Afghanistan: काबुल में पूर्व सांसद मुर्सल नबीज़ादा की हत्या, साथी सांसद बोले, 'नहीं रही अफगानिस्तान की बहादुर बेटी'
अफगानिस्तान में पूर्व सांसद मुर्सल नबीज़ादा की काबुल स्थित उनके घर में किसी ने उनकी और उनके सुरक्षा कर्मी की गोली मार कर हत्या कर दी. तालिबान ने कहा कि वह मामले की पूरी गंभीरता से जांच करेंगे.
Afghanistan: अफगानिस्तान में रविवार (15 जनवरी) को कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने अफगानिस्तान की पूर्व सांसद मुर्सल नबीज़ादा की और उनके बॉर्डीगार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी. काबुल पुलिस ने कहा है कि वह इस मामले की जांच कर रहे हैं.
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान के सत्ता संभालने से पहले सांसद रहीं मुर्सल सैन्य सत्ता हस्तांतरण के बाद अफगानिस्तान छोड़ कर नहीं गईं थी. पुलिस ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि उन्होंने इस मामले की गंभीरतापूर्वक जांच शुरू कर दी है और वह दोषियों को कड़ी सजा दिलाएंगे.
I am deeply saddened to hear of the tragic killing of our friend & colleague, MP @NabizadaMursal. She was a fearless champion for Afghanistan, tirelessly speaking out against the atrocities committed by Pakistan. Her loss is a great blow to our nation & she will be sorely missed. pic.twitter.com/Ir9BEDcerj
— Mariam Solaimankhil (@Mariamistan) January 15, 2023
क्या बोले साथी सांसद?
उनकी मौत पर नाराजगी जाहिर करते हुए पूर्व सांसद मरियम सोलीमंखी ने ट्वीट कर कहा कि मुर्सल अफगानिस्तान की सबसे बहादुर बेटी थी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि उनको अपने मित्र और सहयोगी सांसद की दुखद हत्या के बारे में सुनकर गहरा धक्का लगा है.
मुर्सल ने कहा कि वह निडर महिला था और अफगानिस्तान में पाकिस्तान की तरफ से किए जा रहे अत्याचार पर खुलकर बोलतीं थी. उन्होंने कहा कि उनका जाना हमारे देश के लिए एक बड़ा झटका है और हमको हमेशा उनकी कमी खलेगी.
किसने किया हमला
पुलिस के मुताबिक मुर्सल की हत्या अज्ञात लोगों ने की है और वह मामले की जांच कर रहे हैं. अफगानिस्तान 32 वर्षीय नबीजादा अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत नांगरहार से हैं, वह 2018 में पहली बार सांसद बनीं थी.
मूर्सल की हत्या के बारे में दुख प्रकट करते हुए ईयू की संसद के सदस्य हन्ना न्यूमैन ने ट्वीट कर कहा कि वह हत्या की वजह से क्रोधित हैं और वह चाहते हैं कि ये बात दुनिया को पता चले. उन्होंने तालिबान सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि मूर्सल की हत्या रात के अंधेरे में की गई लेकिन तालिबान ने दिन के उजाले में ही लैंगिक रंगभेद की अपनी प्रणाली का निर्माण किया.
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