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Chhattisgarh News: बलरामपुर के जंगल में बाघ ने 6 मवेशियों का किया शिकार, 4 मवेशी घायल; ग्रामीणों में फैली दहशत
Chhattisgarh News: वन विभाग ने कहा कि बाग की हर मूवमेंट को ट्रेक किया जा रहा है और मवेशियों की मौत की रिपोर्ट बनाई जा रही है, जिसके आधार पर पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा.
![Chhattisgarh News: बलरामपुर के जंगल में बाघ ने 6 मवेशियों का किया शिकार, 4 मवेशी घायल; ग्रामीणों में फैली दहशत Tiger hunted 6 cattle in Balrampur forest, injured 4 cattle Panic spread among villagers ann Chhattisgarh News: बलरामपुर के जंगल में बाघ ने 6 मवेशियों का किया शिकार, 4 मवेशी घायल; ग्रामीणों में फैली दहशत](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/24/7df25250559064f8e2c597dd1dc6ab7e1661329682901371_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Balrampur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलरामपुर (Balrampur) जिले में बाघ (Tiger) के आतंक से वनांचल इलाके में बसे ग्रामीण दहशत में आ गए हैं. जोबा जंगल (joba forest) में बाघ ने 6 मवेशियों (cattles) को अपना शिकार बना लिया है, जबकि चार अन्य मवेशियों को घायल कर दिया है. इधर वनक्षेत्र में बाघ की आमद से वन विभाग (Forest Department) अलर्ट मोड पर है. विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ग्रामीणों के बीच पहुंच रहे हैं और जंगल के अंदर नहीं जाने की सलाह के साथ मुनादी करवा रहे हैं. वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि टीम बाघ के हर मूवमेंट पर नजर बनाए हुए है.
बाघ के हमले से दहशत में ग्रामीण
दरअसल, वाड्रफनगर वनपरिक्षेत्र के अलका गांव से लगे जोबा जंगल में इन दिनों एक बाघ घूम रहा है, जिसने दो दिन के भीतर 6 मवेशियों को अपना शिकार बनाया है, जबकि 4 अन्य मवेशी बाघ के शिकार से घायल भी हुए हैं. इस घटना के बाद ग्रामीणों में हड़कंप मचा हुआ है. गांव के करीब जंगल में बाघ के होने की सूचना पर जिले के डीएफओ विवेकानंद झा मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि ये ग्रामीण अपने मवेशियों को चराने के लिए जंगल गए थे, तभी बाघ ने इन पर हमला कर दिया.
एक से अधिक हो सकती है बाघों की संख्या
उन्होंने बताया कि 20-21 अगस्त की रात बाघ ने 4 मवेशियों को मार दिया और 3 मवेशियों को घायल कर दिया. इसके एक दिन बाद उसी जंगल में बाघ ने दो और मवेशियों को अपना शिकार बनाया और एक मवेशी को घायल कर दिया. डीएफओ विवेकानंद झा के मुताबिक, मवेशियों के किलिंग पैटर्न और पंजों के निशान से जंगल के भीतर एक से अधिक की संख्या में बाघों की मौजूदगी का अनुमान लगाया जा रहा है. इसके अलावा मारे गए मवेशियों का मुआवजा प्रकरण तैयार किया जा रहा है और ग्रामीण जंगल में न जाएं इसके लिए गांव में मुनादी कराई जा रही है.
पीड़ितों को दिया जाएगा मुआवजा
डीएफओ विवेकानंद झा ने बताया कि वाड्रफनगर रेंज के अलका गांव के कुछ ग्रामीण जंगल में मवेशी चराने ले गए थे. इसी दौरान बारिश हुई तो मवेशियों को जंगल में ही छोड़कर वापस लौट आए. उसके अगले दिन जब मवेशी मालिक जंगल में गए तो पांच मवेशी मृत और दो मवेशी घायल पाए गए. इसके बाद फिर अगले दिन एक मवेशी मृत और दो मवेशी घायल मिले. मवेशियों को मारने के तरीके को देखकर आशंका जताई जा रही है कि वहां बाघ हो सकते हैं. डीएफओ ने कहा कि अब तक 6 मवेशियों की मौत हुई है और 4 घायल हुए हैं. इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है, रिपोर्ट के आधार पर पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा.
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