल्बर्ट साफतौर पर ये कह चुकी हैं कि जब तक इस नए वेरिएंट को लेकर और भी जानकारी सामने ना आ जाए तब तक लोगों को ज्यादा सावधान रहने की ज़रूरत है. उनके मुताबिक ''यह आखिरी बार नहीं हो रहा है जब किसी वायरस से हमारी जिंदगी व हमारी आजीविका को इतना बड़ा ख़तरा पैदा हुआ है. सच तो यह है कि अगली महामारी और भी बदतर हो सकती है और यह अधिक संक्रामक व ज्यादा घातक, दोनों ही हो सकती है.''

दरअसल, अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन आदि देशों में इस नए वेरिएंट की तेज रफ्तार को देखते हुए वैज्ञानिकों का आकलन है कि लोगों की लापरवाही के साथ ही ओमिक्रॉन पर एंटीबॉडी का असर कम होना भी एक बड़ी वजह है. ओमिक्रॉन वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन है जो वायरस के संक्रमण को बढ़ाने का काम करता है. इसीलिये वैज्ञानिक फिलहाल इस निष्कर्ष तक ही पहुंच सके हैं कि ''ये वेरिएंट थोड़ा अलग है जिससे हो सकता है कि वैक्सीन से बनने वाली एंटीबॉडी, या दूसरे वेरिएंट के संक्रमण से बनने वाली एंटीबॉडी ओमिक्रॉन के संक्रमण को रोकने में कम प्रभावी हो.''

हालांकि मेडिकल साइंस व रिसर्च की दुनिया में राहत देने वाली बात ये है कि प्रोफेसर गिल्बर्ट समेत अन्य कई वैज्ञानिकों ने कहा है कि वैक्सीन का असर कम होने की संभावना का मतलब ये नहीं है कि संक्रमण बेहद गंभीर है या फिर वो मौत का कारण बन सकता है. लेकिन अमेरिका में इस वेरिएंट से हुई पहली मौत ने वैज्ञानिकों को फिर से ये तलाशने पर मजबूर कर दिया है कि इसमें कोरोना के 'डेल्टा'  वेरिएंट से अलग ऐसा क्या है जो लोगों की जान ले रहा है.

वैसे दुनिया के नामी विशेषज्ञों का जोर इसी बात पर है कि जब तक हम इस नए स्ट्रेन के बारे में और अधिक नहीं जान जाते तब तक हमें सतर्क रहना होगा और इसके प्रसार को कम करने की हर मुमकिन कोशिश भी करनी होगी जो इस महामारी से बचने के लिए बनाए गए एहितयात वाले नियम हैं. डेम सारा गिल्बर्ट वह महिला वैज्ञानिक हैं जिन्हें इसी साल ब्रिटेन की महारानी के जन्मदिन के मौके पर डेमहुड की पदवी से सम्मानित किया गया था. पहली बार चीन में कोरोना वायरस के सामने आने के बाद साल 2020 की शुरुआत में ही उन्होंने इस वायरस की वैक्सीन बनाना शुरू कर दिया था और वे ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन बनाने वाली वैज्ञानिक टीम की प्रमुख सदस्य हैं. हालांकि उन्होंने अन्य बीमारियों मसलन इंफ्यूएंज़ा के लिए भी एक यूनिवर्सल टीका बनाने की तरफ जोर दिया है. दुनिया के देशों को उनके इस इशारे की तरफ भी गंभीरता से गौर करना होगा.

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
ABP Premium

वीडियोज

Haval H9: क्या ये गाड़ी India में मिलती है? | Auto Live #havalh9
Passenger anger On Flight Delay: Indi'Go' कहें या फिर Indi'Stop'? | Bharat Ki Baat With Pratima
Road Test Review Of Volkswagen Golf GTI India  | Auto Live
दोस्ती इम्तिहान लेती है...दोस्तों की जान लेती है। | Sansani | Crime News
Putin India Visit: रूस के लिए रवाना हुए व्लादिमीर पुतिन | Trump | India Russia Ties | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
कहीं आपका गैस सिलेंडर एक्सपायर तो नहीं हो गया, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं चेक
कहीं आपका गैस सिलेंडर एक्सपायर तो नहीं हो गया, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं चेक
CBSE में 124 नॉन-टीचिंग पदों पर भर्ती, जानें किस उम्र सीमा तक के उम्मीदवार कर सकते हैं अप्लाई?
CBSE में 124 नॉन-टीचिंग पदों पर भर्ती, जानें किस उम्र सीमा तक के उम्मीदवार कर सकते हैं अप्लाई?
स्टील के बर्तन में कभी न रखें ये फूड आइटम्स, हो सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा
स्टील के बर्तन में कभी न रखें ये फूड आइटम्स, हो सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा
Embed widget