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वंश की जिम्मेदारी अकेले महिला पर नहीं, डॉक्टरों ने कहा- पुरुष बांझपन को भी हल करने की जरूरत
पुरुष और महिला दोनों के लिए प्रजनन की चुनौतियां अक्सर तनावपूर्ण होती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि जोखिम और बांझपन से जुड़े जीवनशैली के फैक्टर की जागरुकता पुरुषों को प्रजनन स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त कदम उठाने की अनुमति दे सकता है.
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वंश बढ़ाने की जिम्मेदारी अकेले महिला के कंधों पर नहीं है. गर्भधारण के लिए एक पुरुष पार्टनर का समान योगदान होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बांझपन उस वक्त होता है जब दंपत्ति, एक वर्ष या उससे अधिक समय के प्रयास के बाद भी प्रेगनेन्सी हासिल कर पाने में असमर्थ होते हैं. पाया गया है कि 40 फीसद बांझपन के मामले पुरुषों से जुड़े होते हैं, 40 फीसद महिलाओं से और 20 फीसद का पता दोनों लिंग में लगाया जा सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि जैविक प्रणाली और प्रजनन की समस्याओं का सामना करनेवाले पुरुषों के बारे में जागरुकता फैलाने की जरूरत है.
पुरुष बांझपन के मुद्दे हल करने का समय
भारतीय समाज में पुरुषों को आम तौर से शिक्षा की कमी के कारण प्रजनन स्वास्थ्य की अवधारणा और सही ज्ञान नहीं होता है. जरूरी है कि पुरुष वाकिफ हों और शुरुआती परीक्षण और इलाज के लिए पुरुष बांझपन को समझें. पुरुष प्रजनन के मुद्दों का पता लगाना महिलाओं के कलंक को सीमित करेगा. कोलंबिया एशिया अस्पताल, पालम विहार, गुरुग्राम में कंसलटेंट डॉक्टर अमितव घोष के मुताबिक, आसान शब्दों कहा जाए तो स्थिति का मतलब है एक शख्स जैविक रूप से बच्चे का पिता बन पाने योग्य नहीं है, वैज्ञानिक परिभाषा में, पुरुष बांझपन संकेत करता है कि या तो स्पर्म स्वस्थ नहीं है या स्पर्म पैदा नहीं हो पा रहे हैं.
40 फीसद बांझपन के मामले पुरुषों से जुड़े
पुरुष बांझपन स्पर्म की कम संख्या के कारण हो सकता है. उसका पता लगाने के लिए सीमेन टेस्ट किया जाता है. नपुंसकता को भी ध्यान देने की जरूरत है. ऐसी सूरत में कुछ हार्मोन संबंधी टेस्ट कराने का अतिरिक्त सुझाव दिया जा सकता है. पुरुष बांझपन का चेकअप बहुत आसान है, तस्वीर सीमेन के विश्लेषण से साफ हो जाती है. संदेह के मामले में इस तरह के टेस्ट को चुना जाना चाहिए. श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में स्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रूबी सेहरा का कहना है, "समाज में जागरुकता का अभाव सीमित करता है और पुरुष बांझपन के दृष्टिकोण को प्रभावित करता है. गर्भधारण के लिए एक पुरुष पार्टनर का समान योगदान होता है. समाज के एक वर्ग में सिर्फ महिलाओं को दोषी ठहराया जाता है, और ज्यादातर मामलों में सिर्फ महिलाओं को अपना टेस्ट कराने को कहा जाता है." जीवनशैली के खास व्यवहार की समझ सभी पुरुषों के अच्छे प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकती है.
नियमित पर डॉक्टर से मुलाकात करें- संपूर्ण प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए डॉक्टर से मिलें. आपका डॉक्टर आपके स्वास्थ्य का पता लगा सकता है और वक्त से पहले मुद्दों को रोकने के लिए कार्रवाई कर सकता है.
तंबाकू, स्मोकिंग छोड़ें और अल्कोहल सीमित करें- पुरुषों में नपुसंकता के प्रमुख कारणों में स्मोकिंग एक है. छोड़ने से इस स्थिति पर काबू पाया जा सकता है. उसके अलावा, अल्कोहल का अधिक मात्रा में सेवन भी आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है.
जीवनशैली के विकारों को काबू करें- मोटापा प्रजनन क्षमता को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है. उचित पौष्टिक डाइट और शारीरिक गतिविधि को बनाए रखना सुनिश्चित करेगा कि प्रजनन प्रणाली अच्छी सेहत में रहे. रोजाना 15-20 मिनट व्यायाम और हर संभव तनाव को कम करें.
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