दिल्ली: गैंगस्टर के साथ मिलकर कारोबारियों से करता था वसूली, ASI गिरफ्तार
मामले में खुलासा हुआ कि इस पूरे काले कारनामे का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस का एक एएसआई है, जो दिल्ली के अमीर व्यापारियों की जानकारी गैंगस्टर तक पहुंचाता है और फिर एक्सटॉर्शन का सिलसिला शुरू होता था.
देश की राजधानी दिल्ली में आए दिन जुर्म की वारदातें सामने आ रही हैं. इस बीच दिल्ली पुलिस ने अपने ही महकमे के एक एएसआई को गिरफ्तार किया है. एएसआई पर गैंगस्टर के साथ मिलकर एक्सटॉर्शन का धंधा चलाने का आरोप है. ताजा मामला हौजखास थाना इलाके का है. जहां पर एक व्यापारी से दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी. पुलिस ने जब इस पूरे मामले की तहकीकात की और एक के बाद एक इस मामले में शामिल बदमाशों को गिरफ्तार किया तो पूरी कहानी खुलकर सामने आई.
मामले में खुलासा हुआ कि इस पूरे काले कारनामे का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस का एक एएसआई है, जो दिल्ली के अमीर व्यापारियों की जानकारी गैंगस्टर तक पहुंचाता है और फिर एक्सटॉर्शन का सिलसिला शुरू होता था.
क्या है मामला?
पुलिस के मुताबिक 28 जून को हौजखास थाने में एक मामला दर्ज किया गया. शिकायतकर्ता ने बताया कि उनके पिता के फोन पर एक अनजान नंबर से कॉल आई और कॉल करने वाले ने खुद का नाम काले बताया. साथ ही उसने कहा कि वह एक गैंगस्टर है. उसने दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी.
इसके बाद काले नाम के इस बदमाश ने धमकी भी दी कि अगर उसकी मांग पूरी नहीं की तो पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया जाएगा. वहीं पुलिस को इस मामले की जांच में पता चला कि जिस नंबर से कॉल की गई है, वह नंबर 27 जून 2020 की शाम को हरियाणा के रोहतक निवासी राममूर्ति नामक शख्स से लूट लिया गया था, लेकिन कॉल उस फोन से नहीं की गई थी.
फोन में से सिम निकालने के बाद एक दूसरे फोन में उस सिम को डालकर यह कॉल की गई थी. वहीं कॉल राजस्थान के इलाके में जाकर की गई थी. पुलिस ने मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जो प्रमोद उर्फ काले नाम के गैंगस्टर के लिए काम करते थे.
एएसआई गिरफ्तार
पुलिस ने जांच को और आगे बढ़ाया तो प्रमोद उर्फ काले को भी गिरफ्तार कर लिया और उसकी कॉल डिटेल से एक नंबर हासिल हुआ, जिस पर काले की काफी बातचीत होती थी. जब उस नंबर की डिटेल ली गई तो मालूम चला कि यह नंबर दिल्ली पुलिस की यूनिट में तैनात एएसआई राजवीर का है. इसके बाद राजवीर को गिरफ्तार किया गया और उससे पूछताछ की गई.
पूछताछ में सामने आया कि एएसआई राजवीर पुलिसकर्मी होने के बावजूद बदमाशों के लिए काम कर रहा था. वह अमीर कारोबारियों की लिस्ट गैंगस्टर को पहुंचा रहा था और फिर उससे रंगदारी की कॉल व्यापारियों को करवा रहा था. फिलहाल एएसआई राजवीर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
मेडल वापस लेगी दिल्ली पुलिस
बता दें कि एएसआई राजवीर को गैलेंट्री मेडल से भी नवाजा जा चुका था लेकिन उसके इस काले कारनामे के सामने आने के बाद न केवल उसे गिरफ्तार कर लिया गया है बल्कि उसे निलंबित करते हुए उसकी बर्खास्तगी की औपचारिक कार्रवाई भी शुरू कर दी गई हैं. साथ ही उसे जो मेडल दिया गया था, अब दिल्ली पुलिस उस मेडल को वापस लेने की प्रक्रिया भी शुरू करेगी.
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