एक्सप्लोरर

बंगाल में ममता-मोदी की टक्कर, किसकी होगी जीत?

बीजेपी की पूरी कोशिश है कि पश्चिम बंगाल के राजनीति किले पर फतह करना और ममता की कोशिश है कि तीसरी बार सत्ता में काबिज होना. लेकिन इस बार ममता का कुर्सी बचाना आसान नहीं है, वहीं बीजेपी के लिए ममता को सत्ता से बेदखल करना भी उतना ही मुश्किल है.

पश्चिम बंगाल में दो चरण के मतदान खत्म हो गये और छह चरण के मतदान बाकी हैं, लेकिन किसकी होगी जीत ये संशय बना हुआ है. बीजेपी और टीएमसी दोंनों दावा कर रही हैं कि जीत उसकी ही होगी. जाहिर है कि जीत एक ही पार्टी की होगी. सवाल ये है क्या पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपना किला बचा पाएंगी या नहीं. बीजेपी की पूरी कोशिश है कि पश्चिम बंगाल के राजनीति किले पर फतह करना और ममता की कोशिश है कि तीसरी बार सत्ता में काबिज होना. लेकिन इस बार ममता का कुर्सी बचाना आसान नहीं है, वहीं बीजेपी के लिए ममता को सत्ता से बेदखल करना भी उतना ही मुश्किल है.

निर्णायक नेता ममता के खिलाफ क्या है चक्रव्यूह? देश की राजनीति दिशा और दशा बदल गई है. 2000 के बाद देश में सामान्यत निर्णायक नेता और कामकाज पर चुनाव लड़े जाते हैं. जो अच्छा कामकाज कर रहें हैं वो 10 से 15 साल से सत्ता में बने रहे मसलन नरेन्द्र मोदी, नवीन पटनायक, नीतीश कुमार, शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह इत्यादि. वहीं देश में निर्णायक नेता की छवि है नरेन्द्र मोदी, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक, नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल की.

बीजेपी नरेन्द्र मोदी के नाम पर विधानसभा का चुनाव लड़ती है और जहां पर विरोधी खेमे में राज्य में निर्णायक नेता होते हैं अमूमन मुख्यमंत्री के उम्मीदवार की घोषणा नहीं करती है. चाहे दिल्ली हो या हो बंगाल और उड़ीसा या हो बिहार बीजेपी ने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है लेकिन चुनाव हरबार इतिहास पर नहीं लड़ा जाता है बल्कि चुनाव इतिहास बनाता भी है.

निर्णायक नेता इंदिरा गांधी, मायावाती, लालू यादव इत्यादि भी रहे लेकिन हारना तो पड़ा ही था. अब निर्णायक नेता के साथ साथ कामकाम का पैमाना भी जुड़ गया है. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी निर्णायक नेता मानी जाती है और उनके कामकाज को अच्छा नहीं तो खऱाब भी नहीं कहा जा सकता है

ममता को हराने के लिए बीजेपी की क्या है रणनीति? चाहे केन्द्र हो या राज निर्णायक नेता के साथ रणनीति का भी बोलबाला रहता है. जिसकी रणनीति जितनी मजूबत उसकी जीत पक्की मानी जाती है. केन्द्र में मोदी मजबूत है तो बंगाल में ममता बनर्जी मजबूत है. बीजेपी के पास रणनीति के लिए मोदी और आमित शाह की जोड़ी है. ममता भले निर्णायक नेता है लेकिन रणनीतिकार नहीं है.

नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की काट के लिए ममता बनर्जी ने पेशेवर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का सहारा ले रही है. नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ममता को मात करने के लिए चाल खेलते हैं तो प्रशांत किशोर उस चाल की काट के लिए पासा फेंकते हैं. ममता को घेरने के लिए बीजेपी की रणनीति है कि सीधा हमला ममता बनर्जी पर करना ताकि ममता को नकारा साबित किया जा सके और वोटरों में ममता के खिलाफ नाराजगी पैदा करना मसलन बंगाल में विकास नहीं हो रहा है. उसके लिए ममता जिम्मेदार है.

ममता काल में भ्रष्ट्राचार के आरोप, सीधे तौर पर ममता का नाम तो नहीं आया है कि लेकिन अभिषेक बनर्जी को भ्रष्ट्राचार का मास्टरमाइंड साबित करने की कोशिश की जा रही है. ममता के राज्य में कटमणि को लेकर बीजेपी का बड़ा आरोप है. दूसरी कोशिश ये रही है कि टीएमसी बिखर जाए इसके लिए टीएमसी के कई दिग्गज बीजेपी में शामिल हुए,एक आकलन के मुताबिक 40 टीएमसी के नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, संदेश यही देने की कोशिश हो रही है कि टीएमसी एक डूबता हुआ जहाज है.

तीसरी रणनीति ये है कि चुनाव का ध्रुवीकरण किया जाए, पाकिस्तान, बांग्लादेश, सीएए और एनआरसी तो ही रहा है अब ममता के साथ बेगम लगाना शुरू कर दिया है. ममता इसके काट के लिए कभी चंड़ी पाठ करती है तो कभी अपना गोत्र बताती है. मतलब बीजेपी के हिंदू कार्ड के खिलाफ ममता ये साबित करने में लगी हैं कि वो भी हिंदू की हिमायती हैं और ब्राह्मण हैं. ममता दस साल से राज्य में राज कर रहीं है जाहिर है कि ममता के खिलाफ एंटी इंक्वेंसी भी है, कितना एंटी इंक्वेंसी है ये तो चुनाव के नतीजे से ही पता चलेगा.

वहीं बीजेपी की नजर हिंदू वोट पर रहती है लेकिन इस बार बीजेपी ने दलित, आदिवासी और ओबसी पर खास नजर है. मतुआ वोट को लुभाने के लिए बीजेपी जीतोड़ मेहनत कर रही है. मोदी हाल में ही बांग्लादेश के दौरे के दौरान मतुआ मंदिर भी गये थे. जहां तक निर्णायक नेता की बात है मोदी देश में सबसे बड़े निर्णायक नेता माने जाते हैं वही राज्य में ममता निर्णायक नेता हैं.

पश्चिम बंगाल में ममता को टक्कर देने वाले कोई भी राज्य के नेता नहीं हैं, दूसरी बात ये भी है अगर बीजेपी राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करती तो राज्य के नेता में कलह भी पैदा हो सकती थी इसीलिए बीजेपी ने ये लड़ाई मोदी बनाम ममता केन्द्रित कर दिया है. इसके अलावा बीजेपी ने पार्टी को जमीन पर पहुंचा दिया जिसमें हर नेता और हर कार्यकर्ता पार्टी के लिए तनमन से काम करते हैं, ये पार्टी की बड़ी मजबूती है. अब देखना है कि बीजेपी ममता को घेरने में कितना सफल हो पाती है.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस किताब समीक्षा से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'अयोध्या की तरह मथुरा भी छोड़ दें मुसलमान...', पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद का बयान, जानें हिंदुओं से क्या कहा
'अयोध्या की तरह मथुरा भी छोड़ दें मुसलमान...', पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद का बयान
बिहार के राजभवन का नाम तत्काल प्रभाव से बदला, अब क्या रखा गया? जानिए
बिहार के राजभवन का नाम तत्काल प्रभाव से बदला, अब क्या रखा गया? जानिए
दूसरे वनडे से ठीक पहले जैक कैलिस ने मार्को यानसेन पर दिया बड़ा बयान, भारतीय फैंस को जानना चाहिए
दूसरे वनडे से ठीक पहले कैलिस ने मार्को यानसेन पर दिया बड़ा बयान, भारतीय फैंस को जानना चाहिए
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाती हैं करीना कपूर? बीवी की ही डाइट फॉलो करके सैफ अली खान भी रहते हैं फिट
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाते हैं करीना कपूर और सैफ अली खान, जानें फिटनेस सीक्रेट
ABP Premium

वीडियोज

Toyota HILUX goes Electric ! | Auto Live #toyota #hilux #toyotahilux
Nissan Tekton vs Renault Duster: Upcoming cars in India | Auto Live
Sansani: 'जानी दुश्मन' औलाद...मम्मी-पापा खल्लास ! | Crime News
Tata Sierra 2025 price, specs, features, engine and all details!| Auto Live
Mahindra XEV 9S first look, interior and features | Auto Live

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'अयोध्या की तरह मथुरा भी छोड़ दें मुसलमान...', पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद का बयान, जानें हिंदुओं से क्या कहा
'अयोध्या की तरह मथुरा भी छोड़ दें मुसलमान...', पूर्व ASI अधिकारी केके मुहम्मद का बयान
बिहार के राजभवन का नाम तत्काल प्रभाव से बदला, अब क्या रखा गया? जानिए
बिहार के राजभवन का नाम तत्काल प्रभाव से बदला, अब क्या रखा गया? जानिए
दूसरे वनडे से ठीक पहले जैक कैलिस ने मार्को यानसेन पर दिया बड़ा बयान, भारतीय फैंस को जानना चाहिए
दूसरे वनडे से ठीक पहले कैलिस ने मार्को यानसेन पर दिया बड़ा बयान, भारतीय फैंस को जानना चाहिए
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाती हैं करीना कपूर? बीवी की ही डाइट फॉलो करके सैफ अली खान भी रहते हैं फिट
नाश्ते से डिनर तक क्या-क्या खाते हैं करीना कपूर और सैफ अली खान, जानें फिटनेस सीक्रेट
पाकिस्तान को खून के आंसू रुला रहा BLF,  हमले में पहली बार महिला फिदायीन का किया इस्तेमाल, चीनी प्रोजेक्ट बना निशाना
पाकिस्तान को खून के आंसू रुला रहा BLF, हमले में पहली बार महिला फिदायीन का किया इस्तेमाल, चीनी प्रोजेक्ट बना निशाना
Explained: सूरज-सितारों को रहबर बनाकर, हजारों किलोमीटर का सफर कैसे तय करते प्रवासी पक्षी, आखिर भारत ही ठिकाना क्यों?
Explained: सूरज-सितारों को रहबर बनाकर, हजारों किलोमीटर का सफर कैसे तय करते प्रवासी पक्षी, आखिर भारत ही ठिकाना क्यों?
Snake Village India: भारत के इस गांव में सांपों के साथ खेलते हैं बच्चे, हर घर में देखने को मिलेंगे खतरनाक सांप
भारत के इस गांव में सांपों के साथ खेलते हैं बच्चे, हर घर में देखने को मिलेंगे खतरनाक सांप
World Aids Day 2025: भारत में HIV केस रिकॉर्ड स्तर पर, 72% केस युवाओं में! एक्सपर्ट बोले- जागरूकता कैंपेन बेहद जरूरी
भारत में HIV केस रिकॉर्ड स्तर पर, 72% केस युवाओं में! एक्सपर्ट बोले- जागरूकता कैंपेन बेहद जरूरी
Embed widget