BJP सच में गंवा देगी हरियाणा? चमत्कार का जिक्र कर एक्सपर्ट ने नुकसान पर कह दी यह बड़ी बात!
Haryana Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए वोटिंग की तारीख नजदीक आती जा रही है. ऐसे में अनुमान लगाया जाना लगा है कि इस बार राज्य में किसकी सरकार बनेगी.
Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है और इसके नतीजे 8 अक्टूबर का आएंगे. इससे पहले हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए बहुकोणीय मुकाबला तेज होता जा रहा है, जिसमें प्रमुख राजनीतिक दल - आम आदमी पार्टी (आप), कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) चुनाव जीतेने के लिए अपना-अपना जोर लगा रहे हैं.
चुनाव प्रचार अपने चरम पर है और तीन अक्टूबर को इलेक्शन कैंपेन भी खत्म हो जाएगा. गिनती के दिन बचे हैं ऐसे में अनुमान फिर से लगाया जा रहा है कि राज्य में किसकी सरकार बनेगी? हरियाणा में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 46 है. इस बार चुनाव टक्कर का बताया जा रहा है. सत्ताधारी दल बीजेपी के लिए इस बार राह आसान नहीं बताई जा रही.
बीजेपी के लिए क्या लगाया जा रहा अनुमान?
मशहूर पत्रकार अजीत अंजुम ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक पत्रकार से सवाल किया कि मान के चलिए कि बीजेपी ज्यादा से ज्यादा 30 पर पहुंच जाए तो बीजेपी किन जगहों पर हार सकती है और अगर हारेगी तो किन वजहों से हारेगी? इस पर जवाब देते हुए जर्नलिस्ट आदेश रावल ने कहा, “बीजेपी अहिरवाल इलाके में पहले की तरह बेहद मजबूत है. इसके पीछे की वजह है राव इंद्रजीत सिंह और इस बार उनकी बेटी भी चुनाव लड़ रही हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “फरीदाबाद संसदीय इलाके में भी बीजेपी अपनी पहचान बनाए रखेगी. अब बात करते हैं नॉन जाट बेल्ट जीटी रोड बेल्ट की जो बीजेपी का गढ़ कहा जाता है. इस बेल्ट में पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला और पंचकुला जैसे इलाके आते हैं. यहां पर कांग्रेस को इस पर भारी संख्या में सीटें मिलती दिख रही हैं. सोनीपत में कांग्रेस कुछ सीटें हार सकती है लेकिन बाकी इलाकों में फायदा होगा.”
जाट-नॉन जाट फैक्टर चाहती है बीजेपी?
इस मुद्दे को लेकर आदेश रावल ने कहा, “अगर बीजेपी चाहती भी है तो वो ये कर नहीं पा रही है. ये लोग कई विधानसभाओं में जाट-नॉन जाट का मुद्दा उठाना तो चाह रहे हैं लेकिन वो हो नहीं पा रहा. कई सीटें ऐसी हैं जहां पर बीजेपी कांग्रेस के सामने निर्दलीय खड़ा है वो कहीं पर बीजेपी का तो कहीं पर कांग्रेस का नुकसान कर रहे हैं. इस बार का चुनाव सिर्फ दो पार्टियों के बीच में है, क्षेत्रीय पार्टियां बाहर हैं इस चुनाव से.”
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