अखिलेश यादव के घर से JPNIC तक के रास्ते में कई जगह बैरिकेडिंग, कैसे पहुंचेंगे सपा चीफ?
JPNIC Lucknow News: अखिलेश यादव ने कहा कि कोई टीन शेड कब तक लगा कर रख सकता है. एक दिन, दो दिन, तीन दिन, एक महीना, दो महीना, 1 साल, 2 साल. और 2 साल के बाद क्या होगा?
JPNIC News: जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि के पहले उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से राजनीति शुरू हो गई है. पिछले साल जय प्रकाश नारायण की पुण्यतिथि के पहले अखिलेश यादव को सरकार ने रोकने की कोशिश की थी और वो गेट फांद कर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने गए थे और अब 11 तारीख को उनको फिर से माल्यार्पण करने जाना है तो गुरुवार की शाम एलडीए ने जीपीएनआईसी के गेट को टीन शेड से ढक कर अखिलेश यादव को सरकार को घेरने मौका दे दिया. अखिलेश देर रात अचानक जेपीएनआईसी पहुंच गए जिसके बाद हड़कंप मच गया.
नेताजी की पुण्यतिथि पर सैफई के कार्यक्रम से लौटते वक्त अखिलेश यादव रात करीब 11:13 पर अचानक जेपीएनआईसी पहुंचे तो प्रशासन के हाथपांव फूल गए. अखिलेश यादव ने वहां जाकर देखा कि कैसे टीन शेड लगाई जा रही है. उन्होंने मीडिया से कहा कि आखिर ऐसा यहां क्या है जो सरकार छुपाना चाहती है. क्या सरकार इस बिल्डिंग को बेचने का काम करना चाहती है और उसी की साजिश के तहत यह सब कुछ हो रहा है.
'कोई टीन शेड कब तक लगा कर रखेगा?'
अखिलेश ने कहा टीन शेड लगाकर सरकार कुछ तो छुपाना चाहती है. सरकार क्यों किसी महापुरुष का सम्मान नहीं करने देना चाहती. हर साल समाजवादी लोग यहां उनकी जयंती पर इकट्ठे होते थे उनका माल्यार्पण करते थे ,उनके सम्मान के लिए यहां आते थे अपने विचार रखते थे. वह एक ऐसे महान नेता था जिन्होंने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था और उस समय की सरकार के सामने झुके नहीं थे. फिर एक समय ऐसा आया कि उनकी संपूर्ण क्रांति के नारे की वजह से परिवर्तन हुआ देश की राजनीति में.
अखिलेश ने कहा कोई टीन शेड कब तक लगा कर रख सकता है. एक दिन, दो दिन, तीन दिन, एक महीना, दो महीना, 1 साल, 2 साल. और 2 साल के बाद क्या होगा?
साल 2023 में भी अखिलेश यादव को रोकने का काम हुआ था तब अखिलेश यादव गेट फांदकर अंदर चले गए थे और अब जब उनको 2024 में यहां जाना है तो पहले टीन शेड़ लगवाई गई फिर लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस द्वारा रूट डायवर्जेंन का एक प्लान भी दिया गया. सूत्रों के मुताबिक कल सुरक्षा व्यवस्था को लेकर के भी चाक चौबंद इंतजाम रहने वाले हैं, इन सब के बीच देखना होगा कि अखिलेश यादव कैसे माल्यार्पण के लिए पहुंचते हैं.