1800 करोड़ के ड्रग्स केस में बड़ा खुलासा, मुंबई जेल में बना था फैक्ट्री बनाने का प्लान, 3 आरोपी अरेस्ट
Bhopal Drugs Case: भोपाल में फर्नीचर बनाने का काम करने के नाम पर फैक्ट्री किराए पर ली गई थी. इसमें ड्रग्स बनाए जा रहे थे, जिससे 1814.18 करोड़ रुपये कीमत की ड्रग्स बरामद की गई है.
Bhopal Drugs Case: राजधानी भोपाल स्थित एक फैक्ट्री में गुजरात-दिल्ली एटीएस और दिल्ली एनसीबी द्वारा ड्रग्स मामले में की गई कार्रवाई में अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 2 मजदूरों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया, मजदूरों को पता नहीं था कि इस फैक्ट्री में ड्रग्स बनाया जा रहा है.
इधर एटीएस और एनसीबी की कार्रवाई रात 9.00 बजे तक जारी रही. इस कार्रवाई के दौरान 907 किलो केमिकल जब्त किया गया. ड्रग्स की कीमत 1814.18 करोड़ रुपये बताई जा रही है. पुलिस ने फैक्ट्री मालिक पर भी केस दर्ज किया है.
बता दें एटीएस और एनसीबी ने भोपाल के कटारा हिल्स थाना क्षेत्र के बागरोदा पठान में स्थित एक इंडस्ट्रियल एरिया में छापा मार कार्रवाई करते हुए ड्रग्स जब्त की है. इस फैक्ट्री में एमडी ड्रग्स बनाई जा रही थी. जब्त की गई ड्रग्स की कीमत 1814 करोड़ रुपए आंकी गई है. पुलिस की दबिश के दौरान फैक्ट्री में अमित प्रकाशचंद्र चतुर्वेदी निवासी सुल्तानाबाद भोपाल और सान्याल बाने निवासी नासिक महाराष्ट्र मौजूद थे, जिन्हें गिरफ्तार किया गया. जबकि फैक्ट्री के दो मजदूरों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. बाद में पुलिस ने इस मामले में तीसरे आरोपी हरीश आंजना को भी गिरफ्तार किया है.
मुंबई जेल में बनी प्लानिंग
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ड्रग्स फैक्ट्री की यह प्लानिंग मुंबई स्थित जेल में बनी. आरोपी प्रकाशचंद्र चतुर्वेदी ने पुलिस को बताया कि सान्याल बाने से उसका पुराना परिचय था. हम कई बार नासिक में मिले. सान्याल बाने को एनडीपीएस एक्ट केस में पांच साल की सजा हुई थी, उसने ऑर्थर रोड जेल मुंबई में सजा काटी.
जेल में रहते हुए सान्याल बाने हरीश आंजना को प्रकाश के पास पहुंचाया. हरीश ने ही प्रकाशचंद्र को शॉर्ट कट से अमीर बनने का सपना दिखाया, जिसके बाद प्रकाश ने बगरौदा में जयदीप सिंह की फैक्ट्री को किराए पर लिया. आरोपी ने फैक्ट्री में फर्नीचर का काम करने के नाम पर किराए पर लिया था.
मंदसौर पहुंचता था माल
बताया जा रहा है कि सान्याल बाने के इशारे पर हवाला से रकम प्रकाश तक पहुंची, जिसके बाद फैक्ट्री में ड्रग्स बनाने का काम शुरू हुआ. हरीश इस ड्रग्स को अलग-अलग तरीकों से मंदसौर या फिर अन्य ग्राहकों तक पहुंचाता था. इससे मिलने वाली कमाई का 10 फीसदी हिस्सा उसे मिलता था. सान्याल भी जेल से रिहाई के बाद प्रकाश के साथ ही फैक्ट्री चलाने लगा.
एक महीने भोपाल में रुकी टीम
बताया जा रहा है कि सान्याल बाने पर पुलिस एटीएस की नजर बीते 6 महीने से थी. सान्याल लगातार भोपाल-इंदौर और उज्जैन के बीच आना जाना कर रहा था. भोपाल के इंडस्ट्रियल क्षेत्र में उसकी आवाजाही ज्यादा बढ़ी तो जांच शुरू की गई. 17 पुलिसकर्मियों की टीम ने करीब एक महीने तक भोपाल में ही अपना ठिकाना बनाया और मामले की पड़ताल शुरू की.
दोनों आरोपी 8 दिन की रिमांड पर
इधर गिरफ्तार आरोपियों को गुजरात एटीएस ने रविवार शाम भोपाल न्यायालय में पेश किया, जहां से दोनों आरोपियों को 8 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा. इधर तीसरा आरोपी हरीश मंदसौर जिले का रहने वाला है, वह कुख्यात तस्कर है. इधर पुलिस ने फैक्ट्री मालिक एसके सिंह और जयदीप सिंह के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है.
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