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छत्तीसगढ़ में वनवासियों के जीवन में बिखरी हरे सोने की चमक
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है. उनकी कोशिश है कि आदिवासियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति मजबूत हो. विकास की अवधारणा में वो शामिल हों. प्रदेश के विकास में उनकी हिस्सेदारी और भागीदारी - दोनों सुनिश्चित हो. इसी दिशा में एक ठोस कदम है तेंदूपत्ते की कीमत में ऐतिहासिक बढ़ोत्तरी. करीब एक साल पहले जब छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन हुआ, उस समय तेंदूपत्ता जमा करने का मूल्य प्रति मानक बोरा 2500 रुपये था. भूपेश बघेल सरकार ने इसमें 1500 रुपये की बढ़ोत्तरी कर दी और अब यह मूल्य 4000 रुपये प्रति मानक बोरा है. इसकी वजह से पिछले साल की तुलना में इस साल वनवासियों को 226 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया है. इससे वनवासियों की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है. छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता को हरा सोना कहा जाता है. इस हरे सोने ने अनगिनत साहूकारों और कारोबारियों की किस्मत बदल दी है. लेकिन ये पहली बार है कि इस हरे सोने की चमक वनवासियों की जिंदगी में भी खुशियां बिखेर रही है.
(डिस्क्लेमर: ये ABPLive Brand Studio की प्रस्तुति है. कार्यक्रम में बताई गयी जानकारियाँ, विचार और अनुभव कार्यक्रम में शामिल लोगों के निजी विचार हैं, इससे एबीपी न्यूज़ नेट्वर्क का कोई लेना देना नहीं है.)
(डिस्क्लेमर: ये ABPLive Brand Studio की प्रस्तुति है. कार्यक्रम में बताई गयी जानकारियाँ, विचार और अनुभव कार्यक्रम में शामिल लोगों के निजी विचार हैं, इससे एबीपी न्यूज़ नेट्वर्क का कोई लेना देना नहीं है.)
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