राहुल गांधी की सिटिजनशिप पर बवाल, कैसे साबित होती है नागरिकता और क्या लगते हैं डॉक्यूमेंट?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नागरिकता साबित करने के लिए कौन से डाक्यूमेंट्स लगते हैं. देखिए लिस्ट.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सिटिजनशिप को लेकर एक बार फिर बवाल मचा हुआ है. दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की नागरिकता के विवाद पर नागरिकता अधिनियम-1955 के तहत की गई शिकायत पर केंद्र सरकार से कार्रवाई का ब्योरा मांगा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोई व्यक्ति किन डॉक्यूमेंट के जरिए अपनी नागरिकता को साबित कर सकता है.
राहुल गांधी की नागरिकता
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर लंबे समय से राजनीतिक गलियारों में चर्चा होती रहती है. इतना ही कोर्ट में दी गई दलील के मुताबिक तमाम दस्तावेज और ब्रिटिश सरकार के कुछ ई-मेल हैं, जिनसे यह सिद्ध होता है कि राहुल गांधी एक ब्रिटिश नागरिक हैं. दलील में कहा जा रहा है कि वो चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं और लोकसभा सदस्य का पद नहीं धारण कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें:किस देश में खाया जाता है सबसे ज्यादा मीट, नाम जानकर हैरान रह जाएंगे आप
क्या है मामला
दरअसल कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पास दोहरी नागरिकता है. याचिका में राहुल गांधी के दोहरी नागरिकता धारण करने को भारतीय न्याय संहिता तथा पासपोर्ट एक्ट के तहत अपराध बताते हुए सीबीआई को केस दर्ज कर जांच करने का आदेश देने की भी मांग की गई है. वहीं याचिकर्ता का कहना है कि उसने दोहरी नागरिकता के संबंध में सक्षम प्राधिकारी को दो-दो बार शिकायतें भेजीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं किये जाने पर वर्तमान याचिका दाखिल की जा रही है.
नागरिकता
भारत में नागरिकता को लेकर अक्सर राजनीति होती रहती है. सरकार द्वारा सिटीजनशिप एमेंडमेंट एक्ट बनने के बाद आसानी से लोग इसके जुड़े नियम को समझ सकते हैं. इतना ही नहीं संविधान में विभिन्न अनुच्छेदों के जरिए नागरिकता को पारिभाषित किया गया है. इन अनुच्छेदों में वक्त-वक्त पर संशोधन भी हुए हैं. इसके अलावा संविधान का अनुच्छेद 5 से लेकर 11 तक नागरिकता को परिभाषित करता है.
इसमें अनुच्छेद 5 से लेकर 10 तक नागरिकता की पात्रता के बारे में बताता है, वहीं अनुच्छेद 11 में नागरिकता के मसले पर संसद को कानून बनाने का अधिकार देता है. वहीं नागरिकता को लेकर 1955 में सिटीजनशिप एक्ट पास हुआ. इस एक्ट में अब तक चार बार 1986, 2003, 2005 और 2015 में संशोधन हो चुके हैं.
ये भी पढ़ें:भारत के इस गांव में पांच दिन तक कपड़े नहीं पहनतीं महिलाएं, खौफ की वजह से करती हैं ऐसा
कौन है भारत का नागरिक
संविधान में भारतीय नागरिक को स्पष्ट तौर पर पारिभाषित किया गया है. इसके अलावा संविधान का अनुच्छेद 5 कहता है कि अगर कोई व्यक्ति भारत में जन्म लेता है और उसके मां-बाप दोनों या दोनों में से कोई एक भारत में जन्मा है, तो वो भारत का नागरिक होगा. इसके अलावा भारत में संविधान लागू होने के 5 साल पहले यानी 1945 के पहले से जो रह रहा वो हर व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाएगा.
नागरिकता से जुड़े डॉक्यूमेंट्स
जमीन के दस्तावेज जैसे- बैनामा, भूमि के मालिकाना हक का दस्तावेज.
• राज्य के बाहर से जारी किया गया स्थायी निवास प्रमाणपत्र.
• भारत सरकार की ओर से जारी पासपोर्ट.
• किसी भी सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस/प्रमाणपत्र.
• सरकार या सरकारी उपक्रम के तहत सेवा या नियुक्ति को प्रमाणित करने वाला दस्तावेज.
• बैंक/डाक घर में खाता.
• सक्षम प्राधिकार की ओर से जारी किया गया जन्म प्रमाणपत्र.
• बोर्ड/विश्वविद्यालयों द्वारा जारी शिक्षण प्रमाणपत्र.
• न्यायिक या राजस्व अदालत की सुनवाई से जुड़ा दस्तावेज.
ये भी पढ़ें:दिल्ली में आने वाली है देश की पहली एयर ट्रेन, जानें दुनिया के किन देशों में है ये सुविधा