वायरल सच: क्या ईरान की उधारी के चक्कर में देश में पेट्रोल महंगा हो रहा है?
तस्वीर में सबसे ऊपर लिखा है- कांग्रेस के झूठ का पर्दाफाश. आगे लिखा है तेल की कीमतों में आई उछाल की वजह वो उधार है जो कांग्रेस ने ईरान से लिया था.

नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर पेट्रोल के बढ़ते हुए दाम के पीछे बिल्कुल नया और अनोखा तर्क दिया जा रहा है. दावा है ईरान का उधार चुकाने के चक्कर में देश में पेट्रोल महंगा हो गया है. सोशल मीडिया पर यह दावा एक तस्वीर के जरिए किया जा रहा है. वायरल तस्वीर में सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीरें भी हैं.
क्या लिखा है वायरल तस्वीर में? तस्वीर में सबसे ऊपर लिखा है- कांग्रेस के झूठ का पर्दाफाश. आगे लिखा है तेल की कीमतों में आई उछाल की वजह वो उधार है जो कांग्रेस ने ईरान से लिया था. इसके बाद पेट्रोल की कीमतों को लेकर गणित समझाते हुए दावा किया जा रहा है कि पेट्रोल के दाम कम न करके मोदी सरकार के जनता को लूटने वाली बात एक झूठ है.
वायरल तस्वीर के मुताबिक कांग्रेस ने ईरान से 43 हजार करोड़ का कच्चा तेल उधार में खरीदा था, जिसके बाद मोदी सरकार ने पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स के पैसों से ईरान को उधार की किश्तें भरी है.
एबीपी न्यूज़ ने वायरल दावे की पड़ताल भारत की तेल कंपनियां सऊदी अरब और इराक के बाद सबसे ज्यादा कच्चा तेल ईरान से ही खरीदती हैं. भारत और ईरान के बीच हुए सौदे में तय हुआ खा कि भारत खरीदे गए कच्चे तेल के लिए ईरान को 45 फीसदी भुगतान रुपये में करेगा. बाकि 55 फीसदी भुगतान डॉलर में करेगा.
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साल 2011 में अमेरिका ने ईरान पर परमाणु हथियार बनाने की वजह से प्रतिबंध लगा दिए थे. इसलिए 2013 में ईरान पर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध बढ़ने से ईरान को तेल का भुगतान करने के सारे रास्ते बंद हो गए. इसका नतीजा ये हुआ कि भारत की तेल कंपनियों पर करीब 43,000 करोड़ रुपये का बकाया हो गया.
इसके बाद 14 जुलाई, 2015 को ईरान से प्रतिबंध हटा लिया गया. साल 2016 में प्रधानमंत्री मोदी पहली बार ईरान यात्रा गए तो बकाए के भुगतान को लेकर भी बात हुई. इसके बाद भारतीय तेल कंपनियों ने 6 किश्तों में ईरान के 43 हजार करोड़ का बकाया चुका दिया.
पड़ताल में क्या नतीजा निकला? पड़ताल में पता चला कि कांग्रेस ने ईरान से कोई तेल उधार नहीं लिया था. भारत की तेल कंपनियों अंतर्राष्ट्रीय हालात की वजह से ईरान को तेल का भुगतान नहीं कर पाई थीं. जब भुगतान का रास्ता साफ हुआ तो तेल कंपनियों ने पैसे चुका दिए.
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43 हजार करोड़ को जो बकाया था उसका आज की तारीख में पेट्रोल की कीमतों से कोई लेना-देना नहीं है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने भी इस मैसेज को पूरी तरह खारिज कर दिया. हमारी पड़ताल में ईरान की उधारी के चक्कर में पेट्रोल महंगा होने का दावा झूठा साबित हुआ है.
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