Ovarian Cancer: पता चल गया कि किस वजह से होता है ओवेरियन कैंसर, डॉक्टरों ने ढूंढ निकाली इसकी जड़
ओवेरियन कैंसर में फैलोपियन ट्यूब में विकसित होने वाले कैंसर को हाई-ग्रेड सीरस कार्सिनोमा कहा जाता है. कैंसर का यह प्रकार महिलाओं के कैंसर के कारण होने वाली मौत का छठा प्रमुख कारण है.
Scientists find cause of ovarian cancer: महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर (Ovarian cancer) कैंसर के सबसे ज्यादा गंभीर प्रकार होते है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की वर्ष 2019 में बाई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में ओवेरियन कैंसर महिलाओं में होने वाला तीसरा सबसे प्रमुख कैंसर है. पूरी दुनिया में हर साल तकरीबन पौने दो लाख औरतों की मौत इस कैंसर के कारण होती है.
ओवेरियन कैंसर में फैलोपियन ट्यूब में विकसित होने वाले कैंसर को हाई-ग्रेड सीरस कार्सिनोमा कहा जाता है और यह महिलाओं के कैंसर (cancer in woma) के कारण होने वाली मौत का छठा प्रमुख कारण है. हाई-ग्रेड सीरस कार्सिनोमा का कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होता है और न ही शुरूआती स्तर पर इसका पता लगाए जाने के लिए कोई विश्वसनीय उपकरण है.
बहुत देर से इलाज शुरू होने के कारण हाई-ग्रेड सीरस कार्सिनोमा के मरीज पांच साल से अधिक जीवित नहीं रह पाते हैं. हालांकि हाल ही में हुए एक रिसर्च में हाई-ग्रेड सीरस कार्सिनोमा कैंसर के कारणों (Cause of ovarian cancer) का पता चला है. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इससे हाई-ग्रेड सीरस कार्सिनोमा की जल्द पहचान और उपचार की संभावनाए बढ़ सकती हैं. आइए जानते हैं इस रिसर्च में क्या क्या सामने आया.
यह भी पढ़ें: देश के लगभग 88% लोग हैं एंग्जायटी के शिकार, अगर आप भी हैं उनमें से एक तो करें ये काम
कैंसर का कारण बनने वाले सेल की पहचान
नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित नई रिसर्च में फैलोपियन ट्यूब में एक विशेष प्रकार की सेल की पहचान की गई है, जिसमें विशेष रूप से कैंसर बनने का खतरा होता है. इन्हें प्री-सिलिअटेड ट्यूबल एपिथेलियल सेल कहा जाता है. कार्नेल यूनीवर्सिटी के प्रोफेसर और रिसर्च के राइटर डॉ. अलेक्जेंडर निकितिन के अनुसार कैंसर के लिए जिम्मेदार सेल की पहचान से कैंसर का पता लगाने वाले मैकेनिज्म और इलाज में काफी मदद मिल सकती है.
जीन म्यूटेशन बनता है कैंसर का कारण
इंसानो में सीरस कार्सिनोमा के गंभीर मामलों में दो प्रमुख जीनों TP53 और RB1 में म्यूटेशन आम हैं. जब ये जीन सही ढंग से कार्य करते हैं तो ट्यूमर के विकास को दबाने में भूमिका निभाते हैं. 96% से अधिक मामलों में, TP53 जीन म्यूटेड होता है, जबकि 60% से अधिक मामलों में RB1 में बदलाव आते हैं. पिछले शोध से पहले ही पता चला था कि ये जीन अंडाशय में कैंसर के विकास में शामिल थे, लेकिन नए रिसर्च में फैलोपियन ट्यूब में इन जीन्स की भूमिका का पता लगाया गया है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें: क्या आपकी आंखों में धूल झोंक रहे हैं एंटी ग्लेयर लेंस? जान लीजिए ये कितने कारगर
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )