एक्सप्लोरर

पिएगा तो मरेगा, ये तो ठीक है CM साहब, लेकिन शराबबंदी वाले बिहार में शराब क्यों और कैसे मिल रही है?

मोतिहारी का ये वही इलाका है, जहां एक-डेढ़ साल पहले वायुसेना के एक जवान आलोक तिवारी की शराब-माफिया ने हत्या कर दी थी. मोतिहारी शहर के पश्चिम में जब आप तुरकुलिया, हरसिद्धी वगैरह की ओर बढ़ेंगे तो वहां के बारे में ये कहा जाता है कि वहां के एकाध गांवों में तो जवान बचे ही नहीं, विधवाओं की संख्या बहुत ज्यादा है.

ये सब मैं कुछ साल पहले की बात बता रहा हूं. ये विधवाएं जहरीली शराब की वजह से ही इस हाल में पहुंची हैं. यदि ये कहें कि यह इलाका जहरीली और नकली शराब का एक बड़ा केंद्र है तो कुछ गलत नहीं होगा.

नीतीश की जिद है इन मौतों की वजह

अभी भी नीतीश कुमार कहते हैं कि शराबबंदी उनकी प्राथमिकताओं में पहले स्थान पर है. नीतीश कुमार ने विधानसभा में एक बेहद शर्मनाक बयान दिया था कि पिएगा तो मरेगा. लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि शराब आखिरकार उपलब्ध क्यों और कैसे हो रही है ? उपबल्ध होगा तो पिएगा और पिएगा तो मरेगा. प्रशासनिक विफलता पर मुख्यमंत्री की चुप्पी बहुत बड़ा सवालिया निशान है, उनकी छवि और उनके शासन पर. जिलावार आप चलेंगे तो हरेक जगह, हरेक जिले में मौतें हो रही हैं. कई जगह तो मीडिया पहुंचता भी नहीं. पिछले एक साल में लगभग 1000 से अधिक मौतें हुई हैं. मोतिहारी हो, सारण, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज या और भी बहुतेरे जिले, हरेक जगह शराब का कहर जारी है.

इस्तीफे से नहीं, कानून के बदलने से बनेगी बात

मद्य निषेध या शराबबंदी का यह कानून जब बना था, तो साल भऱ पहले सेक्शन 34 में ए, बी, सी, डी और ई में बदलाव किया गया. यह बिल्कुल खास सेक्शन था और जब यह कानून बना था तो यही सेक्शन गिरफ्तारी को लेकर था. इसके तहत उस समय शराब पीकर पकड़े जाने पर गिरफ्तारी होती थी, घर और वाहन सील होते थे, मतलब बहुत कड़ा कानून था. उसी कानून को साल भर पहले हल्का किया गया, जिसमें अब पहली बार पीते हुए पकड़े जाने पर पुलिस भी जुर्माना वगैरह लेकर छोड़ सकती है. उसी तरह एक अधिकारी को ही मैजिस्ट्रेट के अधिकार दिए गए, ताकि मौके पर ही बेल वगैरह मिल सके, यह देखकर कि कोई आदतन अपराधी है या फर्स्ट टाइमर है या बार-बार पीता है.

इस कानून के शिकार सबसे अधिक गरीब लोग

इसको जो हल्का करने के पीछे मंशा थी, वह क्या थी और असल में हुआ क्या? इस पर थोड़ी बात करने की जरूरत है. दरअसल इस कानून के अधिकांश शिकार लोग जो हैं, वे अधिकतर गरीब-पिछड़े वर्ग के ही लोग हैं. चाहे वे बनाने वाले हों, बेचनेवाले हों या करियर हों या पीनेवाले. तो, कानून उनके लिए ही हल्का किया गया, हालांकि जो हश्र हुआ, वो हम देख ही रहे हैं.

आप मोतिहारी के मृतकों के नाम उठाकर देखिए. उसमें अनुसूचित जातियों की संख्या सबसे अधिक है. जेलों में कच्ची शराब बनाने या ढोने या पीने का काम करनेवाले जो आरोपित हैं, उनमें सबसे अधिक गरीब और एससी तबके के लोग हैं. एक चीज और मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि जितनी भी आपराधिक घटनाएं आजकल बिहार में हो रही हैं, उनके पीछे कारण ज़मीन और शराब ही है. यानी, चाहे वह हत्या हो, अपराध हो या जो भी हो, लेकिन उसके पीछे कारण बस वही है.

नीतीश चले थे कुछ और करने, कर कुछ और रहे हैं

बिहार के मुख्यमंत्री ऐसी जाति से आते हैं, जिसका वोट परसेंटेज चार से पांच प्रतिशत है. हालांकि, उनको जाति विशेष का नेता भी कहा जाता है, लेकिन उनकी नजर शुरू से ही आधी आबादी यानी महिलाओं को अपना वोट बैंक बनाने पर रही है. शायद वह इसी वजह से सफल भी रहे हैं. चाहे पंचायत में 50 फीसदी महिला आरक्षण हो, जीविका दीदियों का काम हो, पुलिस में आरक्षण हो या शिक्षक में. यह शराबबंदी की घोषणा भी उन्होंने जीविका दीदियों की बैठक में ही की थी. अब, नीतीश ने यह शराबबंदी भी उसी से प्रेरित होकर शुरू की थी. लेकिन अब उनकी तथाकथित सदाशयता से शुरू की गई नीति जानलेवा और बीमार हो चुकी है. एक अच्छा प्रशासक होता है, जो खुद ही अपनी नीतियों की समीक्षा करे. नीतीश की इस जिद को भी 8 साल हो चुके हैं.

पिछली बार जब सरकार ने इस कानून में बदलाव किया तो उसके बाद की घटनाओं के बाद तो कहीं न कहीं सरकार समझ रही है कि कुछ न कुछ गड़बड़ हो गई है. आपको याद होगा कि जब यह कानून लागू हुआ था तो उस वक्त जो घर सील होते थे, उनमें स्कूल खोल दिया जाता था. एक डेमोक्रेसी में ऐसे कदम नहीं चलते हैं. ठीक है, आपने राजनीतिक तौर पर यह कर लिया, लेकिन बिहार अब उसकी बड़ी कीमत चुका रहा है. राजस्व में बड़ा घाटा हो रहा है, नकली शराब का धंधा जोरों पर है, उत्पाद और मद्य निषेध विभाग अपनी मासिक रिपोर्ट तैयार कर अपनी पीठ थपथपा रहा है. जाहिर है कि जितनी शराब पकड़ी जा रही है, उससे ज्यादा शराब तो उपलब्ध है.

समय आ गया है कि नीतीश कुमार अपनी हठधर्मिता छोड़ें, यह उनकी बिहार पर बड़ी कृपा होगी. वे अब सर्वदलीय बैठक बुलाएं और इस काले कानून को रद्द करें.

(ये आर्टिकल निजी विचारों पर आधारित है)

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
मध्य प्रदेश के सिवनी में बिजली लाइन से टकराया ट्रेनी विमान, पायलट समेत दो घायल
मध्य प्रदेश के सिवनी में बिजली लाइन से टकराया ट्रेनी विमान, पायलट समेत दो घायल
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
IND vs SA T20 Head to Head: भारत या दक्षिण अफ्रीका, जानिए हेड टू हेड में किसका पलड़ा भारी; किसने नाम सबसे ज्यादा रन और विकेट
भारत या दक्षिण अफ्रीका, जानिए हेड टू हेड में किसका पलड़ा भारी; किसने नाम सबसे ज्यादा रन और विकेट
ABP Premium

वीडियोज

Indigo Crisis:'अच्छे से बात भी नहीं करते' 6वें दिन भी इंडिगो संकट बरकरार | DGCA | Civil Aviation
LIVE शो में AIMIM प्रवक्ता पर क्यों आग बबूला हो गए Rakesh Sinha? | TMC | Vande Mataram Controversy
'Nehru नहीं होते तो...' Vande Matram चर्चा पर Priyanka Gandhi ने Lok Sabha में क्या कहा? सुनिए
Khabar Filmy Hain: Dharmendra को याद कर क्यो रोए सलमान
Saas Bahu Aur Saazish: मंगल- कुसुम जा रहें है जोर्जिया

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
मध्य प्रदेश के सिवनी में बिजली लाइन से टकराया ट्रेनी विमान, पायलट समेत दो घायल
मध्य प्रदेश के सिवनी में बिजली लाइन से टकराया ट्रेनी विमान, पायलट समेत दो घायल
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
IND vs SA T20 Head to Head: भारत या दक्षिण अफ्रीका, जानिए हेड टू हेड में किसका पलड़ा भारी; किसने नाम सबसे ज्यादा रन और विकेट
भारत या दक्षिण अफ्रीका, जानिए हेड टू हेड में किसका पलड़ा भारी; किसने नाम सबसे ज्यादा रन और विकेट
Theatre Releases This Week: इस हफ्ते मिलेगा कॉमेडी-एक्शन का तगड़ा डोज, 'किस किस को प्यार करूं 2' समेत रिलीज होंगी ये फिल्में
इस हफ्ते मिलेगा कॉमेडी-एक्शन का तगड़ा डोज, थिएटर्स में रिलीज होंगी ये फिल्में
लिवर कैंसर से पहले शरीर करता है ये 5 इशारे, पहचान लिया तो बच जाएगी जान
लिवर कैंसर से पहले शरीर करता है ये 5 इशारे, पहचान लिया तो बच जाएगी जान
सफदरजंग में एडवांस्ड न्यूरोमॉड्यूलेशन ट्रीटमेंट फैसिलिटी शुरू, डिप्रेशन–OCD मरीजों का फ्री होगा इलाज
सफदरजंग में एडवांस्ड न्यूरोमॉड्यूलेशन ट्रीटमेंट फैसिलिटी शुरू, डिप्रेशन–OCD मरीजों का फ्री होगा इलाज
Video: धीरेंद्र शास्त्री पर छोटी बच्ची ने लुटाया प्यार, पहले वारा फिर रोते हुए दी फ्लाइंग किस- वीडियो वायरल
धीरेंद्र शास्त्री पर छोटी बच्ची ने लुटाया प्यार, पहले वारा फिर रोते हुए दी फ्लाइंग किस- वीडियो वायरल
Embed widget