Ujjain News: रोज टूट रहा है महाकाल लोक का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड, चौपहिया वाहनों से चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था
MP News: उज्जैन के कलेक्टर ने बताया कि श्रद्धालुओं की समस्या का स्थायी हल निकाला जाए, इसके लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था भी की जानी प्रस्तावित है. सिंहस्थ 2028 के पहले काफी कुछ बदला जाएगा.
Ujjain News: महाकाल लोक (Mahakal Lok) निर्माण के बाद उज्जैन की सड़कें सकरी हो गई हैं. यहां पर रोज यातायात व्यवस्था (Traffic System) ध्वस्त हो रही है. खासतौर पर महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) के आसपास दिन भर सड़क जाम रहती है. महाकालेश्वर मंदिर में पहले करीब 20 हजार श्रद्धालु आते थे, लेकिन महाकाल लोक देखने पर रोजाना करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इनमें से सबसे ज्यादा श्रद्धालु चौपहिया वाहन से आते हैं. इसे देखते हुए जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए बड़ी योजना बना रहा है.
चौपहिया से रोज पहुंच रहे डेढ़ लाख श्रद्धालु
उज्जैन में महाकाल लोक के निर्माण के बाद यातायात व्यवस्था में बदलाव की जरूरत महसूस हो रही है. महाकालेश्वर मंदिर में जहां प्रतिदिन 15000 से 20000 श्रद्धालु आते थे. अब महाकाल लोक निर्माण के बाद डेढ़ लाख श्रद्धालु रोज आ रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा ऐसे श्रद्धालु हैं जो चौपहिया वाहन से उज्जैन पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो रही है.
श्रद्धालुओं को हो रही भारी परेशानी
महाकाल लोक भ्रमण करने उज्जैन आए दिल्ली के कुलभूषण शर्मा ने बताया कि पहले महाकालेश्वर मंदिर तक रास्ता साफ रहता था लेकिन अब महाकाल लोक जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. श्रद्धालु सुमन मेहता ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होने से सड़कें छोटी दिखाई दे रही हैं. उनका कहना है कि मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन को श्रद्धालुओं की सुविधा के अनुरूप महाकालेश्वर मंदिर के आसपास सड़कों का चौड़ीकरण करना चाहिए. इसके अलावा महाकाल मंदिर की ओर जाने वाले ब्रिज को भी बढ़ाना चाहिए.
वैकल्पिक व्यवस्था पर मंथन जारी- कलेक्टर
उज्जैन कलेक्टर और महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष आशीष सिंह ने बताया कि श्रद्धालुओं की शिकायत वाजीब है. श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन मंदिर प्रशासन और नगर निगम के साथ-साथ यातायात विभाग हमेशा इस बात को लेकर प्रयासरत है कि श्रद्धालुओं की समस्या का स्थाई हल निकाला जाए, इसके लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था भी की जानी प्रस्तावित है. उन्होंने कहा कि सिंहस्थ 2028 के पहले काफी कुछ बदलाव किया जाएगा.
यह भी पढ़ें: