इंदौर : दुबई की हसीना का 'आंतक', पाकिस्तानी पति की 'कमाई' से नाखुश होकर बनाया 'किडनैपिंग गैंग'

भोपाल : मध्यप्रदेश के इंदौर में एक सनसनीखेज वारदात को पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है. इसके साथ ही दो शातिर महिलाओं सहित कुल सात लोगों की गिरफ्तारी भी की है. खास बात यह है कि इस मामले की मास्टरमाइंड, दुबई से आई थी. पूछाताछ में उसने जो खुलासा किया है उससे पुलिस भी चौंकी हुई है. बहरहाल गिरफ्तारी के बाद अभी उनसे पूछताछ की जा रही है.
यहां आकर उसने एक करीबी महिला को अपनी प्लानिंग बताई
पुलिस के अनुसार आरोपी दुबई से इंदौर आई. यहां आकर उसने एक करीबी महिला को अपनी प्लानिंग बताई. उसके बाद पांच लड़कों को चुना और फिर एक बड़े अपहरण को अंजाम देने के लिये पूरी गैंग तैयार हो गई. फिर अपने शिकार को चुना और उसका अपहरण कर उसे छुपा दिया. मगर पुलिस वहां तक पहुंच गईय अपहरण के शिकार हुए शख्स को मुक्त करा लिया गया.
जिस शख्स का अपहरण हुआ था उसका नाम राजेंद्र शिंदे है
जिस शख्स का अपहरण हुआ था उसका नाम राजेंद्र शिंदे है. राजेन्द्र एक निजी कम्पनी के मार्केटिंग मैनेजर हैं. 13 जून को राजेन्द्र का अपहरण हो गया था. पिछले सप्ताह देर रात पुलिस ने उन्हें इंदौर के चंदन नगर इलाके में स्थित एक सूनसान मकान से खोज कर निकाला. वहां राजेन्द्र गहरी बेहोशी की हालत में जमीन पर पड़े थे. उन्हे बेहोशी के कई इंजेक्शनल लगाकर अंधेरे कमरे में छोड़ रखा था.
यह भी पढ़ें : बिहार में दो शर्मनाक कांड : दुष्कर्म के बाद युवती को चलती ट्रेन से फेंका, फीस के लिए छात्राओं के कपड़े उतरवाए
राजेन्द्र की पत्नी पुलिस के पास पहुंची और शिकायत दर्ज करवाई
15 जून को राजेन्द्र की पत्नी पुलिस के पास पहुंची और शिकायत दर्ज करवाई. उसमें बताया कि उनके पति 13 जून की शाम कार लेकर घर से बिना कुछ बताये निकले थे, मगर अब तक उनका कुछ अता पता नहीं है. मोबाईल भी लगातार बंद आ रहा है. पुलिस ने तहकीकात शुरु की. शहर से बाहर जानें वाले सभी हाईवे के टोलबूथ पर लगे सीसीटीवी चेक करना शुरु किये.
मशक्कत के बाद रात को जाकर पुलिस के हाथ सुराग लगा
दिनभर की मशक्कत के बाद रात को जाकर पुलिस के हाथ सुराग लगा. इंदौर के पास महू के टोल प्लाजा पर राजेन्द्र की कार दिखी. जिसमें राजेन्द्र पीछे एक महिला के साथ बैठे थे और आगे एक युवक कार चला रहा था. युवक के पास भी एक महिला बैठी थी. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज जब राजेन्द्र के परिजनों को दिखाये तो वो महिला को पहचान गये.
वो तीन साल पहले तक राजेन्द्र के साथ कम्पनी में जॉब करती थी
महिला का नाम सारा कुरैशी था और वो तीन साल पहले तक राजेन्द्र के साथ कम्पनी में जॉब करती थी. मगर उसनें एक पाकिस्तानी नागरिक से शादी कर ली और दुबई में सेटल हो गई थी. उसके बाद फिर वो कभी इंदौर में नहीं दिखी थी. पुलिस ने सारा कुरैशी को हिरासत में लेकर पूछताछ करना शुरु कर दिया. सारा टूट गई, उसने कबूल कर लिया कि उसने ही अपनी दोस्त उज्मा और पांच भाड़े के बदमाशों के साथ मिलकर गैंग बनाई और पूरी प्लानिंग करके राजेन्द्र का अपहरण कर लिया.
यह भी पढ़ें : पैसों के लिए 'पाप', मारपीट के बाद एंबुलेंस में बांध शख्स को गांव भर में घसीटा
वो पीथमपुर की एक कम्पनी नोबल हाईजीन में काम करती थी
राजेन्द्र के साथ वो पीथमपुर की एक कम्पनी नोबल हाईजीन में काम करती थी. जहां उसके राजेन्द्र से सम्बन्ध बन गये. दोनों ने लम्बा वक्त साथ में गुजारा और फिर वो शादी करके दुबई चली गई. मगर वहां पति की नौकरी से पैसे की अच्छी आमद नहीं होने पर उसने जल्दी पैसा कमाने की तरकीब सोची. इसके लिये वो वापस इंदौर आ गई. शुरुआत उसे आसान शिकार से करना थी.
जानती थी कि राजेन्द्र और उसकी पत्नी की तनख्वाह अच्छी खासी है
जिसके लिये उसनें राजेन्द्र शिंदे को चुना. राजेन्द्र उसे जानता भी था और उसके कहने पर तत्काल आ भी सकता था. सारा जानती थी कि राजेन्द्र और उसकी पत्नी की तनख्वाह अच्छी खासी है. वो आराम से 50 लाख रुपये तक दे सकते हैं. सारा ने उसके साथ महेश्वर घूमनें की बात कही. प्लानिंग तैयार थी. महेश्वर पहुंचते ही चाकू की नोक पर राजेन्द्र को कार में ही बंधक बनाया और बेहोशी के इंजेक्शन लगा दिया.
अपहरण के चौथे दिन वो राजेन्द्र की पत्नी को फोन कर फिरौती मांगेगी
सारा का प्लान था कि अपहरण के चौथे दिन वो राजेन्द्र की पत्नी को फोन कर फिरौती मांगेगी. जिससे पहले से परेशान उसकी पत्नी पैसा देने के लिये ज्यादा सोचेगी नहीं. मगर उसके पहले ही सारा का भांडा फूट गया और वो पुलिस की गिरफ्त में आ गई. पुलिस का मानना है कि अगर ये किडनैपिंग सक्सेस हो जाती तो सारा और उसकी गैंग कोई बड़े कारनामे को अंजाम दे सकती थी.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















