आइडिया, वोडाफोन का विलय, बनेगी देश की सबसे बड़ी मोबाइल सेवा कंपनी

नई दिल्लीः वोडाफोन और आइडिया मिलकर अब देश की सबसे बड़ी मोबाइल सेवा देने वाली कंपनी बनेगी. दोनों ही कंपनियो ने सोमवार को एक ही छत तले सेवा मुहैया कराने का ऐलान किया है. नए स्वरुप में कंपनी के कुल 40 करोड़ ग्राहक होंगे और बाजार में उसकी हिस्सेदारी करीब 35 फीसदी हो जाएगी. साझा स्वरुप का नया नाम बाद में आएगा.
आइडिया सेल्युलर लिमिटेड के बोर्ड ने सोमवार को विलय की मंजूरी दे दी. विलय की औपचारिक प्रक्रिया अगले कैलेंडर साल यानी 2018 में पूरी हो जाएगी. बोर्ड की बैठक के बाद शेयर बाजार को दी गयी जानकारी में कहा गया है कि विलय से पांच बड़े फायदे होंगे
- देश में मोबाइल सेवा की सबसे बड़ी कंपनी बनेगी जो पूरे देश में 3 जी और 46 सेवा मुहैया कराएगी.
- नए स्वरुप में पर्याप्त स्पैक्ट्रम होगा जिससे ग्राहकों को बेहद आकर्षक कीमत पर नयी नयी सेवाएं मुहैया कराना संभव हो सकेगा.
- पूरे देश में वायरलेस ब्रॉडबैंड नेटवर्क लगाने में तेजी आएगी जिससे सरकार के डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट को बल मिले
- शेयरधारकों को अपने निवेश की बेहतर कीमत मिलेगी
- दोनों मौजूदा ब्रांड के प्रति ग्राहकों के लगाव का फायदा मिलेगा.
विलय के बाद एक बड़ा सवाल ये भी है कि क्या कर्मचारियों की छंटनी होगी. आइडिया के सालाना रिपोर्ट की मुताबिक 31 मार्च 2016 को कंपनी के नियमित कर्मचारियों की संख्या 12491 है. इसके अलावा 10 हजार 300 से भी ज्यादा कर्मचारी अस्थायी या ठेके पर हैं. वहीं वोडाफोन के कर्मचारियो की संख्या करीब 12500 है.
दोनों ही कंपनियां ये दावा कर रही है कि कोई छंटनी नही होगी. लेकिन जानकर इससे सहमत नहीं. उनका कहना है कि विलय का एक मकसद खर्च में कमी करना है. यही नहीं एक ही काम के लिए दो-दो लोगों को रखने का औचित्य नहीं बनता. ऐसे में कर्मचारियों की संख्या कम की ही जाएगी.
वोडाफोन इंडिया जहां ब्रिटेन की वोडाफोन की भारतीय सब्सिडियरी है, वहीं आइडिया आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी है. रिलायंस के जियो की सेवा शुरु करने के साथ ही बाजार में गठबंधन और विलय में तेजी देखने को मिल रही थी. इसके पहले एय़रटेल ने टेलीनॉर खरीदने का ऐलान किया जबकि रिलायंस कम्युनिकेशन का एयरसेल और टाटा कम्युनिकेशन को मिलाए जाने पर बातचीत चल रही है.
फिलहाल, नए स्वरुप में वोडाफोन और आइडिया को मिलाकर 40 करोड़ ग्राहक हो जाएंगे जबकि बाजार की मौजूदा सबसे बड़ी कंपनी एयरटेल के करीब 27 करोड़ ग्राहक हैं. जियो के ग्राहकों की संख्या 10 करोड़ के पार जा चुकी है. वोडाफोन के पास करीब 45 फीसदी हिस्सेदारी होगी जबकि आइडिया के पास 26 फीसदी. वोडाफोन करीब 4.9 फीसदी हिस्सेदारी आइडिया को देगी. आगे चलकर दोनों ही कंपनियों की बराबर-बराबर हिस्सेदारी हो जाएगी.
- चेयरमैन कुमारमंगलम बिड़ला होंगे जबकि चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर की नियुक्त करने का अधिकार वोडाफोन को होगा.
- कुल 12 निदेशक होंगे जिसमें से तीन-तीन आदित्य बिड़ला ग्रुप और वोडाफोन के होंगे जबकि बाकी छह स्वतंत्र निदेशक होंगे
- दोनों ही कंपनियां मिलकर चीफ एग्जियूक्टिव ऑफिसर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर की नियुक्ति करेंगी.
विलय का ये औपचारिक फैसला ऐसे समय में आया है जब रिलायंस के जियो की मुफ्त सेवा अगले 10 दिनोंं में खत्म हो रही है. हालांकि पहली अप्रैल से उसने नयी स्कीम प्राइम मेंबरशिप शुरु करने का ऐलान किया है. इसमें मेंबरशिप फीस 99 रुपये रखी गयी है और उसके बाद 303 रुपये प्रति महीने की दर 33 जीबी डाटा देने का प्रस्ताव किया है. बातचीत पहले ही पूरी तरह से मुफ्त है. अब उम्मीद की जा रही है कि नए स्वरुप में वोडाफोन-आइडिया कुछ नयी योजना लेकर आएंगे जिससे ग्राहकों को सस्ती सेवा मिल सकेगी.
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