विदेश यात्रा अब सपना नहीं, एक हक़ीकत है — LeSo के साथ
LeSo एक ऐसा ट्रैवेलटेक स्टार्टअप जो यात्रियों के नजरिए से सोचता है, और उनकी भाषा में समाधान देता है. LeSo की सबसे बड़ी खूबी है उसका एजेंटिक एआई सिस्टम.

भारत में अब ट्रैवल सिर्फ़ एक लग्ज़री नहीं रहा. दुनिया को देखने, समझने का एक ज़रिया बन गया है. लेकिन जब कोई पहली बार विदेश जाने की सोचता है, तो उत्साह के साथ-साथ घबराहट भी होती है — वीज़ा कैसे मिलेगा? कहां से शुरुआत करें? किसी पर भरोसा किया जाए या नहीं?
इन्हीं सवालों के बीच LeSo सामने आया — एक ऐसा ट्रैवेलटेक स्टार्टअप जो यात्रियों के नजरिए से सोचता है, और उनकी भाषा में समाधान देता है.
LeSo की शुरुआत — एक आम भारतीय मुसाफ़िर की ज़रूरत से
LeSo के संस्थापक कोई कॉर्पोरेट ऑफिस में बैठे विदेशियों की तरह नहीं सोचते. अब्बास अबिदी, जिन्होंने NMIMS से पढ़ाई की और HPE जैसे संगठनों में काम किया है, और विवेक आनंदन, IIM लखनऊ से शिक्षित और सीनियर कंसल्टेंट रह चुके हैं — दोनों ने ये महसूस किया कि भारत में लाखों लोग विदेश जाना तो चाहते हैं, लेकिन उन्हें एक भरोसेमंद, किफ़ायती कंपनी की कमी महसूस होती है.
LeSo इसी कमी को भरने के लिए बना — जहां सेवा, तकनीक और सरलता साथ चलते हैं.
टेक्नोलॉजी जो इंसानों जैसी सोच रखती है
LeSo की सबसे बड़ी खूबी है उसका एजेंटिक एआई सिस्टम. ये सिर्फ़ जानकारी देने वाला टूल नहीं है — ये आपके लिए सोचता है, विकल्प तैयार करता है, और मदद करता है फैसले लेने में.
मान लीजिए आप अक्टूबर में थाईलैंड जाना चाहते हैं. LeSo का सिस्टम न केवल आपकी तारीखों और बजट को ध्यान में रखकर वीज़ा प्रोसेस समझाता है, बल्कि ये देखता है कि कौन-सी फ्लाइट्स सस्ती होंगी, कौन-से होटल आपकी प्राथमिकताओं के अनुसार हैं, और क्या कोई त्योहार या छुट्टी उस हफ्ते ट्रैफिक या दाम बढ़ा सकती है.
ये तकनीक केवल तेज़ नहीं है — यह निजी है.
सेवा, जो ऐप से आगे जाती है
LeSo पर ट्रैवल सिर्फ़ मोबाइल स्क्रॉल करने पे ख़तम नहीं होता. यहाँ एक टीम है जो आपके सवालों को सुनती है, समझती है, और ज़रूरत पड़ी तो आधी रात को भी समाधान देती है.
• हर कीमत बुकिंग से पहले साफ़ दिखाई जाती है
• होटल और ट्रांसफर जैसी चीजें आप अपने हिसाब से बदल सकते हैं
• और सबसे बड़ी बात — आपको ऐसा महसूस होता है कि जैसे कोई अपना आपकी ट्रिप प्लान कर रहा है
सिर्फ़ इंडिया नहीं बल्कि समूचे भारत के लिए
LeSo सिर्फ़ दिल्ली-मुंबई वालों के लिए नहीं है. आज झारखंड, राजस्थान, ओडिशा, या नॉर्थ ईस्ट से भी लोग LeSo के ज़रिए पहली बार विदेश जा रहे हैं — किसी की बहन की शादी के लिए दुबई, किसी की फैमिली ट्रिप वियतनाम, तो कोई स्कॉलरशिप पर यूरोप.
हर किसी की ज़रूरत अलग होती है — और LeSo की कोशिश होती है कि हर एक को उसकी भाषा और परिस्थिति के अनुसार सेवा दी जाए.
सफर की शुरुआत भरोसे से होती है
आज ट्रैवल प्लान करना उतना मुश्किल नहीं, जितना सही प्लानिंग करना है.
LeSo इसीलिए बना है — ताकि आप गूगल पर 10 टैब खोलकर, WhatsApp पर एजेंट्स से जूझकर, और कई जगह डील पूछकर परेशान न हों.
आपका सफर कहीं से भी शुरू हो —
LeSo उसे समझदारी, सादगी और सूझ बूझ से पूरा करने में आपका साथ देता है.
(डिसक्लेमर - यह लेख एक फीचर्ड आर्टिकल है. ABP नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड या ABP लाइव किसी भी प्रकार से इस लेख/विज्ञापन की सामग्री या इसमें व्यक्त विचारों का समर्थन या अनुमोदन नहीं करता है. पाठकों को अपने विवेक का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.)

















