एक्सप्लोरर

Opinion: GDP 26 ट्रिलियन, कुल लोन 31.4 ट्रिलियन, कैसे कर्ज के इस इस दुष्चक्र से निकल पाएगा अमेरिका

अभी पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपना विदेश दौरा बीच में ही समेट लिया. जी7 की हिरोशिमा में बैठक के बाद क्वाड के लिए उनको सिडनी जाना था और पापुआ न्यू गिनी भी, लेकिन वह अमेरिका लौट गए. अमेरिका इसलिए लौट गए, क्योंकि अमेरिका का कुल कर्ज उसकी जीडीपी से भी बड़ा हो गया है. डेट-सीलिंग (यानी वह सीमा जिसके बाद आप कर्ज नहीं ले सकते) को तय करने के लिए अमेरिका की दोनों पार्टियां मिलकर बैठकें कर रही हैं. फिलहाल, अमेरिका के लिए यह सबसे बड़ा मुद्दा है. चूंकि बाकी दुनिया भी अब ग्लोबल विलेज है तो यह मसला दुनिया के लिए भी अहम है. 

महंगा पड़ेगा कर्ज का दुष्चक्र

अमेरिका में डेट-सीलिंग वही है, जो भारत में फिस्कल-डेफिसिट है और इसकी अंतिम डेट 1 जून है. अमेरिका के ऊपर फिलहाल 31.4 ट्रिलियन का कर्ज है और पिछले साल यानी 2022 में 2.5 ट्रिलियन डॉलर इस सीलिंग को बढ़ाया गया था. बाइडेन सरकार कह रही है कि इस सीलिंग को बढ़ाया जाए. पैसे चूंकि नहीं है सरकार के पास, तो वह ट्रेजरी बांड जारी कर निवेशकों को सूद देना चाहती है. अब समस्या कहां है? समस्या दोनों दलों रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के चिंतन में है. रिपब्लिकन बार-बार कह रहे हैं कि सरकार 'ओवरस्पेंडिंग' बंद करें, क्योंकि वह हरेक चीज पर सीमा से बाहर खर्च कर रही है. वहीं, बाइडेन सरकार का ये कहना है कि खर्चे को कम नहीं किया जा सकता, जैसे फूड-स्टांप है, सोशल सेक्योरिटी है, वेटरन अफेयर्स है, एडुकेशन है, तो कॉस्ट-कटिंग से काम नहीं चलेगा, हमें डेट-सीलिंग ही बढ़ानी होगी. बाइडेन ने ये भी कहा है कि खर्चे को 2022 के बराबर ही रखा जाएगा, लेकिन अगर डेट-सीलिंग नहीं लाई गई, तो निवेशकों को सूद नहीं दिया जा सकेगा, कई महत्वपूर्ण कामों की फंडिंग भी नहीं हो सकेगी. 

अमेरिका की इकोनॉमी 25.5 ट्रिलियन है और कर्ज है 31.4 ट्रिलियन. यानी, आपकी जीडीपी का 123 फीसदी तो लोन ही है. अब इसी में समझौते की बातें चल रही हैं. केविन मैकार्थी जो रिपब्लिकन दल के नेता हैं, उनकी बाइडेन से मुलाकात हुई है और उनकी मुलाकात सकारात्मक रही है. वैसे, यह तो मान ही लीजिए कि अमेरिकन इकोनॉमी अभी डिफॉल्ट नहीं होगी. हां, एक जून तक अगर डेट-सीलिंग पूरी तरह नहीं हुई, तो हो सकता है शॉर्ट-टर्म कोई सॉल्यूशन निकाला जाए. अभी कोई ये नहीं चाहता है कि अमेरिकी इकोनॉमी डिफॉल्ट हो, क्योंकि उससे तो पूरी दुनिया प्रभावित होगी. यही बात फेडरल बैंक के चेयरमैन जेनेट ऐलेन ने तो इस परिदृश्य को कैटॉस्ट्रॉफिक बता दिया और कहा कि इसको रोकना ही होगा, तो उम्मीद यही है कि उपाय निकल ही जाएगा. 

अमेरिका दिवालिया नहीं होगा

अमेरिका दिवालिया होने के कगार पर नहीं है. देश दरअसल बहुत डिवाइडेड है. खासकर, ट्रंप के आने के बाद वह खाई और चौड़ी हुई है. 1 जून में बहुत अधिक समय नहीं बचा है. अगर लेजिस्लेशन हो भी जाता है, तो भी उसको लिखने में ही तीन-चार दिन लगते हैं. प्रॉपर प्रावधान तो नहीं निकल पाएगा, तब तक, लेकिन छोटे समय के लिए ही सही, कुछ हल तो निकाला जाएगा. रिपब्लिकन भी यह तो नहीं ही चाहेंगे कि सरकार असफल हो जाए. हां, रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों को ही अपने वोटर्स को भी रिझाना है. एक थिंक टैंक सीएमएस के मुताबिक 60 फीसदी अमेरिकी चाहते हैं कि डेट सीलिंग भी हो, लेकिन खर्चों पर भी रोक लगे. उनको भी लगता है कि सरकार बहुत अधिक खर्च कर रही है. सरकार बैंकरप्ट तो नहीं ही होगी, लेकिन अगर इसका हल इन्होंने नहीं निकाला तो अमेरिकी एजेंसियों की साख पर असर पड़ेगा, सोशल वेलफेयर स्कीम्स पर असर होगा, मिलिट्री खर्चों, मेडीकेयर पर असर होगा, कैश बेनिफिट पर असर होगा और सबसे बड़ा असर तो उन इनवेस्टर्स पर होगा, जिन्होंने ट्रेजरी बांड खरीदा है. 

यहां थोड़ा ट्रेजरी बांड को समझिए. अमेरिकी सरकार ट्रेजरी बांड बेचती है और यह एक तरह से बाजार से पैसा उधार लेना है. यह सबसे सेफ निवेश माना जाता है. हालांकि, इसमें 7.5 ट्रिलियन निवेश विदेशियों ने किया है. यह उसके भरोसे का आलम है. तो, अगर निवेशकों का भरोसा टूटा तो फिर वह सचमुच अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ी त्रासदी होगी. बाइडेन इस मुसीबत से निबटने के लिए कोई एक्ज्क्यूटिव ऑर्डर ले सकते हैं, हालांकि वह लीगल बैटल में फंस सकता है. इसलिए, वह एक जून तक कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेंगे. 

डेट-सीलिंग सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा

अमेरिका की मौजूदा मुसीबत से चीन का लेना-देना नहीं है. अमेरिका फिलहाल जापान का सबसे बड़ा कर्जदार है. चीन जिस तरह से श्रीलंका और बांग्लादेश को प्रभावित कर सकता है, वैसा अमेरिका को तो कतई नहीं कर सकता है. अमेरिकी इकोनॉमी बहुत बड़ी है. लगभग 26 ट्रिलियन की. पूरी दुनिया में इनका निवेश है, इनकी कंपनियां हैं तो दीर्घकालीन स्तर पर देखें तो कई देश मंदी की मार झेल सकते हैं. जैेसे, 2007-08 में जब अमेरिका में मंदी आई थी, तो पूरी दुनिया प्रभावित हुई थी. पब्लिक ओपिनियन का भी ख्याल बाइडेन जरूर ही रखेंगे. पब्लिक कभी नहीं चाहेगी कि उसके पेट पर मार पड़े. जैसे, यहां यानी अमेरिका में वेटरन्स या गोल्ड स्टार फैमिलीज को एक तरह की पेंशन दी जाती है. अब जनता इस बात से तो कतई खुश नहीं होगी कि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट एक प्लेटफॉर्म पर आकर हल नहीं निकाल रहे, तो उनके रोजमर्रा के जीवन पर प्रभाव पड़े. जनता का गुस्सा कोई भी पार्टी नहीं झेलना चाहेगी. मसले की गंभीरता आप इससे समझ सकते हैं कि बाइडेन ने विदेश यात्रा को रोककर यहां लौटने का फैसला किया. यह अमेरिका का सबसे महत्वपूर्ण और ज्वलंत विषय है, हरेक अमेरिकी इसी बारे में बात कर रहा है और राष्ट्रपति एवं राजनीतिक दल 1 जून से पहले जरूर ही इस मसले का हल निकालेंगे. 

(यह आर्टिकल निजी विचारों पर आधारित है) 

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
ABP Premium

वीडियोज

Interview: Tarun Garg, COO, Hyundai Motor India on Hyundai Creta electric | Auto Live
Haval H9: क्या ये गाड़ी India में मिलती है? | Auto Live #havalh9
Passenger anger On Flight Delay: Indi'Go' कहें या फिर Indi'Stop'? | Bharat Ki Baat With Pratima
Road Test Review Of Volkswagen Golf GTI India  | Auto Live
दोस्ती इम्तिहान लेती है...दोस्तों की जान लेती है। | Sansani | Crime News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
अजित पवार के बेटे जय पवार की बहरीन में शादी, दुल्हन संग ऐसे किया खुशी का इजहार, देखें तस्वीरें
पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
गौतम गंभीर पर भड़के रविचंद्रन अश्विन, ये ऑलराउंडर है वजह; कहा- वो खुद की पहचान...
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
न्यू डैड विक्की कौशल ने खरीदी करोड़ों की लग्जरी कार, कीमत जान रह जाएंगे हक्के-बक्के
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
कहीं आपका गैस सिलेंडर एक्सपायर तो नहीं हो गया, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं चेक
कहीं आपका गैस सिलेंडर एक्सपायर तो नहीं हो गया, घर पर ही ऐसे कर सकते हैं चेक
CBSE में 124 नॉन-टीचिंग पदों पर भर्ती, जानें किस उम्र सीमा तक के उम्मीदवार कर सकते हैं अप्लाई?
CBSE में 124 नॉन-टीचिंग पदों पर भर्ती, जानें किस उम्र सीमा तक के उम्मीदवार कर सकते हैं अप्लाई?
स्टील के बर्तन में कभी न रखें ये फूड आइटम्स, हो सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा
स्टील के बर्तन में कभी न रखें ये फूड आइटम्स, हो सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा
Embed widget