By: ABP News Bureau | Updated at : 09 Nov 2016 11:57 PM (IST)
वाराणसी/इलाहाबाद/कानपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए 500 और 1000 रुपए के नोट को बंद करने का ऐलान कर दिया. इससे उत्तर प्रदेश में कहीं जश्न का माहौल नजर आया तो इसके खिलाफ दिखा. कुछ लोगों का कहना था कि पीएम मोदी को इसके लिए जनता को थोड़ा वक्त देना चाहिए था. जानें पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से लेकर इलाहाबाद और कानपुर में इसे लेकर कैसा रहा लोगों का रिएक्शन?

वाराणसी के लोगों ने किया ने PM के फैसले का स्वागत
वाराणसी के लोगों ने केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट को बंद करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का यह सराहनीय कदम है. यह कालाधन रोकने के लिए बहुत बड़ी पहल है. देश की अर्थव्यवस्था के लिए यह जरुरी था.
पीएम के फैसले को लेकर एक शख्स रजनीश ने कहा कि इस फैसले से आतंकवाद पर अंकुश लगेगा. साथ ही आने वाले विधानसभा चुनाव में कालेधन के इस्तेमाल की संभावनाओं पर भी लगाम लगेगा. जिनके पास कालेधन के रूप में अरबों रुपये पड़े हैं, प्रधानमंत्री के इस फैसले से उनकी कमर टूट जाएगी और उनके लिए यह फैसला एक बड़ी समस्या है.
रजनीश को मुताबिक आने वाले दिनों में शादी लगन का होने की वजह से लोगों को थोड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा लेकिनजो लोग सरकार के टैक्स की चोरी करते थे, उन्हें तो परेशानी होगी. उन्होंने काह कि सही काम करने वालों को प्रधानमंत्री के इस फैसले से कोई घबराहट और परेशानी नहीं होगी.
तो वहीं एक दुकानदार राजेश ने कहा कि मेरे पास दवा और घर के सामान ले जाने के लिए सौ का नोट नहीं है. जो है सब बड़ा नोट ही है. परेशानी तो बहुत होगी लेकिन प्रधानमंत्री का यह कदम सराहनीय है. सरकार का ये कदम अच्छा है लेकिन आम जनता के लिए सरकार को कुछ समय देना चाहिए था.

नोट मामले पर शुरू हुई सियासत, कहीं हुआ विरोध प्रदर्शन तो कहीं मना जश्न
संगम नगरी इलाहाबाद में पांच सौ और हजार रुपये के नोट बंद होने पर सियासी पार्टियों ने इसे मुद्दा बनाकर इस पर राजनैतिक रोटियां सेंकनी शुरू कर दी है. इलाहाबाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज जहां मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर इस फैसले को गरीब विरोधी करार दिया वहीं बीजेपी के लोगो ने पटाखे फोड़कर व मिठाइयां बांटकर जश्न मनाया.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सुभाष चौक पर हुए प्रदर्शन के दौरान मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और बड़ी नोट बन्द करने के फैसले को गरीब विरोधी करार दिया. प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां लिए हुए थे. इससे अलग बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइन्स इलाके में इकट्ठे होकर मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया और जमकर जश्न मनाया.
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इस मौके पर पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटकर खुशी मनाई. जश्न मनाने वाले बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कहा है कि सरकार के इस फैसले से काले धन पर लगाम लगेगी और भ्रष्टाचार कम होगा.
सबसे ज़्यादा भीड़ एटीएम और पेट्रोल पम्पों पर
पांच सौ और हजार के नोट बंद होने के एलान के साथ ही संगम के शहर इलाहाबाद के लोग भी घबरा गए और अपने नोट खपाने व दो दिनों का खर्च निकालने के इंतजाम में जुट गए. लोगों की सबसे ज़्यादा भीड़ एटीएम और पेट्रोल पम्पों पर जुटी. कुछ लोग एटीएम पर पैसे जमा करने पहुंचे तो कुछ लोग सौ-सौ के नोट पाने के लिए. पेट्रोल पम्पों पर भी लोग अपने नोट खपाने के लिए इकट्ठे हुए.
आधी रात को यहां कई एटीएम बूथों व पेट्रोल पम्पों पर लोगों की लंबी लाइन दिखाई पडी. हालांकि मोदी सरकार के इस फैसले पर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया है. कोई इस फैसले की तारीफ़ करते हुए इसके दूरगामी नतीजे सामने आने की बात कह रहा है तो किसी को लगता है कि इससे आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा और कोई काला धन वापस नहीं आएगा.

कानपुर: किसी भी अधिकारी ने नहीं लिया कमीशन!
कानपुर में तमाम सरकारी विभाग जहां ठेकेदार अपना बिल पास करवाने के लिए कमीशन देते थे वहां आज किसी भी अधिकारी ने कमीशन नहीं लिया. वजह साफ़ थी कि मोटी रकम लेने के लिए 500 और 1000 के नोट चाहिए. जो ठेकेदार के पास तो है लेकिन अधिकारी और बाबू इन नोटों को कैसे?
नगर निगम,कानपुर विकास प्राधिकरण, पीडब्लूडी और व्यापार कर ये ऐसे चार विभाग है जहां पर मोटी रकम कमिशन के तौर पर चलती है लेकिन खबरों के मुताबिक आज जिन ठेकेदारों के चेक बने उन्होंने कमीशन देने के लिए जब 500 और 1000 के नोट की पेशकश की तो कमीशन लेने वालों ने मना कर दिया. पीएम के इस फैसले से ठेकेदार तो खुश है लेकिन कमीशन बाज अधिकारी और कर्मचारियों के चहरे पर हवाइया उड़ी नजर आईं.
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