अलग-अलग कंपनियों में छंटनी के बीच एक और सेक्टर पर गाज, 10 लाख हो सकते हैं बेरोजगार
केबल इंडस्ट्री में पिछले छह वर्षों के दौरान यानी 2018 से लेकर 2024 के बीच करीब 31 प्रतिशत बेरोजगार हो गए, जबकि पायरेसी की वजह से भी इस इंडस्ट्री को करीब 20 हजार करोड़ का जबरदस्त नुकसान हुआ है.

दुनियाभर में समय के साथ अब काफी बदलाव आ चुका है. एक समय मीडिया इंडस्ट्री पूरी तरह से केबल पर निर्भर थी, लेकिन आज बढ़ते इंटरनेट की वजह से सबसे ज्यादा चोट इसी सेक्टर को पड़ी है. इसका अब नतीजा ये रहा कि इस क्षेत्र से जुड़े करीब अब तक पांच लाख से ज्यादा लोग सड़क पर आ चुके हैं. रिपोर्ट बताता है कि आने वाले समय में अगर यही हाल रहा तो करीब 10 लाख सेक्टर से जुड़े लोगों के ऊपर बेरोजगारी की मार पड़ सकती है.
कंज्यूमर अफेयर्स के एडिशनल सेक्रेटरी संजीव शंकर का मानना है कि केबल इंडस्ट्री को बचाने के लिए जो रिपोर्ट पेश को गई है, वो काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें ये बताया गया है कि इस सेक्टर के सामने इस वक्त क्या कुछ चुनौतियां है.
केबल नेटवर्क के सामने चुनौतियां
उनका कहना है कि आज जब लोगों के पास इंटरनेटपर ओटीटी जैसे बेहतर सामग्री देखने के लिए प्लेटफॉर्म मौजूद है तो फिर क्यों लोग केबल को देखना पसंद करेंगे. गौरतलब है कि केबल इंडस्ट्री से जुड़ी एक रिपोर्ट सामने आयी है, जिसे करीब 28 हजार केबल ऑपरेटर से पूछताछ कर तैयार की गई है.
इसमें आगे कहा गया है कि जहां एक तरफ 2024 में 111 मिलियन सब्सक्राइबर्स थे तो वहीं छह साल बाद यानी 2030 में ये घटकर 71 से 81 मिलियन के बीच ही रह जाएंगे.
पिछले छह साल में 31 प्रतिशत बेरोजगार
केबल इंडस्ट्री में पिछले छह वर्षों के दौरान यानी 2018 से लेकर 2024 के बीच करीब 31 प्रतिशत बेरोजगार हो गए, जबकि पायरेसी की वजह से भी इस इंडस्ट्री को करीब 20 हजार करोड़ का जबरदस्त नुकसान हुआ है. इधर, देश में इंटरनेट सब्सक्रिप्शन करीब 1 बिलियन के आगे निकल चुका है, जिनमें से ब्रॉडबैंक कनेक्शन वाले 945 मिलियन है.
जाहिर है, केबल इंडस्ट्री पर आगे आने वाले दिनों में और मार पड़ सकती है. बढ़ती डिजिटलाइजेशन और ब्रॉडबैंड सेवाओं का सीधा असर इस सेक्टर पर पड़ रहा है.
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