By: ABP News Bureau | Updated at : 07 Sep 2016 10:27 AM (IST)
नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि पहली अप्रैल से वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी को पहली अप्रैल से लागू करने का काफी कठिन है. वस्तु व सेवा कर लागू होने पर पूरा देश एक बाजार बन जाएगा.
जानी-मानी आर्थिक पत्रिका इकोनॉमिस्ट के इंडिया सम्मिट में पहुंचे वित्त मत्री अरुण जेटली ने कहा कि लंबे समय में वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी की दर कम हो सकती है. हालांकि दर को लेकर अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल को करना है. काउंसिल का गठन संविधान संशोधन विधेयक पर राष्ट्पति के हस्ताक्षर के बाद होगा. हालांकि जेटली ने इस बात पर संतोष जताया कि 16 से भी ज्यादा राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने जीएसटी से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक पर अपनी सहमति जता दी है, फिर भी उनका मानना है कि अगले साल पहली अप्रैल से जीएसटी लागू करने का लक्ष्य आसान नहीं.
‘हमने बेहद कठोर लक्ष्य रखा है और इसकी वजह है यह कि जीएसटी सुधार के समर्थन में राष्ट्रीय स्तर पर आकांक्षा शामिल है और 20-25 दिन के भीतर राज्य दर दर इसका अनुमोदन कर रहे हैं क्योंकि उन्हें सबसे अधिक फायदा हो रहा है,' जेटली ने कहा.
संसद के दोनों सदनों से पारित संविधान संशोधन विधेयक, जीएसटी लागू करने की दिशा में पहला कदम है, क्योंकि इसके कानून बनने के बाद
-राज्यों को केंद्र की तरह शराब को छोड़ बाकी सामान के उत्पादन औऱ तमाम सेवाओं पर कर लगाने का अधिकार मिल जाएगा, जबकि केंद्र सरकार को सामान की खरीद-बिक्री पर.
-केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में गुड्स एंड सर्विसेज काउंसिल का गठन होगा. ये टैक्स की दर, छूट, रियायतों और विवाद पर फैसला करेगा.
-संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार जीएसटी से जुड़े दो विधेयक, सेंट्रल जीएसटी और इंटर स्टेट जीएसटी को पारित कराने की कोशिश करेगी
-जबकि हर राज्य सरकार को स्टेट जीएसटी से जुड़ा विधेयक पारित करना होगा.
-विधायी प्रक्रिया के साथ-साथ जीएसटीएन नेटवर्क के गठन और कायदे-कानून बनाने का काम पूरा करना होगा.
जेटली के मुताबिक, संविधान संशोधन विधेयक पर सभी राज्यों के विधानसभा से मिली मंजूरी को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा जिसके बाद उनकी स्वीकृति से ये कानून बन जाएगा. इसके बाद संविधान संशोधन विधेयक को अधिसूचिम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अधिसूचना जारी करने और जीएसटी परिषद के गठन के बाद निश्चित तौर पर कुछ लंबित मामले हैं जिनका परिषद समाधान करेगी. उन्होंने कहा कि ‘हमारे पास ऐसा करने के लिए सितंबर, अक्तूबर के महीने और नवंबर का कुछ हिस्सा है. बहुत काम करना है,'.
जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र और राज्य के कई स्तर पर मिलकर एक हो जाएंगे. जेटली ने कहा कि संसद के बाहर सरकार की सर्वोच्च प्रथामिकता जीएसटी लागू करना है.
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