पत्नी की हत्या कर शव को रखा था फ्रिज में, अब जिंदगी भर रहेगा जेल में

मुंबई : ठाणे की एक जिला अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी पत्नी की नृशंस हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस तीन साल पुराने मामले में दोषी ने हत्या के बाद शव के टुकड़े-टुकड़े करके उसे फ्रिज के भीतर रख दिया था.
पत्नी मधुवंती पाठक की हत्या करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा
जिला एवं सत्र न्यायाधीश मृदुला वी के भाटिया ने गिरीश पोटे को अपनी 33 साल की पत्नी मधुवंती पाठक की हत्या करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई. पाठक का जन्म और लालन-पालन फ्रांस में हुआ था और उनके पास फ्रांसीसी पासपोर्ट था.
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हत्या किए जाने को इस तरह से साबित कर दिया है कि तनिक भी संदेह नहीं
न्यायाधीश ने खचाखच भरे अदालत कक्ष में कहा, ‘आप सिर्फ 14 साल के लिए नहीं बल्कि जीवन के अंत तक जेल में रहेंगे. मैंने आपको मौत की सजा नहीं सुनाई है.’ न्यायाधीश ने पोटे को दोषी ठहराते हुए कहा था कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी द्वारा जघन्य हत्या किए जाने को इस तरह से साबित कर दिया है कि तनिक भी संदेह नहीं रह जाता.
उसने अदालत से कहा कि उसे अपने किए पर पश्चाताप है, नरमी की गुहार
आरोपी ने आवेदन पेश किया और माफी की मांग की. उसने अदालत से कहा कि उसे अपने किए पर पश्चाताप है और उसके प्रति नरमी दिखाई जानी चाहिए. अतिरिक्त लोक अभियोजक भुलेश्वर हिंगे के अनुसार मधुमती और पोटे की 20 जून 2011 को शादी हुई. उनका दो साल का एक बच्चा है.
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उन्होंने एक भारतीय से शादी की थी और 2009 में फ्रांस लौटी थीं
मधुवंती की मां एक संगीतकार थीं और उन्होंने एक भारतीय से शादी की थी और 2009 में फ्रांस लौटी थीं, जहां उनकी मौत हुई थी. पोटे एक गारमेंट शोरूम में सेल्स मैनेजर के रूप में काम करता था और वह घटना होने से पहले छह महीने से बेरोजगार था. दोनों पीड़िता की मां के फ्लैट में रहते थे और उनका अक्सर झगड़ा होता था.
पत्नी भारत को पसंद नहीं करती थी और धन लेकर फ्रांस वापस जाना चाहती थी
एपीपी ने कहा था, ‘मधुवंती मुंबई में संपत्ति बेचने के बाद फ्रांस लौटना चाहती थी. जांच के दौरान पोटे ने खुलासा किया कि उसकी पत्नी भारत को पसंद नहीं करती थी और धन लेकर फ्रांस वापस जाना चाहती थी. लेकिन, उसने इस विचार का विरोध किया और इसको लेकर उनके बीच अक्सर झगड़ा होता था.’
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चार दिन पहले बच्चे को ठाणे में एक रिश्तेदार के घर भेज दिया गया था
हिंगे ने कहा कि घटना से चार दिन पहले बच्चे को ठाणे में एक रिश्तेदार के घर भेज दिया गया था. घटना के दिन पोटे ने मधुवंती को समझाया कि वह उसे फ्रांस जाने देगा. बाद में वह मॉल गया और चाकू खरीदा. घर लौटने के बाद उसने अपनी पत्नी की हत्या कर दी. हालांकि, वह शव को फ्लैट के बाहर नहीं ले जा सका क्योंकि इमारत की लॉबी और लिफ्ट में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे.
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Source: IOCL






















