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Kaam Ki Baat: पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने से कैसे कम होगा प्रदूषण, जानें 5 जरूरी बातें
Ministry of Petroleum and Natural Gas के अनुसार Petrol में Ethanol मिलाने से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आई है. केंद्र ने साल 2023 तक 20 फीसदी इथनॉल मिश्रित पेट्रोल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है.

पेट्रोल की क्षमता बढ़ाने की योजना पर काम कर रही सरकार
Ethyl Alcohol यानी Ethanol एक organic compound है. इसका इस्तेमाल शराब बनाने में भी किया जाता है. दरअसल, यह एक मात्र ऐसा एल्कोहॉल है जिसका सेवन किया जा सकता है. बाकी एल्कोहॉल जैसे मेथनॉल, जिसे जहरीली शराब भी कहा जाता है, साफ सफाई, पेंट बनाने और मैनुफैक्चरिंग से जुड़े काम में इस्तेमाल होता है. वहीं, आईसोप्रोपेनॉल, जिसे रबिंग एल्कोहॉल भी कहते हैं, कीटाणुनाशक के रूप में उपयोग होता है.
पेट्रोल में इथनॉल मिलाने से क्या होगा?
- इथनॉल जैव ईंधन है. इसमें गैसोलीन से ज्यादा ऑक्टेन नंबर होता है. जितना ज्यादा ऑक्टेन नंबर, पेट्रोल उतना बढ़िया माना जाता है. इसलिए इथनॉल मिलाने से पेट्रोल का ऑक्टेन नंबर भी बढ़ जाता है.
- इथनॉल में पानी और ऑक्सिजन भी होता, जो इसे बढ़िया विकल्प बनाता है. गाड़ी के इंजन में हवा और फ्यूल का संतुलन जितना बढ़िया होगा, फ्यूल उतना कम प्रयोग होगा.
- फ्यूल की बचत होने से आम नागरिक की जेब पर बोझ तो कम होगा ही, इससे गाड़ियों से निकलने वाले हानिकारक ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में भी कमी आएगी.
क्या चमकेगा ये आइडिया?
विदेशों में इथनॉल को पेट्रोल में मिलाकर सालों से इस्तेमाल किया जा रहा है.
- इथनॉल को गन्ने से बनाया जाता है. पौधे से मिलने की वजह से यह री-न्यूएबल फ्यूल की श्रेणी में आता है.
- जिस तरह पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं, ऐसे में इथनॉल मिश्रित फ्यूल को बढ़िया विकल्प के रूप में देखा जा रहा है.
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