सुक्खू सरकार के पास कहां से आया सैलरी-पेंशन के साथ DA भुगतान का पैसा, क्या केंद्र से बनी बात?
Himachal Pradesh News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी घोषणा की है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने निशाना साधा है.
Himachal Pradesh Financial News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को बड़ी घोषणा की. मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में किसी तरह के आर्थिक संकट के होने से इनकार करते हुए प्रदेश सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों को 1 जनवरी, 2023 से देय मंहगाई भत्ते की चार प्रतिशत किस्त देने की घोषणा की. इससे हिमाचल प्रदेश के 1 लाख 80 हजार कर्मचारी और 1 लाख 70 हजार पेंशनर को सीधा फायदा होगा.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि मंहगाई भत्ता देने से राजकीय कोष पर करीब 600 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने दीपावली पर सभी कर्मचारियों और पेंशनरों का अक्टूबर माह का देय वेतन और पेंशन का भुगतान इसी महीने 28 अक्तूबर को करने की भी घोषणा की.
हर महीने कितना खर्च करती है राज्य सरकार?
हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को हर महीने वेतन देने के लिए राज्य सरकार को 1 हजार 200 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इसी तरह पेंशन देने के लिए हर महीने 800 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होती है. कुल-मिलाकर यह खर्च दो हजार करोड़ रुपये बनता है.
भारत सरकार से राज्य सरकार को रिवेन्यू डिफिसिट ग्रांट हर महीने की 6 तारीख को मिलता है. इसके अलावा हर महीने की 10 तारीख को भारत सरकार से केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 740 करोड़ रुपये आता है.
अचानक कैसे भर गया सुक्खू सरकार का खजाना?
कर्मचारियों को वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए राज्य सरकार को 7.5 फीसदी की ब्याज दर से अग्रिम लोन लेना पड़ता है. इससे राज्य सरकार हर महीने तीन करोड़ रुपये और हर साल 36 करोड़ रुपये का बोझ आता है. सितंबर महीने में इस बोझ को कम करने के लिए राज्य सरकार ने वेतन और पेंशन देरी से दी.
ऐसे में सवाल यह खड़ा हुआ है कि राज्य सरकार के कोष में अचानक इतना धन कैसे आया, जिससे राज्य सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी राहत दी.
राज्य सरकार के खजाने में कहां से आया धन?
बता दें कि त्योहारी सीजन में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्यों को तोहफा दिया है. कुल 28 राज्यों को केंद्र ने धनराशि जारी कर दी है. केंद्रीय करों में हिस्सेदारी की एक किस्त एडवांस में मिलने से राज्यों के खजाने को राहत की सांस आई है. सभी राज्यों की तरह हिमाचल के हिस्से में भी एक किस्त एडवांस मिली है.
आर्थिक संकट से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश के खाते में 1 हजार 479 करोड़ रुपये की रकम आई है. गौर हो कि केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में हिमाचल को एक महीने में 740 करोड़ रुपये के करीब पैसा केंद्र से आता है.
नेता प्रतिपक्ष ने CM सुक्खू पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा- "केंद्र सरकार की ओर से एडवांस में दी गई राज्य कर की हिस्सेदारी से एडवांस सैलरी देने का दावा सुक्खू सरकार कर रही है. वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को ही राज्य सरकार के कर की हिस्सेदारी के तहत 1 हजार 479 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया है.
हैरानी की बात है कि केंद्र सरकार के सहयोग के दम पर मुख्यमंत्री अगले महीने एडवांस सैलरी देने की बात कर रहे हैं. उस सहयोग के लिए एक शब्द का आभार भी केंद्र सरकार के लिए नहीं जताया गया. केंद्र सरकार से मिलने वाले सहयोग के बारे में मुख्यमंत्री और सरकार के मंत्रियों को बताना चाहिए".
यह भी पढ़ें: 'श्रीदेवी चौक' के नाम से जाना जाएगा लोखंडवाला का यह जंक्शन, दिवंगत अभिनेत्री के सम्मान में BMC का फैसला