एक्सप्लोरर

त्वरित टिप्पणी: 'उपलब्धियां गिनाई गई लेकिन गिनाने से ज्यादा दोहराई गई'

प्रधानमंत्री मोदी के लाल किले की प्राचीर से दिए गये भाषण में यूं तो काफी दोहराव था लेकिन दो तीन नई बातें भी देखने को मिली. मोदी कश्मीर में लगातार बिगड़ रहे आंतरिक हालात को काफी गंभीरता से ले रहे हैं. वह जब गोली और गाली के बजाए गले मिलने पर जोर देते हैं तो वाजपेयीजी याद आते हैं जो जम्हूरियत, कश्मीरियत और इंसानियत की बातें किया करते थे. मोदी भी ऐसा ही कुछ कह रहे हैं लेकिन वह अलगाववादियों से भी सशर्त ही गले मिलना चाहते हैं.

कश्मीर के लोगों को गले मिलाना है तो उनके असली दुख को समझना होगा. कश्मीर में बेरोजगारी है, उद्योग धंधे नहीं के बराबर हैं और युवाओं के आगे बढ़ने के मौक बहुत कम हैं. जब तक इसे दूर नहीं किया जाएगा तब तक कश्मीरी युवा पत्थर फैंकता रहेगा. साफ है कि मोदी सरकार इसके लिए जिम्मेदार नहीं है. पिछली कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के समय केन्द्र से बहुत पैसा घाटी आया था लेकिन कश्मीरी युवक यही आरोप लगाते हैं कि पैसा कुछ हाथों, कुछ घरों तक सिमट कर रह गया. यहां तक तो मोदी ठीक हैं लेकिन बीजेपी से एक सवाल तो पूछा ही जाना चाहिए कि जब 35 ए और धारा 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है तो क्यों उनके दल के नेता जम्मू में जाकर इन दोनों विशेषाधिकारों को हटाने की बात करते हैं. इससे आम कश्मीरी में भ्रम फैलता है और प्रधानमंत्री की गले लगने की नीयत पर बेवजह सवाल उठने लगते हैं. सवाल उठता है कि क्या यह सब जानबूझकर एक रणनीति के तहत होता है और असली मकसद पर्दे के पीछे है.

21वीं सदी की पीढ़ी पर नजर

1

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में 21वीं सदी में पैदा हुई पीढ़ी का खासतौर से जिक्र किया जो अगले साल 18 साल की हो जाएगी. यानि जो 2019 के आम चुनाव में पहली बार वोट डालने का हक हासिल कर लेगी. संघ और बीजेपी स्कूलों में जाने, बारहवीं कक्षा के बच्चों तक अपनी विचारधारा पहुंचाने की बात करती रही है. यूपी में तो एक नया प्रयोग भी किया जा रहा है जिसमें भारत को बनाने वालों पर पुस्तिका निकाली गयी है जिसमें गांधी और नेहरु का जिक्र नहीं के बराबर का है. मोदी भी जब 21वीं सदी की पीढ़ी की बात करते हैं और उनमें भारत के भविष्य की संभावनाएं टटोलते हैं तो वह अपने लिए नए वोट बैंक को भी पक्का कर रहे होते हैं. लेकिन इस युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने के समान मौके देने होंगे.

ये युवा क्या खाना है, क्या पहनना है, कहां कब जाना है जैसे सवालों को हाशिए पर रखती है. इस पीढ़ी को गौरक्षक और लव जेहाद से ज्यादा लेना देना नहीं है. वह अपनी पंसद के कॉलेज में अपनी पंसद के विषय पढ़ना चाहती है, वह अपने हिसाब से जीना चाहती है, वह अपने पंसद के शहर में नौकरी करना चाहती है. क्या संघ और विश्व हिंदु परिषद जैसे संगठन मोदी की इस नई पीढ़ी को ऐसा मौका, ऐसा माहौल देने को तैयार हैं. जाहिर है कि अगर इस सवाल का जवाब न में है तो फिर ऐसी पीढ़ी को साध पाना आसान नहीं है.

आस्था के नाम पर हिंसा

प्रधानमंत्री मोदी ने एक साल में तीसरी बार आस्था के नाम पर हो रही हिंसा की निंदा की. लेकिन यहां भी स्वर कमजोर ही दिखे. सबसे पहली बार उन्होंने 80 फीसद कथित गौरक्षकों को गुंडा बताया था लेकिन फिर वह एक कदम पीछे हट गये थे. दूसरी बार गांधी की जिक्र करते हुए गोरक्षा के नाम पर हो रही गुंडागर्दी को उन्होंने नाकाबिले बर्दाश्त बताया था लेकिन इस बार एक ही वाक्य में निपटा दिया उस पूरे मामले को जो इन दिनों देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके साथ ही मोदी ने जरा जरा सी बात पर सरकारी बसों को आग लगाने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की बात कर पश्चिमी बंगाल की ममत सरकार को भी आड़े हाथ लिया. अब कानून व्यवस्था राज्य का विषय है और केन्द्र का इसमें दखल नहीं के बराबर रहता है. अब कम से कम बीजेपी शासित राज्य सरकारों को तो प्रधानमंत्री की नसीहतों को गंभीरता से लेना ही चाहिए.

कुल मिलाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लाल किले की प्राचीर से दिए गये चौथे भाषण में वह बात नहीं दिखी जो उनके पहले भाषण में थी. वैसे ऐसा होना स्वाभाविक ही था. चार साल पहले वह घोषणाएं कर रहे थे और अब उन्हें उपलब्धियां गिनानी थी. उपलब्धियां गिनाई गयी लेकिन गिनाने से ज्यादा दोहराई गयी. इतनी ज्यादा बार दोहराई गयी कि 55 मिनट का भाषण कहीं न कहीं नीरस लगने लगा. कुछ नया नहीं था और जो पुराना था उसे कई बार पहले भी सुना जा चुका था. मोदी जी जानते हैं कि तीन साल के शासन के बाद देश की हर समस्या के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया तो जा सकता है लेकिन उससे चुनावी लाभ नहीं उठाया जा सकता है.

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'अमेरिका और पाकिस्तान का एजेंडा...', शेख हसीना की सजा पर बोले एक्सपर्ट्स; कठपुतली बन चुके हैं यूनुस!
'अमेरिका और पाकिस्तान का एजेंडा...', शेख हसीना की सजा पर बोले एक्सपर्ट्स; कठपुतली बन चुके हैं यूनुस!
'मेरे साथ जो हुआ वह मैं सह गया, लेकिन…', रोहिणी आचार्य प्रकरण में तेज प्रताप ने किसे दी चेतावनी?
'मेरे साथ जो हुआ वह मैं सह गया, लेकिन…', रोहिणी आचार्य प्रकरण में तेज प्रताप ने किसे दी चेतावनी?
0 रन 5 विकेट, 22 साल के भारतीय गेंदबाज का गजब कारनामा, धड़ाधड़ कर डाले 8 शिकार
0 रन 5 विकेट, 22 साल के भारतीय गेंदबाज का गजब कारनामा, धड़ाधड़ कर डाले 8 शिकार
दिल्ली-NCR में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, निर्माण कार्यों पर रोक लगाने से किया इनकार
दिल्ली-NCR में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, निर्माण कार्यों पर रोक लगाने से किया इनकार
ABP Premium

वीडियोज

शमीर टंडन का इंटरव्यू | बॉलीवुड अंडरवर्ल्ड | कॉर्पोरेट से बॉलीवुड तक | सफ़र और भी बहुत कुछ
TRUMP TARRIF: ट्रंप का टैरिफ वाला PLAN क्यों हुआ फेल... यहां जानिए! |ABP LIVE
Delhi Blast EXPLAINER: कौन है 'शैतान की माँ'? | ABPLIVE
सही या गलत?: E20 Fuel explained | Auto Live
SEBI के Digital Gold नियमों के बाद Gold की खरीद में 61% की गिरावट! |GOLD| Paisa Live

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'अमेरिका और पाकिस्तान का एजेंडा...', शेख हसीना की सजा पर बोले एक्सपर्ट्स; कठपुतली बन चुके हैं यूनुस!
'अमेरिका और पाकिस्तान का एजेंडा...', शेख हसीना की सजा पर बोले एक्सपर्ट्स; कठपुतली बन चुके हैं यूनुस!
'मेरे साथ जो हुआ वह मैं सह गया, लेकिन…', रोहिणी आचार्य प्रकरण में तेज प्रताप ने किसे दी चेतावनी?
'मेरे साथ जो हुआ वह मैं सह गया, लेकिन…', रोहिणी आचार्य प्रकरण में तेज प्रताप ने किसे दी चेतावनी?
0 रन 5 विकेट, 22 साल के भारतीय गेंदबाज का गजब कारनामा, धड़ाधड़ कर डाले 8 शिकार
0 रन 5 विकेट, 22 साल के भारतीय गेंदबाज का गजब कारनामा, धड़ाधड़ कर डाले 8 शिकार
दिल्ली-NCR में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, निर्माण कार्यों पर रोक लगाने से किया इनकार
दिल्ली-NCR में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, निर्माण कार्यों पर रोक लगाने से किया इनकार
26 साल में 23 फ्लॉप दी, फिर भी इस सुपरहिट फिल्म फ्रेंचाइजी का चहेता
26 साल में 23 फ्लॉप दी, फिर भी इस सुपरहिट फिल्म फ्रेंचाइजी का चहेता
Special Feature: ऐश्वर्या राय सरकार, स्टाइल और संस्कृति का संगम
ऐश्वर्या राय सरकार: स्टाइल और संस्कृति का संगम
Video: 5 रुपये के लिए मैनेजर ने की पैंट्री वाले की पिटाई! बाल नोचे, लात मारी और जमकर बरसाए चांटे- वीडियो वायरल
5 रुपये के लिए मैनेजर ने की पैंट्री वाले की पिटाई! बाल नोचे, लात मारी और जमकर बरसाए चांटे- वीडियो वायरल
Rohini Acharya Husband: डीयू से पढ़ाई और सिंगापुर में नौकरी, जानें कौन हैं लालू की बेटी रोहिणी के पति?
डीयू से पढ़ाई और सिंगापुर में नौकरी, जानें कौन हैं लालू की बेटी रोहिणी के पति?
Embed widget