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उमेश चतुर्वेदी
उमेश चतुर्वेदी ने भारतीय जनसंचार संस्थान से पढ़ाई की और दो दशकों से अधिक समय से विभिन्न मीडिया संस्थानों में अपनी सेवा दी है. संप्रति, आकाशवाणी में कार्यरत हैं और विभिन्न अखबारों में संपादकीय टिप्पणी लिखते हैं.
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बैसाखियों पर चल रही कांग्रेस को है आत्ममंथन की जरूरत, राहुल बस फेंकते है ठहरे पानी में पत्थर
'सबका साथ सबका विकास' के स्लोगन से दूर जा रही भाजपा, सेकुलर सिविल कोड मतलब यूसीसी
वामपंथी विचारधारा हावी हुई कांग्रेस पर, जमीनी नेताओं-कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी जाती आवाज, ना ही मुद्दों की समझ 
भाजपा के कोर मुद्दों में अब यूसीसी ही बाकी, संकल्प पत्र में पार्टी वापस लीक पर है चली
इंडिया गठबंधन में भी दिखा आप-कांग्रेस में तालमेल का अभाव, दिल्ली की महारैली में थे सुर अलग-अलग
देश के लिए ठीक नहीं अल्पसंख्यक हो या बहुसंख्यकवाद, CAA कम करेगा अल्पसंख्यकों की आक्रामकता
2020 के आंदोलन से सबक लिया सरकार ने, हिंसक और उग्र तरीकों को छोड़ बातचीत से किसान सुलझाएं मामला
बहुत पहले ही लागू हो जाना था CAA, माहौल में गरमी तो आएगी जरूर लेकिन नहीं रोक सकता कोई भी
Opinion: रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में न जाने का इंडिया गठबंधन नेताओं का फैसला हो सकता है घातक और रणनीतिक भूल
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पहली बार नहीं सांसदों का निलंबन, संख्या हो सकती है कुछ ज्यादा पर सत्तापक्ष और विपक्ष में चलता रहा है यह शह-मात का खेल
कांग्रेस की हालिया हार से गैर-कांग्रेसी दल होंगे मजबूत, इंडिया गठबंधन के लिए अगली लड़ाई नहीं होगी आसान
महुआ मोइत्रा के खिलाफ एक्शन का न बने गलत परसेप्शन, सरकार और संसद की जिम्मेदारी कि जनता तक पहुंचे सही बात
अरविंद केजरीवाल और AAP के लिए ईडी का समन खतरे की घंटी, सिसोदिया को जमानत न मिलना देता है कुछ संकेत
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