एक्सप्लोरर

अरविंद केजरीवाल और AAP के लिए ईडी का समन खतरे की घंटी, सिसोदिया को जमानत न मिलना देता है कुछ संकेत

प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने अरविंद केजरीवाल को 2 नवंबर को हाजिर होने का समन दिया है. इधर, सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कुछ पंक्तियों से यह अर्थ भी निकल रहा है कि सिसोदिया को शायद तीन महीने और जेल में ही रहना पड़े. आम आदमी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता केजरीवाल को समन भेजे जाने का पुरजोर विरोध कर रहे हैं और इसे सरकारी साजिश बता रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में 388 करोड़ रुपए के लेनदेन की बात को सहमति दी है और इससे केजरीवाल के लिए खतरे की घंटी बजनी और भी तेज हो गयी है. 

आम आदमी पार्टी के लिए खतरे की घंटी

जिस तरह की घटनाएं हो रही हैं और जिस तरह सुप्रीम कोर्ट ने कल यानी सोमवार (30 अक्टूबर) को मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी नामंजूर करते हुए यह कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय ने यह तो साबित कर दिया है कि 388 करोड़ रुपए का लेनदेन या घोटाला तो शराब-नीति के सिलसिले में हुआ है, बस उसके लिंक स्थापित नहीं हो पा रहे हैं, तो कहीं न कहीं ये तो सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि घोटाला हुआ है नयी शराब नीति को लेकर. और, जब नयी शराब नीति बनी थी तो अरविंद केजरीवाल के बारे में यह जानी हुई बात है कि उन्होंने कोई विभाग अपने पास नहीं रखा है, किसी कागज पर वह हस्ताक्षर नहीं करते हैं, तो सुप्रीम कोर्ट ने जब माना है कि ईडी की जांच ठीकठाक चल रही है, वह बस लिंक नहीं स्थापित कर रही है और उसके लिए 6 महीने का वक्त भी कोर्ट ने दिया है. जाहिर है कि कहीं न कहीं लिंक पकड़ा गया है, घोटाला हुआ है और वह पकड़ा गया है और उसमें अऱविंद केजरीवाल की भूमिका कहीं न कहीं दिख रही है.

वैसे, जहां तक पब्लिक परसेप्शन यानी जन-धारणा की बात है तो यह बात तो सबके मन में है कि बिना मुख्यमंत्री की जानकारी के कुछ भी नहीं हो सकता, जहां तक सबूत लाने की बात है तो ऐसा लगता है कि ईडी के पास कहीं न कहीं से कोई सिरा हाथ लगा है औऱ उनको 2 नवंबर को बुलाया गया है. यह खतरे की घंटी तो है. हां, यह खतरे की घंटी केवल आम आदमी पार्टी के मुखिया के लिए नहीं है, यह भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से निकले उस व्यक्ति के लिए है जो राजनीति को बदलने आया था. जो साफ-सफाई करने आए थे और उस पार्टी के मुखिया पर शिकंजा कस रहा है और कहीं न कहीं ऑथेंटिकेट होने की स्थिति में पहुंच रहा है. यह केवल खतरे की घंटी नहीं, शर्म की भी बात है. 

आम आदमी पार्टी की लंगड़ी सफाई

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और नेता तो यह बोलेंगे ही कि ये बदले की राजनीति है, लेकिन यह याद करना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट में पिछली बार जब मनीष सिसोदिया की पेशी थी और इससे पहले वाली पेशी में जब सुप्रीम कोर्ट ने ईडी और जांच एजेंसियों पर कुछ प्रतिकूल टिप्पणियां की थीं, तो आम आदमी पार्टी ने किस तरह से उसका ढोल बजाया था और इसको स्थापित करने की कोशिश की थी कि जांच एजेंसियों ने गलत किया है और सुप्रीम कोर्ट ने भी अब यह मान लिया है. अब जब सुप्रीम कोर्ट ने ही यह टिप्पणी की है कि पैसों का लेनदेन तो दिख रहा है, फिर उस पर क्या कहना है? या तो सुप्रीम कोर्ट पहले सही था, या अभी सही है या हमेशा सही रहता है. ऐसा तो नहीं चलेगा कि आप अपने मन से उसकी व्याख्या करेंगे.

या फिर, ऐसा भी नहीं हो सकता कि सुप्रीम कोर्ट एक समय ठीक हो और दूसरे समय गलत. आम आदमी पार्टी अपने बचाव में ऐसी बातें तो कहेगी ही कि उसकी आवाज बंद करने के लिए ये सब किया जा रहा है, लेकिन आवाज कहां बंद हो रही है. वो दिल्ली में हैं ही, पंजाब में भी हैं ही और उनकी राजनीति चल ही रही है. तो, आम आदमी पार्टी का यह बयान पूरी तरह राजनैतिक है और कोई भी पॉलिटिकल पार्टी होती तो ऐसा ही बयान देती जो उनको मन भाए. सुप्रीम कोर्ट पर तो ऊंगली अब तक नहीं उठी है, उठनी भी नहीं चाहिए. उसने भी माना है कि 388 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है और वही कार्रवाई चल रही है. उसमें अगर केजरीवाल के नंबर दो और छाया सीएम मनीष सिसोदिया को जमानत नहीं मिल रही है, तो कहीं न कहीं तो मामले की गंभीरता को समझना होगा. 

सुप्रीम कोर्ट की तो मानें

जहां तक ईडी को सुप्रीम कोर्ट की समझाइश का सवाल है, तो उसने ठीक कहा है कि न्यायिक प्रक्रिया और जांच प्रक्रिया में इतनी देर नहीं होनी चाहिए. इसलिए, न्यायिक व्यवस्था की जिम्मेदारी के तहत सुप्रीम  कोर्ट ने अपनी राय रखी है. जांच एजेंसी अगर गलत होगी, तो सुप्रीम कोर्ट तदनुसार कार्रवाई करेगा. कोर्ट तो यह चाहता है कि जांच ठीक ढंग से हो. राजनीतिक इस्तेमाल एजेंसियों का होता रहा है, निस्संदेह, लेकिन यहां बात दूसरी है. सुप्रीम कोर्ट ने भी 388 करोड़ के लेनदेन की बात स्वीकार ली है.

राजनीतिक प्रपंच और बवाल से दूर यह समझना होगा कि आम जन के मन में क्या अवधारणा बन रही है. इस बार एजेंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल वाले बात की लेकिन हवा नहीं बन पा रही है. क्यों नहीं बन पा रही है? क्योंकि सुप्रीम कोर्ट जैसी स्थापित और मान्य संस्था की टिप्पणी इनके खिलाफ आ जाती है. शायद यही वजह है कि आम आदमी पार्टी के तमाम हल्ला-गुल्ले के बावजूद आम जन में यह अवधारणा आ रही है कि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से निकली पार्टी के दामन में भी दाग है. 

ईडी और सीबीआई के सरकारी तोता होने की बात तो विपक्षी नेता बहुत करते हैं, लेकिन अगर उनको लगता है कि भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो विरोधियों से निबटने के लिए ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है और जो नेता भाजपा में जाता है, उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तो अगर उनके पास पक्के सबूत हैं भ्रष्टाचार के तो वे सही फोरम पर क्यों नहीं जाते, ईडी के पास क्यों नहीं जाते, या छोड़िए न्यायालय ही क्यों नहीं जाते? न्यायालय ने तो कई सरकार-विरोधी फैसले भी दिए हैं, कई सरकार विरोधी टिप्पणियां भी की हैं, कई फैसलों को भी बदला है. तो, विपक्ष केवल राजनीति न करे, जमीनी स्थिति की बात करे और उस पर काम करे. 

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ़ लेखक ही ज़िम्मेदार हैं.]

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

इंडिगो संकट के बीच DGCA पर बड़ी कार्रवाई की मांग, पायलट्स फेडरेशन ने खटखटाया अदालत का दरवाजा
इंडिगो संकट के बीच DGCA पर बड़ी कार्रवाई की मांग, पायलट्स फेडरेशन ने खटखटाया अदालत का दरवाजा
कोडीन कफ सिरप मामले में एक्शन में योगी सरकार, SIT गठित, ये 3 अफसर करेंगे जांच
कोडीन कफ सिरप मामले में एक्शन में योगी सरकार, SIT गठित, ये 3 अफसर करेंगे जांच
IND vs SA: भारत-दक्षिण अफ्रीका पहले टी20 में टूटे पांच बड़े रिकॉर्ड, हार्दिक-बुमराह ने रचा इतिहास
भारत-दक्षिण अफ्रीका पहले टी20 में टूटे पांच बड़े रिकॉर्ड, हार्दिक-बुमराह ने रचा इतिहास
Tere Ishk Mein Box Office Collection Day 12: 'तेरे इश्क में' ने वसूला बजट, फिर भी हिट होने के लिए कमाने होंगे इतने करोड़
'तेरे इश्क में' ने वसूला बजट, फिर भी हिट होने के लिए कमाने होंगे इतने करोड़
ABP Premium

वीडियोज

Crime News:लेडी कांस्टेबल के जाल में इंस्पेक्टर ?| Crime News
Madhya Pradesh News: बिटिया ने दिखाया नेताजी को 'आईना'! देर से आना सांसद को पड़ गया भारी
Rahul Gandhi on Vote Chori: वोट चोरी पर राहुल फुस्स 'बम'! | ABP News
UP Election 2027: सदन में अखिलेश..27 पर फोकस विशेष | CM Yogi | Akhilesh| Bharat Ki Baat with Pratima
Sandeep Chaudhary: वोट चोरी विवाद बढ़ा… चुनाव आयोग पर उठ रहे बड़े सवाल! | Seedha Sawal | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
इंडिगो संकट के बीच DGCA पर बड़ी कार्रवाई की मांग, पायलट्स फेडरेशन ने खटखटाया अदालत का दरवाजा
इंडिगो संकट के बीच DGCA पर बड़ी कार्रवाई की मांग, पायलट्स फेडरेशन ने खटखटाया अदालत का दरवाजा
कोडीन कफ सिरप मामले में एक्शन में योगी सरकार, SIT गठित, ये 3 अफसर करेंगे जांच
कोडीन कफ सिरप मामले में एक्शन में योगी सरकार, SIT गठित, ये 3 अफसर करेंगे जांच
IND vs SA: भारत-दक्षिण अफ्रीका पहले टी20 में टूटे पांच बड़े रिकॉर्ड, हार्दिक-बुमराह ने रचा इतिहास
भारत-दक्षिण अफ्रीका पहले टी20 में टूटे पांच बड़े रिकॉर्ड, हार्दिक-बुमराह ने रचा इतिहास
Tere Ishk Mein Box Office Collection Day 12: 'तेरे इश्क में' ने वसूला बजट, फिर भी हिट होने के लिए कमाने होंगे इतने करोड़
'तेरे इश्क में' ने वसूला बजट, फिर भी हिट होने के लिए कमाने होंगे इतने करोड़
RTI से वेतन और पेंशन वाले 'खुलासे' पर उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान, 'प्रावधान भी यही है कि…'
RTI से वेतन और पेंशन वाले 'खुलासे' पर उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान, 'प्रावधान भी यही है कि…'
Video: धुरंधर के गाने पर पाकिस्तान में मची धूम, शादी में लोगों ने जमकर लगाए ठुमके- वीडियो वायरल
धुरंधर के गाने पर पाकिस्तान में मची धूम, शादी में लोगों ने जमकर लगाए ठुमके- वीडियो वायरल
कभी एक्सपायर नहीं होते हैं ये 10 फूड! एक ही क्लिक में देख लें पूरी लिस्ट
कभी एक्सपायर नहीं होते हैं ये 10 फूड! एक ही क्लिक में देख लें पूरी लिस्ट
​फिनलैंड में कमाई, भारत में बंपर फायदा- जानिए कुछ यूरो ही कैसे बनते हैं हजारों रुपये!
​फिनलैंड में कमाई, भारत में बंपर फायदा- जानिए कुछ यूरो ही कैसे बनते हैं हजारों रुपये!
Embed widget