दिवाली की रात का गुप्त अनुष्ठान
न जो पूजा आस्था की थी....उसे कुछ तांत्रिकों ने बना दिया है ढोंग का खेल......वो खेल जिसके जाल में फंसते हैं भोले-भाले लोग और शिकार बनते हैं उल्लू....देखिए सिद्ध क्रिया में मक्कार तांत्रिकों की ये कहानी जिसके खुलासे ने सारे शहर में फैला दी है सनसनी
दिवाली....प्रकाश का उत्सव....वो त्योहार....जिसमें रात के सन्नाटे में विशेष पूजा का विधान है.....कहते हैं इस रात जिसने धन की देवी लक्ष्मी की साधना कर ली...तंत्र-मंत्र की सिद्धि से उन्हें प्रसन्न कर लिया....उसके जीवन में दौलत की बरसात हो जाती है...इस बार भी दिवाली के मौके पर देश के अलग-अलग हिस्सों में कई तांत्रिक तंत्र-मंत्र की विशेष साधना कर रहे हैं...गुु्प्त अनुष्ठान से अलौकिक शक्तियों को प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है.....और ये सब हो रहा है देश के बड़े-बडे धार्मिक स्थलों पर...सबसे पहले हम आपको लेकर चलते हैं....भोलेनाथ की नगरी वाराणसी में जहां....जहां मणिकर्णिका के श्मशान घाट में पूरी रात तंत्र-मंत्र का खास अनुष्ठान होता है....रात के सन्नाटे में जब लोग अपने घरों में होते हैं....मणिकर्णिका घाट में जलती चिताओं के बीच कई तांत्रिक काल...कपाल और महाकाल की सिद्धि के लिए वो विशेष क्रिया करते हैं...जो आम लोगों के लिए वर्जित है





































