(Source: ECI / CVoter)
चिदंबरम को कुछ याद नहीं....लेकिन मोदी-शाह कुछ नहीं भूलते
आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता को आखिरकार सीबीआई ने गिरफ्तारी कर लिया है। फिलहाल सीबीआई की रिमांड में उनसे काफी सवाल जवाब होंगे। क्या निकल के आता है, इसका इंतजार सबको है
पूर्व गृह मंत्री और वित्त मंत्री चिदंबरम को 26 अगस्त तक सीबीआई रिमांड पर सौंप दिया गया है जबकि INX मीडिया मामले में चिदंबरम कहते रहे हैं कि उनको कुछ याद नहीं है, न इंद्राणी मुखर्जी से मुलाकात...न इस मामले से जुड़ी अपनी कोई बात, हालांकि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कुछ नहीं भूलते, शाह को जहां अपनी गिरफ्तारी याद होगी तो वहीं पीएम मोदी का वो वादा...जिसमें उन्होंने कहा था कि 2014 में जेल के दरवाजे तक ले गया हूं, 2019 के बाद जेल में डाल दूंगा, 24 घंटों के भीतर बदली परिस्थितयां यही बताती हैं, चिदंबरम की गिरफ्तारी पहली कड़ी है, माना जाए कि चिदंबरम के साथ भ्रष्टाचार की बड़ी मछलियों का शिकार शुरू हो गया है क्योंकि चिदंबरम इकलौते नेता नहीं है जो भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं, कई बड़े नेता इस फेहरिस्त में शामिल हैं...जिन पर भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर आरोप हैं।
इससे पहले हालांकि चिदंबरम की गिरफ्तारी को बड़ा मुद्दा बना कर कांग्रेस सरकार पर हमले कर रही है...बकौल कांग्रेस गिरफ्तारी देश की समस्याओं से ध्यान भटकाने की कोशिश है....चिदंबरम के मुद्दे ने उसे सड़क पर लड़ने का नया मौका दिया है...हालांकि चिदंबरम की गिरफ्तारी ने सियासी तौर पर ये साफ कर दिया है कि अब रसूख और ओहदा सलाखों से दूरी नहीं बना सकता...कम से कम मोदी सरकार का इशारा तो यही है...ताजा हालात कई सवाल हैं...जिनके जवाब ढूंढने अहम है...उन सवालों पर आएं...और चर्चा करें...उससे पहले आपको सुनवाते हैं...कांग्रेस का इस पूरे मसले पर क्या कहना है...
चिदंबरम की गिरफ्तारी एक कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन इसे सियासत के चश्मे से देखना ठीक नहीं है । भ्रष्टाचार जैसी गंभीर बीमारी के इलाज में सियासत रोड़े अटकाती रही है। ये आरोप लगता रहा है कि छोटी मछलियों का शिकार तो कर लिया जाता है, मगर बड़ी मछलियों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। ऐसे में चिदंबरम के केस में निर्णय कोर्ट को करने दिया जाए तो बेहतर है, ताकि ये तय हो सके कि वो गुनहगार हैं भी या नहीं। हां ये सच है कि सियासी तौर पर इस तरह का साहस सरकार को बाकी लोगों के लिए भी दिखाना होगा । ये कार्रवाई एक या दो लोगों तक सिमट कर न रह जाए । ये सिर्फ राजनीतिक न हो तो इसका संदेश ज्यादा गहरा जाएगा।