एक्सप्लोरर

BLOG: लड़के-लड़कियां एक दूसरे को गले लगाएंगे, तभी मिलकर आगे बढ़ेंगे

लड़कियों की इज्जत करो- स्कूल में ही सिखाया जाता है. फिर स्कूल में ही सिखाया जाता है, लड़कियों से दूर रहो. इतने दूर कि उन्हें छूने की गुस्ताखी न कर बैठो. एक लड़के ने लड़की को छू लिया तो सस्पेंड हो गया. केरल में बारहवीं के लड़के को इस गुस्ताखी की सजा मिली है. उसका पूरा साल बर्बाद कर दिया गया है. लड़की ने अच्छा गाना गाया, लड़के ने बधाई देने के लिए उसे गले लगाया, तो स्कूल से निकाल दिया गया. उसके साथ लड़की भी यही सजा झेल रही है.

एक टीनएजर ने पूछा, गले लगाना गलत क्यों है? या हाथ मिलाना... साथ-साथ प्ले ग्राउंड में खेलना. कल्चरल प्रोग्राम्स में एक साथ हिस्सा लेना... ऐसा है तो कोएड स्कूल हैं ही क्यों? इसका जवाब क्या है... अपने पास तो नहीं है. पुरानी पीढ़ी के पास कोई भी जवाब कहां होता है- उसके पास कुतर्क होते हैं. कुतर्क से वह हर बहस जीतना चाहती है. अपनी लीक पर चलते हुए- उसके लिए लड़कियां अब भी शुक्र और लड़के मंगल ग्रह के वासी हैं. वह जॉन ग्रे की किताब पढ़कर बड़ी हुई है. पर वक्त के पन्ने तो क्लाइमेक्स वाले पार्ट को खोले बैठे हैं. वह उसे पढ़ना ही नहीं चाहती.

पढ़ो- न पढ़ो. हर बार किताबें पढ़ने से काम नहीं चलता. अक्सर हम किताबों से मिले जंतर को कहीं रखकर भूल जाते हैं और अपना ककहरा लिखने लगते हैं. यही बाद तक काम भी आता है. स्कूल या यूं कहें, शिक्षण संस्थान सामान्यतः तोतारटंती का पाठ पढ़ाते रहते हैं. इसीलिए लिंग भेद पर ढेरों अध्याय पढ़ाने के बावजूद लड़के-लड़की को अलग-अलग ही समझा जाता है. इसका शिकार वह पीढ़ी हो रही है, जो विरोधाभासों के बीच पल रही है. वह तय नहीं कर पाती कि कितनी दूरी बनानी है, कितनी दूरी पाटनी है. केरल के उन किशोरों ने अपनी लाइन पकड़ी तो धर लिए गए. कुछ दिनों पहले महिला और बाल कल्याण मंत्री ने लड़के-लड़कियों के हारमोनल विस्फोट पर चिंता जताई थी. वह चाहती थीं कि गर्ल्स हॉस्टलों में नाइट कर्फ्यू लगा रहे. दिन भर लड़के-लड़कियां जो मर्जी करें लेकिन शाम होते ही अपने-अपने पिंजड़ों में घुस जाएं. बाहर निकलेंगे तो क्या कुछ हो जाएगा- उनके हारमोनल विस्फोट से सारा समाज, सारी संस्कृति तहस-नहस हो जाएगी. हम किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे. केरल में भी इसी हारमोनल विस्फोट का डर था. स्कूल को, कोर्ट को, समाज को. इसीलिए सजा दी गई.

सजा उस दौर में दी गई, जब निजता के अधिकार और कन्सेंट पर कानूनी लड़ाइयां लड़ी और जीती गई हैं. केरल का मामला दोनों की धज्जियां उड़ाता है. साथ ही आइडिया ऑफ फ्री स्पेसेज का भी माखौल उड़ाता है. साठ के दशक में कनाडा में समाजशास्त्री हुए थे- इरविग गॉफमैन. उन्होंने अपनी किताब ‘असायलम्स’ में टोटल इंस्टिट्यूशंस की बात की थी. उन्होंने मेंटल हॉस्पिटल्स, कॉन्सन्ट्रेशन कैंप्स, आर्मी बैरक्स और बोर्डिंग स्कूलों को टोटल इंस्टिट्यूशंस माना था और कहा था कि इन जगहों पर रहने वाले (इनमेट्स) एक खास लक्ष्य को पूरा करने के लिए काम करते रहते हैं. उनकी हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जाती है. इनका एक उद्देश्य इनमेट्स को अपनी तरह हांकना होता है. सिर्फ कहे हुए को मानना- बिना चूं-चपड़ किए हुए. गॉफमैन की यह परिभाषा बहुत हद तक सामान्य कॉलेज और स्कूलों पर भी लागू होती है. यहां सिर्फ नियमों का पालन करना होता है, बिना कोई उफ किए.

बेंगलूर में इस साल स्कूली बच्चों के बीच जेंडर सोशलाइजिंग सर्वे किया गया. सर्वे में लड़के-लड़कियां, दोनों शामिल थे. लड़के ज्यादा थे, लड़कियां कम. 89% लड़कों का मानना था कि वे लड़कियों से दूर रहना पसंद करते हैं क्योंकि लड़कियां बात-बात में शिकायतें लगाती हैं. 76% लड़कियों का कहना था कि टीचर्स उन्हें लड़कों से दूर रहने की हिदायत देती हैं ताकि वे प्रेम-प्यार के पंगे में न पड़ें. 88% बच्चों का कहना था कि उनके माता-पिता भी यह पसंद नहीं करते कि वे एक दूसरे के घुले-मिलें. 83% यह कहते थे कि टीचरें क्लासरूम में सीटों पर उन्हें एक दूसरे के साथ नहीं बैठातीं. लड़कों की बेंचों की लाइनें अलग होती हैं, लड़कियों की अलग.

प्रेम में पड़ना होगा, तो कौन रोकेगा. टीनएज आकर्षण की उपजाऊ जमीन होती है. आप खाद पानी न दें, तब भी उसमें झाड़ियां उग ही जाती हैं. लेकिन सवाल वह नहीं, सामान्य शिष्टाचार का है. समस्या यह है कि हम बाकी सभी क्षेत्रों में तरक्की चाहते हैं. चाहते हैं, आर्थिक विकास हो, श्रम बाजार में लिंगभेद खत्म हो, विदेशी कंपनियां हमारे देश में निवेश करें, हम नौकरियां करने दूसरे देश जाएं. ये सब चाहते हैं पर सामाजिक बदलाव के विरोधी बन जाते हैं. जब आर्थिक परिवेश बदलेगा, तो समाज को भी बदलना होगा. आपसी संबंधों को भी नए स्वरूप में ढालना होगा. तब कुएं का मेढ़क बनकर काम कैसे चलेगा.

हम लड़के-लड़कियों को साथ-साथ गलबहियां डालते देखना पसंद नहीं करते. वे साथ-साथ नाचे-गाएं, मस्ती करें, पब में जाएं, तो हमें मिर्ची लगती है. हम उसी रास्ते पर चलते रहते हैं जो हमें सदियों से बनाए हैं. सदियों से जाति प्रथा कायम है. सदियों से तय है कि एक गोत्र में शादियां नहीं होंगी, एक जाति में होंगी, पर अलग धर्मों में नहीं होंगी. सदियों से यह भी तय है कि लड़कियां बाहर जाकर नौकरी नहीं करेंगी, शादी करने के बाद घर संभालेंगी, बच्चे पैदा करेंगी, तलाक नहीं लेंगी…. इसीलिए बदलती पीढ़ी हमें परेशान करती है. याद रखिए कि लड़के और लड़कियों की दोस्ती हमारे समाज की अच्छी सेहत का नतीजा होती है. सेहत अच्छी होगी, तभी समाज तरक्की करेगा. लड़के लड़कियों को गले लगाएंगे, तभी दोनों मिलकर आगे बढ़ेंगे.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

S Jaishankar: 'देश की सुरक्षा की नहीं कर सकते अनदेखी', भारत-चीन सीमा विवाद पर क्या बोले एस जयशंकर
'देश की सुरक्षा की नहीं कर सकते अनदेखी', भारत-चीन सीमा विवाद पर क्या बोले एस जयशंकर
हिमाचल में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी की स्टार प्रचारकों की सूची, गांधी परिवार समेत 40 नेताओं के नाम शामिल
हिमाचल में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची जारी, गांधी परिवार समेत 40 नेताओं के नाम शामिल
शिमरी ड्रेस में छाईं मलाइका अरोड़ा, बो-डिजाइन आउटफिट में मीरा राजपुत ने लूटी महफिल, देखें तस्वीरें
शिमरी ड्रेस में छाईं मलाइका अरोड़ा, बो-डिजाइन आउटफिट में मीरा राजपुत ने लूटी महफिल
Lok Sabha Elections 2024: चुनाव आयोग ने भेजा सियासी दलों के अध्यक्षों को नोटिस, TMC बोली- 'ये है मोदी आचार संहिता'
चुनाव आयोग ने भेजा सियासी दलों के अध्यक्षों को नोटिस, TMC बोली- 'ये है मोदी आचार संहिता'
for smartphones
and tablets

वीडियोज

टीम इंडिया को T20 World Cup के बाद मिलेगा नया हेड कोच, BCCI ने मांगे आवेदन | BCCI | Sports LIVEसीमा-सचिन और 'जिहादी' वो ! | सनसनीLok Sabha Election 2024: काशी का वोट कैलकुलेटर, मोदी को बनाएगा विनर? PM Modi | INDIA AlliancePakistan News: दुश्मन का कलेजा चीर..Loc पार..ऐसी तस्वीर | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
S Jaishankar: 'देश की सुरक्षा की नहीं कर सकते अनदेखी', भारत-चीन सीमा विवाद पर क्या बोले एस जयशंकर
'देश की सुरक्षा की नहीं कर सकते अनदेखी', भारत-चीन सीमा विवाद पर क्या बोले एस जयशंकर
हिमाचल में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी की स्टार प्रचारकों की सूची, गांधी परिवार समेत 40 नेताओं के नाम शामिल
हिमाचल में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची जारी, गांधी परिवार समेत 40 नेताओं के नाम शामिल
शिमरी ड्रेस में छाईं मलाइका अरोड़ा, बो-डिजाइन आउटफिट में मीरा राजपुत ने लूटी महफिल, देखें तस्वीरें
शिमरी ड्रेस में छाईं मलाइका अरोड़ा, बो-डिजाइन आउटफिट में मीरा राजपुत ने लूटी महफिल
Lok Sabha Elections 2024: चुनाव आयोग ने भेजा सियासी दलों के अध्यक्षों को नोटिस, TMC बोली- 'ये है मोदी आचार संहिता'
चुनाव आयोग ने भेजा सियासी दलों के अध्यक्षों को नोटिस, TMC बोली- 'ये है मोदी आचार संहिता'
​Sarkari Naukri: 6000 से ज्यादा पदों के लिए फटाफट कर लें अप्लाई, 16 मई है लास्ट डेट
6000 से ज्यादा पदों के लिए फटाफट कर लें अप्लाई, 16 मई है लास्ट डेट
भारतीय सेना की बढ़ेगी और ताकत, दुश्मनों के छक्के छुड़ाने आ रहा दृष्टि-10 ड्रोन, बठिंडा बेस पर होगी तैनाती
भारतीय सेना की बढ़ेगी और ताकत, दुश्मनों के छक्के छुड़ाने आ रहा दृष्टि-10 ड्रोन, बठिंडा बेस पर होगी तैनाती
Pakistan Violence: पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी बनी PoK में भड़की हिंसा, जानें क्या हैं प्रदर्शनकारियों की मांग
पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी बनी PoK में भड़की हिंसा, जानें क्या हैं प्रदर्शनकारियों की मांग
Agriculture: यूपी में शुरू होने वाली है किसान पाठशाला, फसलों को लेकर मिलेंगे कई कमाल के टिप्स
यूपी में शुरू होने वाली है किसान पाठशाला, फसलों को लेकर मिलेंगे कई कमाल के टिप्स
Embed widget