Israel Hamas War: गाजा में बदतर हैं हालात! जंग के बाद क्या करेगा इजरायल? रक्षा मंत्री ने बताया- शासन फिलिस्तीनियों का होगा पर...
Israel Hamas War: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले साल कहा था कि इजरायली सेना अनिश्चितकाल के लिए गाजा की सुरक्षा का जिम्मा लेगी.
Israel Hamas War: हमास के साथ तनातनी के बीच इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा है कि युद्ध खत्म होने के बाद फिलिस्तीन का प्रशासन ही गाजा पट्टी पर शासन करेगा. वहां मौजूदा हालात बदतर हैं और स्थिति भुखमरी के कगार पर है. ये बातें उन्होंने सोमवार (15 जनवरी, 2024) को एक प्रेस क्रॉन्फ्रेंस में कहीं.
समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, गैलेंट बोले- फिलिस्तीनी गाजा में रहते हैं और इसलिए वे ही भविष्य में इस पर शासन करेंगे. भविष्य की गाजा सरकार को गाजा पट्टी से बाहर निकलना चाहिए. जब जंग खत्म हो जाएगी तो गाजा की ओर से किसी तरह का खतरा नहीं होगा क्योंकि हमास गाजा पट्टी पर शासन करने की हालत में नहीं होगा. गाजा में आगे की सरकार "नागरिकों के लिए विकल्प" होगी. हालांकि, इजरायली बलों को इजरायली नागरिकों की रक्षा के मकसद से गाजा पट्टी में "ऑपरेशन की आजादी" रहेगी.
Benjamin Netanyahu ने जंग के दौरान कही थी यह बात
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले साल जंग के बीच कहा था कि युद्ध के बाद अनिश्चितकाल के लिए इजरायली सेना ही गाजा की सुरक्षा का जिम्मा लेगी. आगे अमेरिका ने नेतन्याहू को आगाह किया था कि वह जंग के बाद का कोई प्लान नहीं बनाएं. वैसे, इजरायल के हमलों में गाजा में कम से कम 24,100 लोग मारे जा चुके हैं और 60,800 से ज्यादा लोग घायल हुए. 7 अक्टूबर के हमास हमलों में इजरायल में मरने वालों की संख्या 1,139 थी.
Hamas के यौन अपराधों की हो रही जांच
जनवरी की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की ओर से नियुक्त स्वतंत्र विशेषज्ञों ने कहा था कि 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने जिन महिलाओं को कैद किया था उनमें कई के शरीर पर गहरे जख्म (रेप की आशंका के संदर्भ में) देखने को मिले. ये सबूत हमास के कथित अपराधों की ओर इशारा करते हैं.
यूएन महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने कहा था, ''सात अक्टूबर को हमास की हिंसा की कड़ाई से जांच की जानी चाहिए और उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.''
The accounts of sexual violence committed by Hamas and others on October 7th must be rigorously investigated and prosecuted.
— António Guterres (@antonioguterres) January 16, 2024
Nothing can justify the deliberate killing, injuring and kidnapping of civilians.
Nothing can justify the launching of rockets towards civilian targets.
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