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साक्षी महाराज उन्नाव लोकसभा सीट से फिर आजमा रहे हैं किस्मत, जानें- कौन किस पर पड़ सकता है भारी

उन्नाव लोकसभा सीट से इस बार 9 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। यहां मुकाबला त्रिकोणीय है। बीजेपी के निवर्तमान सांसद साक्षी महाराज, सपा के अरुण शंकर शुक्ला और कांग्रेस के अन्नू टंडन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।

उन्नाव, एबीपी गंगा। उन्नाव लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और औद्योगिक नगरी कानपुर से सटी हुई है। कानपुर शहर से लगे होने के नाते उन्नाव चमड़े के कारोबार के लिए दुनियाभर में मशहूर है। सियासी तौर पर यह इलाका किसी दौर में कांग्रेस का मजबूत दुर्ग हुआ करता था, लेकिन वक्त के साथ बीजेपी यहां मजबूती से आगे बढ़ी है। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का असर यहां भी देखने को मिला था और साक्षी महाराज के संसद पहुंचने का रास्ता साफ हुआ था।

उन्नाव लोकसभा सीट से इस बार 9 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। यहां मुकाबला त्रिकोणीय है। बीजेपी के निवर्तमान सांसद साक्षी महाराज, सपा के अरुण शंकर शुक्ला और कांग्रेस के अन्नू टंडन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने सतीश कुमार शुक्ला को यहां से चुनावी मैदान में उतारा है। इस सीट पर एक उम्मीदवार बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

आजादी के बाद से 2014 तक उन्नाव संसदीय सीट पर 16 बार आम चुनाव और एक बार उपचुनाव हुए हैं। उन्नाव लोकसभा सीट पर पहली बार 1952 में चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस के विश्वंभर दयाल त्रिपाठी जीतने में सफल रहे थे। 1971 तक लगातार 6 बार जीतने के बाद 1977 में कांग्रेस के जनता पार्टी के हाथों मात खानी पड़ी। जनता पार्टी के राघवेंद्र सिंह जीतकर संसद पहुंचे। हालांकि 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने फिर वापसी की और 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए चुनाव में इस सीट पर कब्जा बनाए रखा।

1989 के लोकसभा चुनाव में जनता दल ने अनवर अहमद को उतारकर कांग्रेस से यह सीट छीन ली। 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन जब अपने उफान पर था तो बीजेपी 1991 में पहली बार इस सीट पर खाता खोलने में कामयाब रही। यहां से देवीबक्श सिंह सांसद बने और इसके बाद वह लगातार 1996 और 1998 में भी चुनाव जीतने में सफल रहे। 1999 के लोकसभा चुनाव में सपा ने दीपक कुमार को उतारकर बीजेपी के विजय रथ को रोका। 2004 में बसपा ने बृजेश पाठक चुनाव जीतने में सफल रहे। इसके बाद कांग्रेस ने 2009 में अनु टंडन के जरिए एक बार फिर वापसी की, लेकिन 2014 में मोदी लहर में बीजेपी ने साक्षी महाराज को उतारकर जीत हासिल की।

सामाजिक ताना-बाना

उन्नाव लोकसभा सीट पर 2011 की जनगणना के मुताबिक कुल जनसंख्या 31,08,367 है। इसमें  82.9 फीसदी ग्रामीण और 17.1 फीसदी आबादी शहरी है। 2017 के हुए विधानसभा चुनाव के मुताबिक इस संसदीय सीट पर 21,71,025 मतदाता और 2,303 मतदान केंद्र हैं। अनुसूचित जाति की आबादी इस सीट पर 30.52 फीसदी है और अनुसूचित जनजाति की आबादी 0.09 फीसदी है।

विधानसभा सीट

उन्नाव लोकसभा सीट के तहत छह विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें मोहान, उन्नाव, बांगरमऊ, सफीपुर, भगवंतनगर और पुरवा विधानसभा सीटें आती हैं। सफीपुर और मोहान सीट विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।

2014 का जनादेश

2014 के लोकसभा चुनाव में उन्नाव संसदीय सीट पर 55.52 फीसदी मतदान हुआ था। इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार साक्षी महाराज ने सपा के अरुण शुक्ला को करीब 3 लाख मतों से मात देकर जीत हासिल की थी।

बीजेपी के साक्षी महाराज को 5,18,834 वोट मिले

सपा के अरुण शुक्ला को 2,08,661 वोट मिले

बसपा के बृजेश पाठक को 2,00,176 वोट मिले

कांग्रेस की अनु टंडन को 1,97,098 वोट मिले

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