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Tungsten Rod: दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार, जिसके सामने न्यूक्लियर बम भी है बौना, चीन कर चुका है रिसर्च

Tungsten Rod: दुनिया में सबसे खतरनाक हथियार परमाणु बम को माना जाता है. लेकिन क्या आपको मालूम है, इससे भी ज्यादा खतरनाक एक हथियार है. इस हथियार को 'Rods from God' का नाम मिला.

Tungsten Rod:  दुनिया में सबसे खतरनाक हथियार परमाणु बम को माना जाता है. लेकिन क्या आपको मालूम है, इससे भी ज्यादा खतरनाक एक हथियार है.  इस हथियार को 'Rods from God' का नाम मिला.

दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार

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रॉड्स फ्रॉर्म गॉड की पहली बार परिकल्पना शीतयुद्ध के समय की गई. लेकिन एक बार फिर से इसकी चर्चा होने लगी है.
रॉड्स फ्रॉर्म गॉड की पहली बार परिकल्पना शीतयुद्ध के समय की गई. लेकिन एक बार फिर से इसकी चर्चा होने लगी है.
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रॉड्स फ्रॉर्म गॉड के पीछे का आइडिया ये है कि एक टंगस्टन की रॉड को पृथ्वी के ऑर्बिट से धरती पर मौजूद किसी टारगेट पर गिराया जाए.
रॉड्स फ्रॉर्म गॉड के पीछे का आइडिया ये है कि एक टंगस्टन की रॉड को पृथ्वी के ऑर्बिट से धरती पर मौजूद किसी टारगेट पर गिराया जाए.
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रॉड्स फ्रॉर्म गॉड को पूरी क्षमता से गिराने के वक्त रफ्तार लगभग हाइपरसोनिक स्पीड यानी 12 हजार किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच जाएगी तो परमाणु हथियार के समान जबरदस्त मात्रा में काइनैटिक ऊर्जा पैदा होगी.
रॉड्स फ्रॉर्म गॉड को पूरी क्षमता से गिराने के वक्त रफ्तार लगभग हाइपरसोनिक स्पीड यानी 12 हजार किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच जाएगी तो परमाणु हथियार के समान जबरदस्त मात्रा में काइनैटिक ऊर्जा पैदा होगी.
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रॉड्स फ्रॉर्म गॉड यानी टंगस्टन रॉड जब किसी  टारगेट पर गिरेगा, तो बंकरों जैसी जगहों को भी नेस्तनाबूद कर देगा. इसको बनाने के विचार सबसे पहले शीतयुद्ध के समय अमेरिका ने एक रिसर्च प्रोग्राम के दौरान किया.
रॉड्स फ्रॉर्म गॉड यानी टंगस्टन रॉड जब किसी टारगेट पर गिरेगा, तो बंकरों जैसी जगहों को भी नेस्तनाबूद कर देगा. इसको बनाने के विचार सबसे पहले शीतयुद्ध के समय अमेरिका ने एक रिसर्च प्रोग्राम के दौरान किया.
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अमेरिका ने रॉड्स फ्रॉर्म गॉड प्रोग्राम का नाम प्रोजेक्ट थॉर रखा था. इनका प्लान था कि एक 6 मीटर की टंगस्टन रॉड को ऑर्बिट से पृथ्वी पर मौजूद टारगेट पर गिराया जाए. इस दौरान ये परमाणु बम जितनी ऊर्जा पैदा करेगा, मगर इसकी वजह से रेडिएशन नहीं फैलेगा.
अमेरिका ने रॉड्स फ्रॉर्म गॉड प्रोग्राम का नाम प्रोजेक्ट थॉर रखा था. इनका प्लान था कि एक 6 मीटर की टंगस्टन रॉड को ऑर्बिट से पृथ्वी पर मौजूद टारगेट पर गिराया जाए. इस दौरान ये परमाणु बम जितनी ऊर्जा पैदा करेगा, मगर इसकी वजह से रेडिएशन नहीं फैलेगा.
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चीन की नॉर्थ यूनिवर्सिटी ऑफ चाइना के रिसर्चर्स ने एक एक्सपेरिमेंट के जरिए बताया है कि अगर टंगस्टन रॉड जैसा हथियार तैयार हो जाए, तो क्या होगा. चीनी रिसर्चर्स की स्टडी में पाया गया कि हाइपरसोनिक टंगस्टन रॉड्स सैन्य कंक्रीट बंकरों के खिलाफ उतने कारगर नहीं होंगे, जितना उन्हें मानकर चला जा रहा है.
चीन की नॉर्थ यूनिवर्सिटी ऑफ चाइना के रिसर्चर्स ने एक एक्सपेरिमेंट के जरिए बताया है कि अगर टंगस्टन रॉड जैसा हथियार तैयार हो जाए, तो क्या होगा. चीनी रिसर्चर्स की स्टडी में पाया गया कि हाइपरसोनिक टंगस्टन रॉड्स सैन्य कंक्रीट बंकरों के खिलाफ उतने कारगर नहीं होंगे, जितना उन्हें मानकर चला जा रहा है.
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2018 में चीन के वैज्ञानिकों ने टंगस्टन रॉड के प्रोटोटाइप के जरिए गोबी रेगिस्तान में टेस्टिंग की. 140 किलोग्राम के टंगस्टन रॉड को 4.6 किलोमीटर प्रति सेकेंड रफ्तार से रेगिस्तान में एक टारगेट पर गिराया गया. जहां ये रॉड गिरी, वहां पर 3 मीटर गहरा और 4.6 मीटर चौड़ा गड्ढा हो गया.
2018 में चीन के वैज्ञानिकों ने टंगस्टन रॉड के प्रोटोटाइप के जरिए गोबी रेगिस्तान में टेस्टिंग की. 140 किलोग्राम के टंगस्टन रॉड को 4.6 किलोमीटर प्रति सेकेंड रफ्तार से रेगिस्तान में एक टारगेट पर गिराया गया. जहां ये रॉड गिरी, वहां पर 3 मीटर गहरा और 4.6 मीटर चौड़ा गड्ढा हो गया.

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