एक्सप्लोरर
Advertisement
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
PHOTOS: बिहार के गया का अनोखा स्कूल, लाखों का पैकेज छोड़ घने बीहड़ जंगल में पति-पत्नी चला रहे गुरुकुल
Gaya News: गया के जिस इलाके में यह गुरुकुल है वहां आए दिन नक्सली घटनाएं होती रहती हैं. अभी तक पूरे गांव में एक युवक ने मैट्रिक की परीक्षा पास की है.
![Gaya News: गया के जिस इलाके में यह गुरुकुल है वहां आए दिन नक्सली घटनाएं होती रहती हैं. अभी तक पूरे गांव में एक युवक ने मैट्रिक की परीक्षा पास की है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/05/fc07d12196068c562c05aa0885cedcf41693881363028169_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
गया में गुरुकुल चला रहे पति-पत्नी
1/6
![गया के बाराचट्टी प्रखंड की काहुदाग पंचायत के कोहबरी गांव में बच्चों को गुरुकुल की तर्ज पर घने जंगलों में शिक्षा दी जा रही है. पढ़ाई के अलावा प्रकृति से प्रेम, खाना बनाना, खेतों में काम करना और चटाई बनाने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/05/20ee1a070a5fc1625b72faa68f5fe00476d60.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
गया के बाराचट्टी प्रखंड की काहुदाग पंचायत के कोहबरी गांव में बच्चों को गुरुकुल की तर्ज पर घने जंगलों में शिक्षा दी जा रही है. पढ़ाई के अलावा प्रकृति से प्रेम, खाना बनाना, खेतों में काम करना और चटाई बनाने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
2/6
![दिल्ली से एमफिल और पीजी की डिग्री के बाद पति–पत्नी अनिल और रेखा अब गांव के बच्चों को शिक्षित करने में लगे हैं. दिल्ली में किसी शैक्षणिक रिसर्च कंपनी में कार्य को छोड़कर 1000 किलोमीटर दूर गया के जंगलों में गुरुकुल चला रहे हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/05/23d83323447ba6788fcc8888f44211eaaefe8.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
दिल्ली से एमफिल और पीजी की डिग्री के बाद पति–पत्नी अनिल और रेखा अब गांव के बच्चों को शिक्षित करने में लगे हैं. दिल्ली में किसी शैक्षणिक रिसर्च कंपनी में कार्य को छोड़कर 1000 किलोमीटर दूर गया के जंगलों में गुरुकुल चला रहे हैं.
3/6
![मिट्टी के कच्चे रास्तों के सहारे कोहबरी गांव तक का जाने का साधन है. यहां आए दिन नक्सली घटनाएं होती रहती हैं. सहोदय आश्रम के संचालक अनिल कुमार बताते हैं कि वह पटना जिले के बिहटा के रहने वाले हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/05/4202d414cb427356fcfa176407621ff0b7d4c.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मिट्टी के कच्चे रास्तों के सहारे कोहबरी गांव तक का जाने का साधन है. यहां आए दिन नक्सली घटनाएं होती रहती हैं. सहोदय आश्रम के संचालक अनिल कुमार बताते हैं कि वह पटना जिले के बिहटा के रहने वाले हैं.
4/6
![अनिल ने बताया कि उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली गए. एमफिल और पीजी की डिग्री लेकर किसी शैक्षणिक रिसर्च कंपनी में रिसर्चर के रूप में अच्छे वेतन पर कार्य रहा था जहां उनकी मुलाकात रेखा से हुई. इसी क्रम में दोनों ने शादी कर ली.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/05/af5344007850173ae5e1b0c310fefe9730499.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अनिल ने बताया कि उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली गए. एमफिल और पीजी की डिग्री लेकर किसी शैक्षणिक रिसर्च कंपनी में रिसर्चर के रूप में अच्छे वेतन पर कार्य रहा था जहां उनकी मुलाकात रेखा से हुई. इसी क्रम में दोनों ने शादी कर ली.
5/6
![पति-पत्नी दोनों भागदौड़ की जिंदगी छोड़कर अब बीहड़ जंगल में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं. यहां घने जंगलों में बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ाई करते हैं. इसके अलावा खाना बनाना, पशुपालन, खेती करना, पत्ते से चटाई बनाने आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/05/c801064e1d00a1fd7c49ec1256364f67f975f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पति-पत्नी दोनों भागदौड़ की जिंदगी छोड़कर अब बीहड़ जंगल में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं. यहां घने जंगलों में बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ाई करते हैं. इसके अलावा खाना बनाना, पशुपालन, खेती करना, पत्ते से चटाई बनाने आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
6/6
![बताया कि अभी तक पूरे गांव में एक युवक ने मैट्रिक की परीक्षा पास की है. इसके बाद से कोई नहीं कर सका है. सरकारी स्कूल भी है पांच किलोमीटर की दूरी पर, अब यह गुरुकुल के बच्चे मैट्रिक की परीक्षा देंगे. 2017 से यह गुरुकुल चल रहा है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/05/850e8d4bc805b950faa2d859fe4c48cf6a819.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बताया कि अभी तक पूरे गांव में एक युवक ने मैट्रिक की परीक्षा पास की है. इसके बाद से कोई नहीं कर सका है. सरकारी स्कूल भी है पांच किलोमीटर की दूरी पर, अब यह गुरुकुल के बच्चे मैट्रिक की परीक्षा देंगे. 2017 से यह गुरुकुल चल रहा है.
Published at : 05 Sep 2023 08:24 AM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
ब्यूटी
इंडिया
इंडिया
Advertisement
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)
डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल
Opinion